मायावती का जाति-विहीन समतामूलक भारत’’ बनाने का संकल्प

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Mayawati380आई एन वी सी ,
लखनऊ,

 अपने भारत देश में जातिवादी व्यवस्था के कारण यहाँ व्याप्त असमानता से ग्रस्त समाज में सभी शोषितों-पीड़ितों, वंचितों में भी ख़ासकर दलितों व अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के साथ जीने के उनके मानवीय हक़ को संविधान व क़ानूनी तौर पर सुनिश्चित करने का महान व युग-परिवर्तनीय कार्य करने के कारण उन सबके दिल-दिमाग़ में अति आदरपूर्वक बसने वाले उनके मसीहा भारतरत्न बोधिसत्व परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को, आज उनके 123वें जन्म-दिवस पर, कृतज्ञ राष्ट्र ने अत्यन्त आदर व सम्मानपूर्वक स्मरण किया और उनके सपनों का ’’शोषण-मुक्त, जाति-विहीन मानवतावादी समतामूलक भारत’’ बनाने हेतु ’’बी.एस.पी. मूवमेन्ट’’ को समर्पित रहने के अपने संकल्प को देश भर में दोहराया।
चूँकि इस समय देश में लोकसभा के लिये आमचुनाव चल रहा है, इस कारण, इस अवसर पर, आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बी.एस.पी. सरकार द्वारा निर्मित ऐतिहासिक महत्व के भव्य ’’डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल’’ में बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने के बजाय   बी.एस.पी. के लोगों ने अपने-अपने जिले व क्षेत्र में चुनावी व्यस्तता के बावजूद अपने मसीहा बाबा साहेब डा. अम्बेडकर को स्मरण किया और उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किया।
बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की चार बार रहीं मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी द्वारा, देश भर में अपने चुनाव अभियान को जारी रखने के क्रम में आन्ध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद जाने का कार्यक्रम है। उल्लेखनीय है कि दक्षिण भारत के राज्य आन्ध्र प्रदेश में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा का भी आमचुनाव हो रहा है और हैदराबाद में राज्य स्तरीय चुनावी जनसभा में सम्बोधन के साथ ही साथ परमपूज्य बाबा साहेब डा़ भीमराव अम्बेडकर को श्रद्धा-सुमन अर्पित करने का सुश्री मायावती जी का आज कार्यक्रम है। परन्तु हैदराबाद जाने से पहले आज सुबह अपने निवास 13 माल एवेन्यू स्थित बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया और उनके सपनों का भारत निर्मित करने के लिये बी.एस.पी. मूवमेन्ट को लगातार हर प्रकार से मजबूत बनाने व उसे आगे बढ़ाते रहने का संकल्प दोहराया।
इस अवसर पर अपने संक्षिप्त सम्बोधन में सुश्री मायावती जी ने कहाकि बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के तमाम अनुयाईयों को बाबा साहेब का यह मंत्र हमेशा याद रखना चाहिए कि सत्ता एक ऐसी मास्टर चाबी है जिसे प्राप्त करके तरक्की के तमाम बन्द दरवाजे खोले जा सकते हैं और बी.एस.पी. मूवमेन्ट ने उत्तर प्रदेश में चार बार की अपनी सरकार में ऐसा करके भी दिखा दिया है। और अब आगे चलकर केन्द्र की भी सत्ता प्राप्त करके, सर्वसमाज के व्यापक हित में, देश में शोषण व अन्याय-मुक्त समतामूलक समाज व्यवस्था स्थापित करने की भी कोशिश की जायेगी, ऐसा बी.एस.पी. का संकल्प है, जिसके लिये सर्वसमाज को भी जी-जान से आगे आने की आवश्यकता है, क्योंकि इसी में सर्वसमाज व देश का असली हित व वास्तविक कल्याण निहित है।
अपने देश में ’’सामाजिक परिवर्तन’’ की महानायिका बहन कु. मायावती जी अपने सम्बोधन में कहा कि उनके नेतृत्व मे अब तक उत्तर प्रदेश में चार बार बनी     बी.एस.पी. की सरकार ने सर्वसमाज के ग़रीबों, शोषितों व दलितों एवं अन्य पिछड़े वर्ग तथा धार्मिक अल्पसंख्यकों में ख़ासकर मुस्लिम समाज के लोगों की भलाई व तरक़्क़ी के लिये जो काम किये हैं वे ऐतिहासिक महत्व के एवं बेमिसाल व अद्वित्तीय है, जिसे अब ज्यादातर लोग स्वीकार करने लगे हैं।
उन्हांेने कहा कि उत्तर प्रदेश में हमारी विरोधी पार्टियां ख़ासकर सपा हमारी सरकार द्वारा जनहित व कल्याण के लिये किये गये महत्वपूर्ण व ऐतिहासिक कार्यों को राजनीतिक दुर्भावना व द्वेष के बिना पर चाहे लाख ग़लत अनर्गल बयानबाजी व कार्य करें, परन्तु यह हक़ीक़त है कि प्रदेश की जनता उन कार्यो से भरपूर लाभ उठा रही है और हमारी सरकार व उसके कार्यों की सरहना भी खुलेआम कर रही है।
उल्लेखनीय है कि बहन कुमारी मायावती जी के नेतृत्व में अब तक उत्तर प्रदेश में चार बार बनी उनकी सरकार में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए तथा उनके आदर-सम्मान में जनहित की अनेकों महत्वपूर्ण योजनाएं और कार्यक्रम भी संचालित किये गये। इसके तहत अनुसूचित जाति/जनजाति व पिछड़ा वर्ग एवं अन्य कमज़ोर वर्गाें के लोगों के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए डा. अम्बेडकर ग्रामसभा विकास विभाग का गठन करते हुए इनकी आबादी बाहुल्य वाले गांवों की तरक्की और खुशहाली के लिए डा. भीमराव अम्बेडकर ग्रामसभा विकास योजना काफी प्रभावी ढंग से चलायी गयी। इसके अलावा, 10 हज़ार डा. अम्बेडकर ग्रामों की अनुसूचित जाति की बस्तियों में सोडियम लाइट लगाये गये। अम्बेडकर ग्राम सभाओं की प्रत्येक दलित बस्तियों में ’’बहुउद्देशीय सामुदायिक केन्द्र’’ बनाये गये। अनुसूचित जाति /जनजाति वर्गों के लोगों को रोज़गार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डा. अम्बेडकर विशेष रोज़गार योजना को प्रभावी रूप से संचालित किया गया।
इसी प्रकार, बाबा साहेब के सम्मान में आगरा विश्वविद्यालय का नामकरण बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर किया गया। इसी विश्वविद्यालय में बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के नाम पर अम्बेडकर पीठ की भी स्थापना की गयी। डा. अम्बेडकर के नाम पर अनुसूचित जाति/जनजाति कोचिंग सेन्टर की स्थापना जनपद अलीगढ़ और आगरा में की गयी। फै़ज़ाबाद मण्डल के अन्तर्गत अम्बेडकरनगर के नाम से नये ज़िले का गठन किया गया। वाराणसी में बाबा साहेब के नाम पर स्टेडियम का नामकरण तथा रामपुर में संग्रहालय व पुस्तकालय की स्थापना की गयी। इसके अलावा, जनपद बांदा में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर मेडिकल कालेज, नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा में डा. भीमराव अम्बेडकर मल्टी सुपर स्पेशियल्टी अस्पताल स्थापित कराये गये। साथ ही, कानपुर में डॉ. अम्बेडकर इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी फार हैण्डीकैप्ड तथा जनपद आज़मगढ़ में    डा. अम्बेडकर भवन का निर्माण कराया गया। जनपद मैनपुरी तथा क़न्नौज में डा. भीमराव अम्बेडकर राजकीय महाविद्यालय की स्थापना की गयी। इसी प्रकार, लखनऊ में डा. भीमराव अम्बेडकर अन्तर्राष्ट्रीय खेल स्टेडियम तथा ग्रेटर नोएडा में 500 सीटों वाले    डा. अम्बेडकर अनुसूचित जाति/जनजाति छात्रावास का निर्माण कराया गया। आगरा एवं गौतम बुद्ध नगर में डा. अम्बेडकर पार्क स्थापित किया गया। लखनऊ में डा. अम्बेडकर पर्यावरण म्यूज़ियम तथा डॉ. अम्बेडकर पर्यावरण परिसर का निर्माण कराया गया। बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ में अम्बेडकर पीठ की स्थापना तथा प्रशासनिक भवन संकुल का निर्माण कराया गया है।
बाबा साहेब डा. अम्बेडकर की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के उद्देश्य से ही   बी.एस.पी. सरकार द्वारा लखनऊ में गोमती नदी के तट पर विश्व-स्तरीय ‘‘डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल‘‘ स्थापित किया गया है, जिसके अर्न्तगत डा. भीमराव अम्बेडकर विहार, डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन गैलरी, डा. भीमराव अम्बेडकर स्मारक दृश्य स्थल, डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन प्रतिबिम्ब स्थल तथा सामाजिक परिवर्तन संग्रहालय स्थापित है। इसके अलावा, डा. भीमराव अम्बेडकर गोमती पार्क का निर्माण और इस पार्क में डा. अम्बेडकर की प्रतिमा भी स्थापित की गयी। साथ ही, लखनऊ में डा. भीमराव अम्बेडकर गोमती विहार खण्ड-1, खण्ड-2, खण्ड-3 एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर गोमती विहार खण्ड-4, डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल हेतु नवीनीकृत गोमती ब्रिज, डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल हेतु ओवर ब्रिज का निर्माण भी कराया गया। डॉ. भीमराव अम्बेडकर गोमती विहार खण्ड-1 में बाबा साहेब की चहुंमुखी प्रतिमा की स्थापना की गयी है।
बी.एस.पी. सरकार द्वारा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर लघु उद्यमी प्रादेशिक पुरस्कार योजना, डा. अम्बेडकर निःशुल्क बोरिंग योजना तथा डा. अम्बेडकर कृषि ऊर्जा सुधार योजना भी संचालित की गयी। इसके अलावा, लखनऊ में देश के सबसे बड़े सभागारों में एक डा. भीमराव अम्बेडकर सभागार का निर्माण तथा सभागार परिसर में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा स्थापित की गयी है। दिल्ली के नज़दीक नोएडा में भी भव्य ‘‘राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल‘‘ स्थापित करके इसमें बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के साथ-साथ, देश में दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्मे अनेकों और महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों को भी पूरा-पूरा आदर-सम्मान दिया गया। वैसे यह सर्वविदित है कि अपने भारत देश के आधुनिक मानवीय नव-निर्माण में संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का जो ऐतिहासिक योगदान है, उसे देखते हुये ये तमाम कार्य जो उनके आदर-सम्मान में किये गये हैं, बहुत छोटी भेंट है।

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