{ चन्द्रशेखर जोशी कि ख़ास रिपोर्ट }
रूडकी में अलग अलग सम्प्रदाय की युवक युवती को लेकर बवाल मचाने आये लोगों को पुलिस ने सख्ती से दबाया, एसएसपी हरिद्वार ने बताया कि भारी पुलिस फोर्स शांति व्यवस्था के लिए तैनात, शांति भंग करने आये लोगों के साथ सख्ती से निपटा जायेगा-आई एन वी सी ब्यूरो चीफ व हिमालयायूके डॉट ओआरजी लीडिंग न्यूज पोर्टल तथा दैनिक समाचार पत्र – के सम्पादक चन्द्रशेखर जोशी की एसएसपी हरिद्वार से हुई वार्ता के अनुसार रुड़की के एक होटल में वैश्यावृत्ति की सूचना पर पुलिस द्वारा मारे गये छापे में दो अलग अलग सम्प्रदाय के प्रेमी युगल को पुलिस ने आपत्तिजनक स्थिति में पकडा। जिस पर एक सम्प्रदाय के काफी लोग बवाल मचाने आ गये, और उनके द्वारा हंगामा किया गया।
19 नव0 को सिविल लाइन कोतवाली पुलिस ने अपने सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर दिल्ली-देहरादून हाईवे पर एक होटल में वैश्यावृत्ति की सूचना पर छापा मारा । कोतवाली प्रभारी निरीक्षक जसवीर सिंह पुंडीर की टीम ने होटल में छापा मारा और आपत्तिजनक स्थिति में दो जोड़ों को पकडा। पुलिस दोनों जोड़ों को हिरासत में लेकर सिविल लाइन कोतवाली ले आई। पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि वे लाठरदेवा व मंगलौर के रहने वाले हैं। पुलिस उनके परिजनों को मामले की जानकारी दी है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक जयवीर सिंह पुंडीर ने बताया की मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। मामले में पुलिस ने होटल संचालक के भी खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है, इसके उपरांत एक सम्प्रदाय के कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक रूप देकर हंगामा किया। जिससे सोशल मीडिया में भी यह खबर फैल गयी कि दो सम्प्रदायों में भिडंत हो गयी है, परन्तु राइट बुलेटिन के सम्पादक राव इमरान ने हमें यह खबर दी कि रूडकी तो साम्प्रदायिक एकता की मिसाल रहा है, यहां इस तरह की कोई गलत फहमी दोनों सम्प्रदायों को हो ही नही सकती, वही हरिद्वार के एसएसपी ने पोर्टल के सम्पादक को बताया कि मंगलौर समेत संबंधित थानों को पुलिस को चौकस कर दिया गया है, शांति व्यवस्था भंग करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा, मामला बहुत साधारण था, जिसे कुछ लोगों ने तूल देने का प्रयास किया था, परन्तु यह साधारण चिंगारी बडी बन सकती थी, फेसबुक में आ रही कमेन्टों के अनुसार कहा गया था कि उत्तराखंड के रुड़की में भयंकर दंगे कि खबरें आ रही है जबकि एसएसपी हरिद्वार तथा रूडकी के मुस्लिम सम्पादक से वार्ता के अनुसार मामला बहुत साधारण था जिसका सम्प्रदायों में भिडंत जैसी कोई बात नही थी, परन्तु राज्य सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर ध्यान रखने की आवश्यकता आज फिर महसूस हुई