भाषा दिग्गजों को लाखो के पुरुस्कार

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sahitayaआई एन वी सी,
जयपुर,
राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी अगले वर्ष से राजस्थानी भाषा का एक लाख रुपये का समग्र पुरस्कार, अकादमी के संस्थापक अध्यक्ष पूनमचन्द बिश्नोई की स्मृति में एक लाख रुपये का पुरस्कार प्रदान करेगी। बीकानेर के वेटरनरी ऑडीटोरियम में राजस्थानी भाषा, साहित्य और संस्कृति अकादमी के सालीणा जलसे (वार्षिक उत्सव) के दौरान यह घोषणा की गई। वार्षिक उत्सव में राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ बी. डी. कल्ला ने कहा कि राजस्थानी एक सशक्त और समृद्घ भाषा है। सैकड़ों वर्षों से राजस्थानी में साहित्य का सृजन किया जा रहा है और इसका विशाल शब्दकोष भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए सभी मिलकर प्रयास करें। सामूहिक प्रयासों से ही राजस्थानी की मान्यता का मार्ग प्रशस्त होगा तथा राजस्थान के लोगों को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। इससे पूरे विश्व में राजस्थानी की पताका फहरेगी। डॉ. कल्ला ने राजस्थानी सभ्यता और संस्कृति से संबंधित एक संग्रहालय स्थापित करने का सुझाव भी दिया। राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ हबीब खां गौराण ने कहा कि राजस्थानी निर्विवाद रूप से जन-जन की भाषा है। राजस्थानी संस्कृति अत्यंत परिपक्व तथा विश्व में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान प्रशासनिक सेवाओं की परीक्षाओं में राजस्थानी भाषा, साहित्य, संस्कृति, भौगोलिक और पर्यावरणीय स्थितियों जैसे विषयों को पूरी प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा को सूचना प्रौद्योगिकी से भी जोडऩा चाहिए। राजस्थानी शब्दकोष को राजपीडिय़ा के रूप में विकसित किया जाए। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रूप सिंह बारेठ ने कहा कि राजस्थानी भाषा, साहित्य और संस्कृति पर अधिक से अधिक शोध कार्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एमडीएस विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को ‘स्कूल ऑफ राजस्थान स्टडी’ स्थापित करने का प्रस्ताव भेजा हुआ है। यदि यह प्रस्ताव पास हो जाता है तो यह अपने आप में पहला ऐसा स्कूल होगा। इससे युवाओं को भाषा, साहित्य और संस्कृति के अध्ययन के नए अवसर मिलेंगे। नगर निगम के महापौर श्री भवानी शंकर शर्मा ने कहा कि राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति में सृजन की असीम संभावनाएं विद्यमान हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा भी साहित्य के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाले दिवंगत साहित्यकारों के नाम से चौराहों और मार्गों का नामकरण कर उनका सम्मान किया जा रहा है। राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष श्याम महर्षि ने कहा कि अकादमी द्वारा तीन नए पुरस्कार शुरू किए गए हैं। पूर्व में दिए जाने वाले पुरस्कारों की राशि में भी बढ़ोतरी की गई है। इनमें राजस्थानी साहित्यिक पत्रकारिता, महिला तथा युवा लेखक पुरस्कार सम्मिलित हैं। वहीं इस बार भाषा, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली प्रतिभाओं को भी सम्मानित किया गया है। इसी प्रकार 11 वरिष्ठ साहित्यकारों को आगीवाण सम्मान से भी सम्मानित किया गया है। वर्ष 2011-12 के राजस्थानी भाषा सम्मान से सम्मानित होने वाले राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष वेद व्यास ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रयासों से साहित्यकारों और पत्रकारों के कल्याण केलिए अनेक नईं योजनाएं तथा कार्यक्रम शुरू हुए हैं। सरकार द्वारा भाषा, साहित्य और संस्कृति के विकास के लिए प्रतिवर्ष 76 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। पहली बार साहित्यकार और पत्रकार कल्याण कोष का बजट पहले की अपेक्षा दुगुना कर दिया गया है। इस क्षेत्र में कार्य करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को राजस्थान रत्न प्रदान किया गया है। सूर्यमल मीसण शिखर पुरस्कार प्राप्त करने वाले वरिष्ठ साहित्यकार डॉ आईदान सिंह भाटी ने कहा कि ओज तत्व राजस्थानी साहित्य की मुख्य पहचान रही है। हमें पुन: उसी ओर बढऩा होगा।

साहित्यकार हुए सम्मानित 

 इस अवसर पर अतिथियों ने माला, शॉल, प्रतीक चिन्ह, सम्मान पत्र और सम्मान राशि प्रदान कर विभिन्न साहित्यकारों को सम्मानित किया। इनमें सूर्यमल्ल मीसण शिखर पुरस्कार जोधपुर के डॉ. आईदान सिंह भाटी को ‘आंख हींयै रा हरियल सपना’ के लिए प्रदान किया गया। गणेशी लाल व्यास ‘उस्ताद’ पद्य पुरस्कार अजमेर के डॉ. विनोद सोमाणी ‘हंस’ को ‘म्हंै अभिमन्यु’ के लिए, शिव चंद भरतिया गद्य पुरस्कार डॉ. गोविंद शंकर शर्मा को ‘राजस्थानी भाषा शास्त्र’ के लिए, मुरलीधर व्यास राजस्थानी (कथा) साहित्य पुरस्कार प्रमोद कुमार शर्मा को ‘राम जाणै’ के लिए, सांवर दइया पैली पोथी पुरस्कार जोधपुर की किरण राजपुरोहित ‘नितिला’ को ‘ज्यूं सैणी तितली’ के लिए, जवाहर लाल नेहरू राजस्थानी बाल साहित्य पुरस्कार सलूंबर की डॉ विमला भण्डारी को ‘अणमोल भेंट’ के लिए, राजस्थानी साहित्यिक पत्रकारिता पुरस्कार बीकानेर की तिमाही पत्रिका राजस्थानी गंगा को, राजस्थानी महिला लेखन पुरस्कार जोधपुर की डॉ. जेबा रशीद को ‘वाह रे मरद री जात’ के लिए, प्रेम जी प्रेम राजस्थानी युवा लेखन पुरस्कार महाजन के डॉ. मदन गोपाल लढा को ‘म्हारै पांती री चिंतावा’ के लिए प्रदान दिया गया। इसी प्रकार भतमाल जोशी महाविद्यालय पुरस्कार विकास कंवर तथा रमेशचंद गरासिया को एवं मनुज देपावत विद्यालय पुरस्कार सम्पत सिंह राजपूत तथा विपिन शर्मा को किया गया।  राजस्थानी भाषा सम्मान वर्ष 2011-12 के लिए जयपुर के वेद व्यास को तथा 2012-13 के लिए जोधपुर के जुगल परिहार को दिया गया। राजस्थानी साहित्य सम्मान वर्ष 2011-12 के लिए सीकर के डॉ. गोरधन सिंह शेखावत को तथा 2012-13 के लिए कोटा के दुर्गादान सिंह गौड़ को एवं राजस्थानी संस्कृति सम्मान वर्ष 2011-12 के लिए जोधपुर के डॉ. रामप्रसाद दाधीच तथा 2012-13 के लिए चूरू के डॉ. भंवर सिंह सामेर को प्रदान किया गया। वहीं प्रवासी राजस्थानी साहित्यकार सम्मान से राजकोट के डॉ. अम्बादान रोहडिय़ा को सम्मानित किया। कार्यक्रम में 11 वरिष्ठ साहित्यकारों को ‘आगीवाण’ सम्मान दिया गया। इनमें बीकानेर के डॉ. मदन केवलिया, रावतसर के मुखराम माकड़, बाड़मेर के जेठमल पुरोहित, बारां के चंद मोहन व्यास, उदयपुर के देवकरण सिंह राठौड़, भीलवाड़ा के शिवदान ंिसंह कारोही, जयपुर की सावित्री चौधरी, जोधपुर की डॉ. सावित्री डागा, जालौर के लालदास राकेश, भादरेस के महादान सिंह तथा मेड़ता सिटी के सांवतराम कासनिया को आगीवाण सम्मान प्रदान किया गया।

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