इस अवसर पर इन्फोसिस के कार्यकारी अध्यक्ष श्री एन. नारायण मूर्ति ने बताया कि पहले चरण में 400 करोड़ रुपये का निवेश कर 5000 सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल के बैठने के लिये 7 लाख वर्ग फीट में निर्माण कार्य किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गौरव की बात है कि प्रदेश में इन्फोसिस और टी.सी.एस. जैसी महत्वपूर्ण कम्पनियाँ अपना काम शुरू कर रही हैं और बड़ी कम्पनियाँ भी यहाँ निवेश करने वाली हैं। इससे इंदौर आई.टी. हब के रूप में विकसित होगा। उन्होंने कहा कि यह प्रयास किया जा रहा है कि ऐसी प्रतिभाएँ, जिन्हें रोजगार के लिये बाहर जाना पड़ता है, उन्हें मध्यप्रदेश में ही रोजगार मिले। प्रदेश में हर साल लगभग डेढ़ लाख इंजीनियर तैयार हो रहे हैं। श्री चौहान ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद में आई.टी. सेक्टर का योगदान 1998 में 1.2 प्रतिशत था, जो वर्ष 2013 में बढ़कर 6.9 प्रतिशत हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश से सॉफ्टवेयर निर्यात वर्ष 2012 में लगभग 250 करोड़ रुपये का था। बैंगलुरु, हैदराबाद, मुम्बई, पुणे, गुड़गाँव, दिल्ली के बाद अब मध्यप्रदेश आई.टी. कम्पनियों के लिये विशेष आकर्षण का केन्द्र है। मध्यप्रदेश में मजबूत अर्थ-व्यवस्था, अच्छी अधोसंरचना, शांतिपूर्ण वातावरण, बेहतर कनेक्टिविटी, भूमि की पर्याप्त उपलब्धता और टेलेंट पूल के कारण बड़े पैमाने पर आई.टी. कम्पनियाँ यहाँ निवेश करने को इच्छुक हैं।