बीजा अवधि के लिए बढ़ाने शाह और राजनाथ से लगाई गुहार

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नई दिल्ली । लज्जा उपन्यास से वैश्विक रूप चर्चा में आई बांग्लादेशी की ख्यात लेखिका तसलीमा नसरीन ने भारत सरकार और गृहमंत्री अमित शाह से अपना निवास परमिट संबंधी वीजा की समय सीमा बढ़ाने की गुहार लगाई है। दरअसल भारत सरकार ने उन्हें 5 साल के बजाय 3 महीने ही भारत में रहने की अनुमति दी है। इसके चलते निर्वासन में रह रहीं तसलीमा नसरीन ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से गृहमंत्री को टैग करते हुए लिखा कि भारत ही उनका एकमात्र घर है इसलिए सरकार उनके वीजा की समय सीमा बढ़ाने पर दोबारा विचार करे। तसलीमा ने ट्वीट कर लिखा, 'हर बार मैं 5 साल के निवास परमिट के लिए आवेदन करती हूं और मुझे एक साल की अनुमति मिलती है। इस बार मैंने 5 साल के लिए आवेदन किया तो सिर्फ 3 महीने का मिला। उम्मीद करती हूं कि माननीय गृहमंत्री मेरे निवास संबंधी वीजा को एक साल के लिए बढ़ाने पर दोबारा विचार करेंगे।'

तसलीमा ने आगे लिखा, 'माननीय अमित शाह जी, आवासीय परमिट को बढ़ाने मैं आपको धन्यवाद देती हूं लेकिन मैं हैरान हूं कि यह केवल 3 महीने के लिए मान्य है। मैं 5 साल के लिए आवेदन करती हूं, लेकिन मुझे सिर्फ एक साल का ही एक्सटेंशन मिल रहा है। माननीय राजनाथ जी मुझे 5 साल तक के लिए एक्सटेंशन सुनिश्चित कीजिए। भारत ही मेरा एकमात्र घर है। मुझे यकीन है कि आप मुझे बचाएंगे।' इससे पहले 2014 में भी भारत सरकार ने तसलीमा नसरीन को एक साल का वीजा देने से इनकार करते हुए उन्हें दो महीने तक ही भारत में रहने की अनुमति दी थी। तब तसलीमा ने तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी और उनके वीजा की समय सीमा बढ़ा दी गई थी।

मालूम हो कि 1994 में मुस्लिम कट्टरपंथी समूहों की ओर से जान से मारने की धमकी के बाद से बांग्लादेश की विवादास्पद लेखिका ने 10 साल स्वीडन, जर्मनी, फ्रांस और यूएसए में गुजारे। इसके बाद 2004 से वह भारत में निर्वासन में हैं। तसलीमा को 2004 के बाद से लगातार भारतीय वीजा मिल रहा है। वह 2004 से 2007 तक कोलकाता में रहीं लेकिन कट्टरपंथी समूहों के विरोध के कारण उन्हें यहां से बाहर जाना पड़ा था। वह तीन महीने तक दिल्ली में नजरबंद भी रहीं और फिर भारत छोड़कर जाने को मजबूर हुईं। 2011 से वह नई दिल्ली में रह रही हैं। पिछले 9 जुलाई को तसलीमा ने विदेशी सरजमीं में निर्वासन के 25 साल पूरे किए हैं। उन्होंने ट्वीट किया था, '25 साल, हां 25 साल। मैंने निर्वासन में 25 साल गुजार लिए हैं। तसलीमा का जन्म बांग्लादेश (तब पूर्वी पाकिस्तान) में हुआ था।' PLC

 

 

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