भक्त बिना भगवान अकेले – स्वामी माधवाचार्य

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स्वामी माधवाचार्यआई एन वी सी,
रोहतक,
भक्त बिना भगवान अकेले हैं और भगवान बिना भक्त। दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। भगवान की भक्ति से भक्त को वो रस मिलता है जो कई जन्मों के सदगुणों से भी नहीं मिलता। इसलिए भक्तों को हर पल प्रभु भक्ति में लीन रहकर इस जीवन रूपी सफर को पार करना चाहिये। यह बात आज स्थानीय चिन्योट कालोनी में पंजाबी स्वर्णकार सुधार समिति के तत्वावधान में आयोजित हो रहे श्री हनुमान जयन्ती वार्षिक समारोह में हजारों भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी माधवाचार्य ने कही।

स्वामी माधवाचार्य ने कहा कि वीर हनुमान ने अपना सारा जीवन प्रभु राम की भक्ति करते हुए बिताया। उन्होंने भगवान के सभी दुखों को दूर किया तो भगवान राम ने भी उन्हें अपनी भक्ति की शक्ति से मालामाल किया। जिस वजह से इस प्रभु-भक्त की जोड़ी विश्वविख्यात हो गई। उन्होंने कहा कि अगर मनुष्य दिल से भगवान की भक्ति करता है तो भगवान भी उसकी भक्ति को शक्ति प्रदान करते हैं तथा उसे इस जीवन-मरण के चक्र से आजाद करते हैं। स्वामी माधवाचार्य ने कहा कि इस देश में महान कर्मयोगी साधु-महात्मा हुए हैं लेकिन आज देशवासी अपनी सभ्यता से भटक रहे हैं। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वे अपनी सभ्यता और संस्कृति को बचाये रखने के लिए प्रणबद्ध रहें।

आज की भजन संध्या में बालिका राधा व कंजका ने सुन्दर नृत्य प्रस्तुति देकर उपस्थित श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। पंजाबी स्वर्णकार सुधार समिति के प्रधान सुभाष भल्ला ने बताया कि कल प्रात: 10 बजे ध्वजारोहण का कार्यक्रम होगा। उसके बाद रक्तदान शिविर का आयोजन व भंडारे का आयोजन होगा। आज की भजन संध्या में रामनारायण निर्मोही, एस.एन. मल्होत्रा, कश्मीरी लाल भल्ला, दर्शन लाल, चुन्नीलाल, राजेन्द्र, अशोक, रमेश, मदनलाल, खरैती लाल, महेन्द्र, राजकुमार चोपड़ा, विष्णु दत्त, हरिकृष्ण भल्ला, सुरेन्द्र भोला, कंवल किशोर भोला, रमेश बत्तरा, मदनलाल, सोमनाथ मेहता, सतीश दुआ, रेशो, कृष्णा, सत्या, सुषमा, पूनम, कौशल्या, गीता आदि सहित सैंकडों श्रद्धालु मौजूद थे।

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