मिलावटखोर से मिले हैं अफसर –जानकारी होने के बाद भी नहीं पहुंचे मौके पर –खुद को बचाने मंगवाया मावा फिर की कार्रवाई

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corruption52 क्विंटल 50 किलो मावा छोड़ दिया
हेमन्त पटेल,

आई एन वी सी ,
 भोपाल,
शहर में मावे की मिलावटखोरी खाद्य एवं औषधि प्रशासन अमले के संरक्षण में ही चल रही है। लाबांखेड़ा में दबंग की पड़ताल के बाद शनिवार को इस बात का खुलासा हुआ। सूचना पर अमला मौके पर पहुंचा, मावा व्यापारी से बात की लेकिन कार्रवाई नहीं। इस बीच अमला (खाद्य सुरक्षा अधिकारी भोजराज सिंह धाकड़ और धर्मेन्द्र नोनईया) कैमरे में कैद हो चुका था। अमले को कैमरे में कैद होने की बात पता चली तो आनन-फानन में मौके पर मावे की गाड़ियां बुलवाई और कार्रवाई को अंजाम दिया।
कार्रवाई को अंजाम दिए जाने से पहले करीब 11.30 तक दोनो ही मौके पर न होने की बात करते रहे। शनिवार सुबह 9.00 बजे गुप्तचर की सूचना पर दबंग बैरसिया रोड, लांबाखेड़ा स्थित रिद्धी हाईट्स के पीछे एकांत में बने रेणू कृषि फार्म हाउस पहुंचा। करीब 10 बजे यहां 4 आॅटो में मावा शहर के विभिन्न मावा व्यापारियों को सप्लाई के लिए भेज दिया गया। उल्लेखनीय है कि यहां शुक्रवार को भी कार्रवाई को अंजाम दिया गया था। इसके बाद खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने 10 क्विंटल मावा जब्ती में लिया था। मौके पर कोल्ड स्टोरेज व मावा सप्लायर मनीष साहू से बात की तो उसने कहा, यह मावा हमारा नहीं है। भोपाल के मावा व्यापारियों का है। बकौल मनीष साहू ‘दोस्त इस मावे को लाने में सबकी मिली भगत है। प्रशासनिक अमला भी इसमें शामिल है। भोपाल के हर बड़े मावा व्यापारी व मिष्ठान विक्रेता के पास यहीं से मावा सप्लाई किया जाता है। तुम बताओ कुछ सेवा करना है क्या?’

-ऐसे समझें कहानी
गुप्तचर की सूचना पर रिपोर्टर मौके पर पहुंचा। 10 बजे यहां 4 आॅटो में मावे की डलियाओं को लोड किया जा रहा था। इस वक्त यहां करीब 150 डलिया यानी 52 क्विंटल 50 किलो मावा था। यह मावा 210 रुपए प्रति किलो के हिसाब से 11 लाख 2 हजार 50 रुपए का होता है। इन आॅटो में एक व्यक्ति नोट बुक में दर्ज व्यापारियों की फर्म के नाम अनुसार मावे की डियालियाएं लोड करा रहा था। मौके पर रिपोर्टर को देख कर्मचारियों ने थोड़ी जल्दी दिखाई। इस बीच खाद्य अमले को फोन कर मावा उतारने की जानकारी दी गई। अमला 10.55 पर यहां पहुंच चुका था, लेकिन त्वरित कार्रवाई को अंजमा नहीं दिया। 1 बजे दोबारा मावे की गाड़ियां बुलवाई और कार्रवाई की।

-हर समय झूठ बोलते रहे अधिकारी
10 बजे रिपोर्टर मौके पर पहुंचे।
कुछ अंतराल पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी को मावा उतारे जाने की सूचना दी।
10.55 पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी भोजराज सिंह धाकड़ और धर्मेन्द्र नोनईया मौके पर पहुंचे।
11.10 बजे धर्मेन्द्र को फोन लगाया, लेकिन इन्होंने मौके पर न होने की बात कही।
इसी बीच हमने कैमरे में कैद होने की बात कही।
11.30 पर अमले से फिर फोन पर पूछा कहां है? अब मौके पर जाने रास्ते में होने की बात कही, जबकि दोनो मौके पर ही थे।
11.31 पर हमने दोबारा कहा, आप मौके पर है और कैमरा इसका गवाहा है, लेकिन उन्होंने फोटो शुक्रवार के होना बता दिया।
1.00 बजे अमले का फोन रिपोर्टर का फोन आया और कार्रवाई किए जाने की सूचना दी। बता दें इस बीच मावे से लदी गाड़ी मंगवाई, जिससे अपनी गलती को अधिकारी छिपा सकें।

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