रायपुर,
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने आज यहां ठाकुर प्यारेलाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान (निमोरा) में आयोजित कार्यक्रम मंे मनरेगा के अंतर्गत सफलता पूर्वक तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 51 बेयरफुट तकनीशियनों को प्रमाण-प्रत्र प्रदान किया। श्री चन्द्राकर ने तकनिशियनों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूरोेें को केवल रोजगार देने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उन्ही मजदूरों में से कुछ युवाओं के योग्यता को पहचान कर और उन्हें तकनीकी प्रशिक्षण देकर आगे बढ़या जा रहा है। इससे इन युवाओं को नियमित रोजगार मिल रहा है समाज में सम्मान भी। श्री चन्द्राकर ने तकनीशियनों से कहा कि जिस प्रकार तल्लीनता के साथ प्रशिक्षण प्राप्त किया वैसे ही फिल्ड में भी अपने काम का पद्रर्शन करे, जिससे विभाग की प्रसन्ना कायम रहे।उन्होंने बी.एफ.टी. की उज्जवल भविश्य की कामना की। कार्यक्रम मंें पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एम.के. राउत, सविव श्री पी. सी. मिश्रा, संचालक पंचायत श्री सुरेन्द्र कुमार जायसवाल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संचालक श्री के.सी. यादव, संचालक राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन सुश्री ऋतु सेन, रायपुर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री नीलेश क्षीरसागर, हमर छत्तीसगढ़ योजना के नोडल अधिकारी श्री सुभाष मिश्रा सहित संबंधित अधिकारी और बेयरफुट टेक्निशियन उपस्थि थे।
मनरेगा के मजदूरो को तकनिकी प्रशिक्षण
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री राउत ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। श्री राउत ने बताया कि मनरेगा के पंजीकृत मजदूर जिन्होंने 100 दिन का रोजगार प्राप्त कर लिया है, उन्हीं में से कुछ न्यूनतम दसवी पढ़े-लिखे युवाओं को जो मेट आदि का काम करते है, उन्हें निर्माण कार्यों, लेयऑउट तैयार करने मापन-गणना, मूल्यांकन, कम्यूटर संबंधी तकनीकी प्रशिक्षण देकर ग्रामीण क्षेत्रों में उप अभियंता के साथ उनकी सेवाएं ली जा जा रही है। इसे बेयरफुट टेक्निशियन नाम दिया गया है। श्री राउत ने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर मनरेगा के तहत गुणवत्ता पूर्ण स्थायी परिसम्पत्तियांें का निर्माण एवं पर्यवेक्षण सुनिश्चित करने के लिए केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा बेयरफुट तकनीशियन परियोजना लागू की गई है।
श्री राउत ने बताय कि मनरेगा के तहत यह परियोजना देश के सभी राज्यों में संचालित है। बी.एफ.टी. प्रशिक्षण कर बेहतर प्रदर्शन करने में छत्तीसगढ़ राज्य देश में पहले स्थान पर है। परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ में प्रथम बैच को केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय, नई दिल्ली की पायलट परियोजना में शामिल किया गया था। पहले बैच में 26 युवाओं ने बेयरफुट तकनीशियनों ने प्रशिक्षण प्राप्त कर दुर्ग, बालोद, और बलौदाबाजार जिले मंें नियेजित हैं।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री पी.सी. मिश्रा ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। श्री मिश्रा ने बताया कि इस परियोजना के तहत निर्धारित पाठ्क्रम के अनुसार 90 दिनों का प्रशिक्षण दिये जाते हैं। प्रशिक्षण के बाद एग्रीकल्चर स्किल काउंसिल ऑफ इंडिया, नई दिल्ली द्वारा परीक्षा ली जाती है। प्रथम बैच के बाद द्वितीय और तृतीय बैच में 51 युवाओं ने सफलता पूर्वक बेयरफुट टेक्निशियन बने है। इसमे रायगढ़ के 15, राजनांदगांव के 07, धमतरी के 12 और गरियाबंद जिले के 17 प्रतिभागी शामिल है। जिसमे से चार महिला और 47 रष बी.एफ.टी. है। श्री मिश्रा ने बताया कि और भी कई बैचों में मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों को तकनीकी प्रशिक्षण देकर बी.एफ.टी. तैयार किया जाएगा।