माघ मेले के लिए रेलवे यात्रियों से वसूलेगा सरचार्ज

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-14 जनवरी से 27 फरवरी तक लगेगा सरचार्ज-पांच से बीस रूपये तक रहेगा सरचार्ज

downloadप्रवीण राय,

आई एन वी सी ,
इलाहाबाद,
प्रयाग में लगने वाले माघ मेले के लिए रेलवे ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत अब इलाहाबाद से होकर जाने वाले यात्रियों पर मेला सरचार्ज लगाया जायेगा। जो यात्री ट्रनों से यात्रा करते हों उन्हें यह याद रखना होगा कि अलग-अलग श्रेणियों के हिसाब से रेलवे उनसे मेला प्रारंभ होने से लेकर मेले के अंत तक पैसे वसूल करेगा। कुछ यात्री सरचार्ज के बारे में जानकारी न रखने के कारण टिकट बुकिंग क्लर्क से उलझते रहते हैं। इसीलिए रेलवे द्वारा मेले के प्रारंभ से पहले ही मेला सरचार्ज के विषय में घोषणा कर दी जाती है ताकि लोग मानसिक रूप से यह सरचार्ज देने के लिए तैयार हो सकें। मेला सरचार्ज यात्रियों को 14 जनवरी से लेकर मेले के अंतिम दिन अर्थात 27 फरवरी महाशिवरात्री तक देना होगा। मेले में विभिन्न दर्जे  के यात्रियों के लिए अलग-अलग सरचार्ज निर्धारित किया गया है। रेलवे द्वारा साधारण, मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए 5 रूपये, स्लीपर क्लास के लिए 5 रूपये, एसी थ्री टायर के लिए 10 रूपया, मेल एक्सप्रेस में साधारण  फर्स्ट क्लास के लिए 15 रूपया और एसी फर्स्ट क्लास के लिए 20 रूपये सरचार्ज देने हांेगे।
जंक्शन को डी-कंजस्ट करने के लिए छिवकीं को बनाएंगे बेहतरः डीआरएम
प्रवीण राय
-टेªनों के भार को कम करने के लिए छिंवकी व गोविंदपुरी स्टेशन का होगा विस्तार
– फ्रेड कॉरिडोर के बनने पर भी जंक्शन का लोड होगा कम
इलाहाबाद, 30 दिसंबर। उत्तर मध्य रेलवे द्वारा जंक्शन पर टेªनों के लोड को कम करने के लिए पहली प्राथमिकता छिंवकी रेलवे स्टेशन का विस्तार किया जाना है। इसके लिए ई दर्जे के छिंवकी रेलवे स्टेशन को काफी डबलप किया जा रहा है ताकि आने वाले दिनों में बाहर जाने वाली ट्रेनों को यहां रोका जा सके और यात्रियों व ट्रेनों के लिए यहां पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध करायी जा सकेें। ये बातें  एनसीआर के  डीआरएम हरीन्द्र राव ने कमेटी हाल में आयोजित एक प्रेस काफ्रेंस मंें कहीं। अपनी वार्ता के दौरान डीआरएम ने एनसीआर की उपलब्धियों, माघ मेले की तैयारियों व भविष्य की योजनाओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। डीआरएम ने कहा कि जंक्शन को डी-कंजस्ट करने के दो ही तरीके हैं या तो हम ट्रेनों की संख्या कम करें या आधारभूत संरचना का विस्तार करें। ट्रेनों की संख्या को कम नहीं किया जा सकता है क्योंकि एनसीआर भारत का एक महत्वपूर्ण जोन है। जंक्शन से प्रतिदिन 321 मेल/एक्सप्रेस/पैसेंन्जर एवं 221 माल गाड़ियां औसतन प्रतिदिन संचालित हो रही हैं। डीआरएम ने बताया कि आने वाले 5-6 वर्षों में डेडीकेटेड फ्रेड कारिडोर के बन जाने पर जंक्शन को डी-कंजस्ट किया जा सकेगा क्यांेकि इसके बनने से मालगाड़ियों को  यहां से पास नहीं करना होगा जो कि रेलवे के लिए एक बड़ी सफलता होगी। श्री राव ने बताया कि छिंवकी स्टेशन के विस्तार में एनसीआर लगा हुआ है और यहां स्टेशन विल्डिंग बनाई जा रही है। इसके साथ ही साथ छिंवकी में एडीशनल पंप, पीआरएस व यूटीएस की सुविधा के साथ ही 2 व 3 नंबर के प्लेटफार्म का बिस्तार भी किया गया है। छिंवकी में वाटरिंग की भी व्यवस्था की गयी है ताकि यहां रूकने वाली ट्रेनों में पानी आदि की व्यवस्था की जा सके।डीआरएम ने बताया कि एनसीआर ने इस वर्ष कुल 920 करोड़ रूपये राजस्व की प्राप्ति की है जो कि इसके लिए बड़ी सफलता है। एनसीआर के प्रदर्शन के कारण ही भारत सरकार द्वारा इस वर्ष कई विशिष्ट एवार्ड मिले। इसी तरह सूबेदारगंज स्टेशन को भी डबलप करने का प्रयास किया जा रहा है। इस क्रम में सूबेदारगंज में एफओबी का टेंडर हो गया है और अन्य सुविधाओं का विस्तार धीरे-धीरे किया जायेगा। श्री राव ने बताया कि माघ मेले के यात्रियों के लिए एनसीआर द्वारा 5 स्पेशल ट्रेनें चलायी जायेंगी और अन्य जोनों से भी यहां के लिए ट्रेनें चलाने का अनुरोध किया जायेगा। महाकुंभ 2012 में जंक्शन पर हुए हादसे के बारे में बोलते हुए डीआरएम ने कहा कि हम इस बार माघ मेले में काफी सतर्कता बरतेंगे और प्रशासन से अनुरोध करेंगे कि वो स्टेशन पर उतने ही यात्रियांें को आने दे जितना की हमारी यात्रियों को ले जाने की क्षमता हो। इसके लिए हम जीआरपी व आरपीएफ के साथ ही साथ सिविल  पुलिस प्रशासन की भी पूरी मदद लेेंगे। डीआरएम ने बताया कि जंक्शन पर कुल 9 प्लेटफार्म हैं और किसी एक प्लेटफार्म पर ज्यादा से ज्यादा 4000 की भीड़ को नियंत्रित किया जा सकता है और इससे अधिक भीड़ होने पर इसको हैंडिल करना हमारे बस की बात नहीं होगी। आने वाले माघ मेले में हम विशेष सतर्कता बरतेंगे ताकि इस प्रकार का कोई हादसा यहां पुनः न दोहराया जाय। अभी इस हादसे की जांच की रिपोर्ट नहीं आयी है जो रेलवे वोर्ड द्वारा स्थापित की गयी है जल्द ही इसके आने की उम्मीद है।

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