भूजल कानून के लिए विधेयक का निर्माण

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आईएनवीसी
नई दिल्ली.
जल संसाधन मंत्रालय भूजल पर कानून बनाने का मामला लगातार राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों के साथ उठा रहा है । प्रारूप विधेयक राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों को पहले 1970 में और फिर 1992, 1996 और 2005 में भेजा गया था ताकि वे भूजल विकास के विनियमन एवं नियंत्रण के लिए उक्त विधेयक की तर्ज पर उपयुक्त कानून बनाएं।
 
अब तक 11 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों ने इस संबंध में कानून बनाए हैं और उन्हें लागू किये हैं । ये राज्यकेन्द्र शासित प्रदेश हैं – आंध्र प्रदेश, गोवा, तमिलनाडु, लक्षद्वीप, केरल, पुड्डुचेरी, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, बिहार, चंडीगढ और दादर एवं नागर हवेली । 18 अन्य राज्यकेन्द्र शासित प्रदेश कानून बनाने में जुटे हुए हैं । ये हैं – महाराष्ट्र, गुजरात, असम, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मिजोरम, ओड़िसा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दमन एवं दीव, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, झारखंड, मेघालय, मध्यप्रदेश, उत्तरांचल, अंडमान व निकोबार तथा छत्तीसगढ । नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और पंजाब का मानना है कि उन्हें इस तरह के कानून की कोई जरूरत नहीं है ।

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