मध्यप्रदेश से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों में से 10 राजमार्ग बहुत खस्ता हाल और दुर्घटना संम्भावित हैं – शिवराज सिंह चौहान

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आई.एन.वी.सी,,

भोपाल,,

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्हान रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री सी.पी.जोशी को पत्र लिखकर मध्यप्रदेश से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग राज्य सरकार को सौंपने के विषय में शीघ्र निर्णय लेने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि इस संबंध में राज्य मंत्रि-परिषद द्वारा एक प्रस्ताव भी पारित किया गया है। इस पत्र के साथ प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्गों की खस्ता हालत के फोटोग्राफ भी संलग्न कर भेजे गये हैं।

अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने श्री जोशी को बताया कि मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों की लम्बाई 4,709 किलोमीटर है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसमें से 3,827 किलोमीटर लम्बाई के मार्गों के पुनर्निर्माण और संधारण का काम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सौंपा है। प्राधिकरण ने इन मार्गों के पुनर्निर्माण और संधारण का काम अभी तक शुरू नहीं किया है।

श्री चौहान ने पत्र में कहा है कि मध्यप्रदेश से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों में से 10 राजमार्ग बहुत खस्ता हाल हैं और इन पर वाहनों का चलना बहुत कठिन हो गया है। इन मार्गों पर बड़े-बड़े गड्डे हैं जिनके कारण हर रोज़ दुर्घटनएँ और ट्राफिक जाम होते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने तथा राज्य सरकार के अधिकारियों ने इन राजमार्गों के संधारण और पुनर्निर्माण के सम्बध में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय से निरन्तर सम्पर्क किया है। पूर्व में इन मार्गों के संधारण का कार्य राज्य लोक निर्माण विभाग के राष्ट्रीय राजमार्ग संभाग द्वारा किया जाता था। पिछले दो वर्षों में इस अनुबन्ध को निरस्त कर संधारण का कार्य भी भारतीय राश्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सौंपा दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने श्री जोशी का ध्यान इस बात की ओर भी आकर्षित किया कि उनके मंत्रालय ने पूर्व में भोपाल-देवास और लेवड़-रतलाम-जावरा-नीमच-नयागाँव तक राष्ट्रीय राजमार्ग के टुकड़ों को अनाधिसूचित किया था। राज्य सरकार ने इन मार्गों का पुनर्निर्माण कर इन्हें बहुत कम समय में उच्च- कोटि के फोर-लेन मार्ग का स्वरूप दे दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा राज्य सरकार के अनुरोध पर कार्रवाई न किये जाने के फलस्वरूप राज्य मंत्रि-परिषद को इन 10 राष्ट्रीय राजमार्गों को अनाधिसूचित किये जाने के सम्बन्ध में प्रस्ताव पारित करना पड़ा, क्योंकि इनकी हालत बहुत ज्यादा खराब है।

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र के साथ इन 10 राजमार्गों की सूची भी संलग्न की है और श्री जोशी से अपेक्षा की है कि इस सम्बन्ध में उनका मंत्रालय शीघ्र से शीघ्र निर्णय लेगा।

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