बुंदेलखण्ड विशेष पैकेज – योजना आयोग ने की समीक्षा

0
28

आई.एन.वी.सी,,
दिल्ली,

राष्ट्रीय वर्षा सिंचित क्षेत्र प्राधिकरण, नई दिल्ली के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.एस. सामरा और तकनीकी विशेषज्ञ डॉ. के.एस. रामचंद्र ने आज मंत्रालय में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में बुंदेलखण्ड विशेष पैकेज के तहत किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने पैकेज के तहत किये जा रहे विभिन्न कार्यों की सराहना की।

बैठक में मध्यप्रदेश के अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आर. परशुराम, प्रमुख सचिव, योजना, आर्थिक सांख्यिकी श्री के. सुरेश तथा अन्य संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया।

बैठक में जल संसाधन, ग्रामीण विकास, कृषि, पशुपालन, वन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं उद्यानिकी विभागों द्वारा संचालित की जा रही बुंदेलखण्ड विशेष पैकेज की विभिन्न योजनाओं के कार्यों की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा की गयी।

प्रमुख सचिव श्री के. सुरेश ने बैठक में बताया कि बुंदेलखण्ड विशेष पैकेज के अंतर्गत अब तक राज्य शासन को अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता 1060 करोड़ 45 लाख रुपये के रूप में प्राप्त हुई है। जल-संसाधन विभाग को 614 करोड़ 65 लाख, ग्रामीण विकास विभाग को 71 करोड़ 40 लाख, वन विभाग (पर्यावरण एवं वन) को 23 करोड़ 52 लाख रुपये तथा पशुपालन विभाग के लिये 20 करोड़ 88 लाख रुपये की राशि सम्मिलित है। इसके अतिरिक्त 330 करोड़ रुपये की राशि मार्च/जून, 2011 में कृषि एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभागों से संबंधित कार्यों के लिये जारी हुई। अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता की राशि 892 करोड़ 75 लाख रुपये केन्द्र शासन से प्राप्त होना शेष है।

बैठक में विभागवार वित्तीय व्यय की विस्तृत समीक्षा की गई। प्रस्तुत जानकारी के अनुसार विशेष केन्द्रीय सहायता के रूप में प्राप्त राशि के विरुद्ध 39.39 प्रतिशत व्यय हुआ है। (कृषि एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की हाल ही में प्राप्त राशि घटाकर व्यय का प्रतिशत 57 है) इसकी डॉ. सामरा ने सराहना की।

जल-संसाधन विभाग द्वारा अवगत करवाया गया कि विभाग की 52 लघु सिंचाई की अपूर्ण योजनाओं में से 35 पूर्ण कर ली गई हैं। इसी प्रकार नवीन 93 लघु सिंचाई योजनाओं में से 25 पूर्ण हो चुकी हैं। रिपेयर-रिनोवेशन-रीहेबिलिटेशन (ङङङ) के 78 में से 72 प्रोजेक्ट पूर्ण कर लिये गये हैं। विभाग के अंतर्गत संचालित बरियारपुर वृृहद् परियोजना का कार्य सितम्बर, 2011 तक पूर्ण हो जाने की जानकारी दी गई।

केन्द्रीय योजना आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. मोंटेक सिंह अहलूवालिया द्वारा बुंदेलखण्ड क्षेत्र में भ्रमण के दौरान जल-संसाधन विभाग की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की उनके द्वारा स्वयं ली गई तस्वीरों के माध्यम से एक विस्तृत रिपोर्ट प्रधानमंत्री को प्रस्तुत की गई है। इसका डॉ. सामरा द्वारा उल्लेख करते हुए जल-संसाधन विभाग की किसी योजना का प्रधानमंत्री को अवलोकन करने के लिये आमंत्रित करने का सुझाव दिया गया। विभाग के कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए योजनाओं के क्रियान्वयन में शेष रह गई अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता की राशि को शीघ्र जारी करने का आश्वासन दिया गया। डॉ. सामरा ने जल-संसाधन योजनाओं के क्रियान्वयन में बचत की राशि के अन्य प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा।

ग्रामीण विकास के अंतर्गत 45 हजार पम्प सेट्स वितरण के लक्ष्य के विरुद्ध 16 हजार पम्प वितरित किये गये हैं। लगभग 40 हजार कपिलधारा कूप निर्मित किये गये हैं। इनमें पम्प सेट वितरण का कार्य प्रगति पर है। हितग्राहियों का चयन पूर्ण हो चुका है एवं शीघ्र ही पम्प सेट प्रदान कर दिये जायेंगे। अप्रैल, 2012 तक 318 स्टापडेमों का निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक प्राप्त अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता की राशि का 50 प्रतिशत व्यय हुआ है।

डॉ. सामरा द्वारा अतिरिक्त सिंचाई क्षमता बढ़ाने के प्रयास की सराहना करते हुए सफल योजनाओं के हितग्राहियों की सूची एवं तस्वीरें राष्ट्रीय वर्षा सिंचित प्राधिकरण को भेजने के लिये सुझाव दिया।

पशुपालन विभाग की विस्तृत समीक्षा की गयी। सागर में दुग्ध शीत केन्द्र की स्थापना के बारे में अवगत करवाया गया एवं पशु नस्ल सुधार, मुर्रा सांड प्रदाय, यूनिट का प्रदाय एवं दुग्ध समितियों के गठन एवं दुग्ध उत्पादों के संकलन पर चर्चा हुई। प्राप्त अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता राशि का 78 प्रतिशत व्यय हुआ है। शेष राशि शीघ्र ही उपलब्ध करवाने का आश्वासन डॉ. सामरा ने दिया।

कृषि विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि हाल ही में प्राप्त 270 करोड़ का उपयोग कृषि विपणन, भण्डारण, अधोसंरचना निर्माण में व्यय किया जायेगा। इस हेतु स्थल का चयन, परामर्शदाता का चयन एवं निर्माण कार्यों की कार्य-योजना तैयार है। अप्रैल, 2012 के पूर्व लक्ष्य पूर्ण किये जायेंगे।

वन विभाग की समीक्षा के दौरान डॉ. सामरा द्वारा जल संग्रहण के लिये किये जा रहे कार्यों के क्रियान्वयन पर संतोष व्यक्त करते हुए सुझाव दिये गये। वन विभाग द्वारा प्राप्त राशि से अतिरिक्त व्यय करने पर पुनर्भुगतान हेतु सहमति व्यक्त की गयी। डॉ. सामरा द्वारा आश्वस्त किया गया कि उद्यानिकी विभाग को अतिरिक्त राशि उपलब्ध करवाने हेतु केन्द्र सरकार से अनुरोध करेंगे।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को बुंदेलखण्ड के ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल के लिये अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता राशि 60 करोड़ रुपये प्राप्त हुई है। विभाग द्वारा नगरीय क्षेत्र में पेयजल प्रदाय के लिये राशि का अनुरोध किया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here