भारत में नारी स्थिति

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women in india{ सुरेश पाठक (सुभाष) } कभी किसी ने किसी माँ से पूछा है कि अपनी बेटी  मैं तो बहुत सारी खुबिया पर एक अच्छी बेटी जो बहु बनकर आई है  उस मैं  बहुत सारी कमिया क्य़ूं , सायद  ही पूछा हो   कियोकि हम लोग इतना सोचते  ही नहीं है । एक संदेश उन महिलाओ के लिए भी है जो अपनी लडकी का दर्द तो समझती है पर बहु का नहीं जो कि एक महिला है अपना सबकुछ त्याग कर किसी का घर बसाने आई है। अब सवाल है कि  यह तो एक उदाहरण है इस तरह बहुत सी समस्याए है जिन पर ध्यान ही नहीं जाता तो नारी के साथ न्याय कहा  है । भारत में नारी का स्थान हमारे शास्त्रो में बहुत अच्छा है. परन्तु वास्तविक स्थिति बिलकुल अलग है .एक पुरुष का अपनी माँ, बहन, पत्नी, बेटी से अलग-अलग व्यवहार करता है. इसके पीछे दकियानुसी मानसिकता काम कर रही है. नारी का समाज में उतना की महत्व है जितना शरीर में रीढ़ की हड्डी का होता है। नारी धर्म को धारण करने वाली महिला के रूप में पहचानी जाती है। बेटी घर की लक्ष्मी है उसे पराया धन समझने की भूल न करें। नारी की जहाँ अद्र्धागिंनी के रूप में पहचान होती है वही उसे आदि शक्ति के रूप मे भी पूजा जाता है ।

आज समाज में दहेज प्रथा से महिलाओं का शोषण हो रहा है.  अधिकतर  महिलाओं को अपने अधिकार तक नहीं पता है जिन्हें अपने घर के अलावा कुछ नहीं पता. इसमें उनके माता – पिता का दोष है जिन्होंने उन्हें पढ़ाया लिखाया नहीं. क्योकि उन्हे लगता था की  पढ़ाई करके क्या करेगी. अशिक्षा ने उन्हें गुलाम बना दिया उन्हें घर पर रहने के मजबूर कर दिया है. उनके सारे सपने घर में बंद हो गए है. यह एक तरह का  मानसिक शोषण है जो उन्हें  अशिक्षा के कारण   झेलना पड़ रहा है महिलाओ को भी समझाना चाहिए कि वे भी बेचारी बनकर न बैठी रहें । अपने अधिकरो के लिए लड़े कियोकि यह समय कि माँग है । जब सीधी अंगुली  से घी ना निकले तो टेडी  करनी पडती है ।

निम्न मध्य वर्ग की अधिकतर महिलाये कोई भी काम अपने पति या अपने बड़ो से पूछ कर ही करती है । यह अच्छी बात है राय लेनी चाहिए पर राय देने वाले  को भी समझाना होगा कि नारियो का सम्मान हो उनकी भावन का ध्यान रखा जाय पर पुरुषो कि समस्या है कि वह इस पर विचार नहीं करते जो उचित लगा उसे नारियो पर थोप देते है ।
आज हम भारत के विकास  की बड़ी बड़ी-बाते करते है जबकि देश की आधी आबादी को हम उनका सही हक  तक नहीं दे सकते तो ये सभी दावे खोखले है  देश का विकास तब तक नहीं हो  सकता जब तक महिलाओं को उनका उचित अधिकार न मिले. हम भारत को अमेरिका बनाना चाहते है परन्तु  क्या आपने कभी अमेरिकी और भारतीय महिलाओं की तुलना कर के देखा है.
ज्यादातर पुरुष महिलाओं को खुद से निम्न  का समझते है परन्तु ये यह  नहीं समझते की उनकी माता भी महिला है वे हवा मै प्रकट नहीं हुए है  महिलाओं निम्न को समझने वालो की जान कारी के लिए सिर्फ यह बताना चाहता हूँ  विज्ञान के अनुसार महिलाये  पुरुषो से ज्यादा विकसित है  जहाँ  तक उच्च और निम्न होने का सवाल है,  यह समझना है कि भारत का विकास महिलाओं के विकास के बिना संभव नहीं , हम देश कि आधी आबादी को अनदेखा कर विकास कि कल्पना नहीं कर सकते है । देश की बड़ी-बड़ी राजनैतिक पार्टी का नेतृत्व महिलाये कर रही है पर नारी विकास कैसे हो उनको उनका  अधिकार कैसे मिले इस बारे मैं कदम उठाने के लिए उनके पास समय ही नहीं है तो आप समझ सकते है इस देश का क्या होगा ।

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women in india,सुरेश पाठक (सुभाष)

विशेष संवाददाता – अंतराष्ट्रीय समाचार एवम विचार निगम

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