में बहुत खुश हूँ कि मुझे प्रयासों को मान्यता मिली : भूपेन्द्र सिंह हुड्डा

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bhupinder singh hooda invcसंजय राय,,
आई.एन.वी.सी,,
दिल्ली,,
गेहूं उत्पादन में उत्कृष्टता वाले राज्य की श्रेणी में हरियाणा को वर्ष 2011-12 के लिए कृषि कर्मण पुरस्कार प्रदान किया गया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी से यह पुरस्कार प्राप्त किया। हरियाणा को लगातार दूसरे वर्ष इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। पुरस्कार में एक करोड़ रूपये की राशि के साथ एक ट्राफी और प्रशस्ति पत्र भी दिया गया है। हरियाणा को यह पुरस्कार 2011-12 में सबसे अधिक 130.69 लाख टन गेहूं के उत्पादन और 5182 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर उत्पादकता के लिए दिया गया है। पिछले वर्ष 2010-11 में भी हरियाणा को सबसे अधिक 116.30 लाख टन गेहूं के उत्पादन और 4624 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर उत्पादकता के लिए यह पुरस्कार दिया गया था। हरियाणा के दो किसानों को भी प्रति हेक्टेयर गेहूं की सबसे अधिक पैदावार लेने के लिए एक-एक लाख रूपये का पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिया गया है। हिसार जिले के सिसाय बोलान गांव के किसान राम कुमार ने प्रति हेक्टेर 7700 किलो ग्राम गेहूं का उत्पादन किया, जो एक रिकोर्ड है। दूसरी एक किसान महिला अनीता, पानीपत जिले के पसीना खुर्द गांव की है, जिसने प्रति हेक्टेयर 6320 किलो ग्राम गेहूं की पैदावार ली। बाद में, संवाददाताओं से बातचीत में श्री हुड्डा ने कहा कि उन्हें इस बात की बहुत खुशी है कि उनके प्रयासों को मान्यता मिली है और हरियाणा को कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वर्ष 2011-12 के दौरान हरियाणा केन्द्रीय अनाज भण्डार में अनाज देने वाला दूसरा सबसे बड़ा राज्य था। हरियाणा ने इस वर्ष 86.65 लाख टन गेहूं केन्द्रीय भण्डार में दिया। संवाददाताओं के प्रश्न के उत्तर में श्री हुड्डा ने कहा कि हालांकि राज्य सरकार की कृषि नीति किसान समर्थक है और सरकार ने किसानों को अच्छे बीज, खाद, सिंचाई और बिजली के मामले में पूरी मदद की, लेकिन इस पुरस्कार का पूरा श्रेय किसानों की कड़ी मेहनत को जाता है। मैं इसके लिए उन्हें बहुत-बहुत बधाई देता हूं। गेहूं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाये जाने के प्रश्न पर श्री हुड्डा ने कहा कि 65 रूपये प्रति क्विंटल के बोनस के साथ गेहूं के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य 1350 रूपये प्रति क्विंटल हो गया है, लेकिन यह भी पर्याप्त नहीं है। उम्मीद है कि अगली बार न्यूनतम समर्थन मूल्य और ज्यादा तय किया जाएगा। इस अवसर पर हरियाणा के कृषि मंत्री श्री परमवीर सिंह, मुख्यमंत्री हरियाणा के प्रधान सचिव श्री छतर सिंह, कृषि विभाग के प्रधान सचिव श्री रोशन लाल, हरियाणा के प्रधान स्थानीय आयुक्त श्री पी.के. महापात्रा और कृषि विभाग के महानिदेशक श्री ए.के. सिंह भी मौजूद थे।

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