बिहार में अल्पसंख्यकों के सबसे बड़े रहनुमा होने का स्वांग रचने वाले नीतीश कुमार से वरिष्ठ पत्रकार आलोक कुमार चाहते हैं की लोग करे कुछ सवाल

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चलते-फिरते , उठते-बैठते, खाते-पीते, सोते -जगाते केवल अल्पसंख्यकों के हिमायती और रहनुमा बनने का दिखावे करने वाले नीतीश कुमार जी से बिहार के अल्पसंख्यकों को ये सवाल जरूर पूछना चाहिए कि –

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१. उनके मंत्रीमंडल में अल्पसंख्यक मंत्रियों की संख्या कितनी है और क्या वो किसी अल्पसंख्यक को मुख्यमंत्री या अपनी पार्टी का राष्ट्रीय व प्रांतीय अध्यक्ष के रूप में प्रोजेक्ट करने का साहस जुटा पाएंगे ?

२. पहले जमशेद अशरफ और फिर परवीन अमानुल्लाह एवं साबिर अली उनके मंत्रीमंडल और उनकी पार्टी से किन परिस्थितियों में रुखसत हुए ?

३. साबिर अली को किस साजिश के तहत पहले इस्तेमाल कर और तत्पश्चात राज्यसभा में जाने से रोका गया ?

४. पूर्वांचल के रसूखदार नेता तस्लीमुद्दीन ने उनकी पार्टी का दामन छोड़ फिर से राजद (लालू जी) का दामन क्यूँ थामा ?

५. आज नीतीश जी की पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में कितने और कौन-कौन से अल्पसंख्यक नेता महत्वपूर्ण ओहदों पर हैं ?

६. नीतीश जी ने सत्ता में आने के पहले और बाद अनेकों मौकों पर कहा कि अल्पसंख्यकों के कल्याण और उत्थान के लिए ऋण, रोजगार की व्यवस्था दुरूस्त की जाएगी, तो क्या सत्यापित आकड़ों के साथ नीतीश जी ये बताने का कष्ट करेंगे कि उनके इन वादों के तहत कितने अल्पसंख्यकों को रोजगार और ऋण उनके पिछले आठ सालों के शासन में मिला ?

७. क्या बिहार के अल्पसंख्यकों को नीतीश जी ये बताने का कष्ट करेगें कि अल्पसंख्यक बहुल कस्बों/शहरों / क्षेत्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई केंद्र सरकार की योजना “Scheme for promotion of education in minority concentrate towns/cities” और “Merit-cum-Means Scholarship for professional and technical courses of under graduate and post graduate” के तहत उनके शासन काल में कितनी राशि खर्च की गयी ?

८. केंद्र सरकार की योजना “Multi Sectoral Development Programme for Minorities in selected of Minority Concentrated Districts” का बिहार में क्या हाल है ?

९. राज्य वक्फ बोर्ड के अभिलेखों के कंप्यूटरीकरण के लिए केंद्र सरकार से मिली राशि कैसे और कहाँ खर्च हुई ? राज्य के वक्फ़ बोर्ड को
मज़बूत (Strengthening of the state Wakf Board) करने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा मिली राशि को नीतीश सरकार ने कैसे खर्च किया ?

१०. भाषाई अल्पसंख्यकों के लिए प्रोमोशनल क्रियाओं (Promotional Activities for Linguistic Minorities) के नाम पर बिहार में क्या हुआ ?
११. अल्पसंख्यकों के लिए विदेशों में अध्ययन के लिए शिक्षा ऋण पर ब्याज सब्सिडी (Interest Subsidy on Educational Loans for Overseas Studies) के तहत नीतीश जी के आठ सालों के शासन काल में कितनी राशि का आवंटन हुआ ?

१२. बिहार में अल्पसंख्यकों के “कौशल विकास पहल” (Skill Development Initiatives) के नाम पर नीतीश जी के शासन काल में कितनी राशि खर्च हुई ?

१३. अल्पसंख्यक महिलाओं में लीडरशीप डेवलपमेंट को लेकर केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई “अल्पसंख्यक महिला नेतृ्त्व विकास स्कीम” (Scheme for Leadership Development of Minority Women) की बिहार में क्या स्थिति है?

१४. इसी बिहार में करीब सवा लाख करघे चला करते थे, उसमें अब सत्रह हजार ही क्यों चालू हालत में रह गए हैं ? इस पेशे से सबसे ज्यादा तो अल्पसंख्यक ही जुड़े हुए थे और हैं l करघों के लिए जो सस्ती बिजली दिये जाने का वादा नीतीश जी ने किया था वह क्यों पूरा नहीं हुआ ?

१५. पूरे सूबे में मकतब खोले जाने का प्रस्ताव था, वह क्यों गति नहीं पकड़ पा रहा है ?

१६. नीतीश कुमार अल्पसंख्यक-प्रेम की दिखावे की राजनीति तो करते हैं लेकिन उनके राज में मुसलमानों की जान, जबान और नान, तीनों पर ही हमला बढ़ा है l क्या फारबिसगंज जैसी घटनाएं इसकी गवाही नहीं देती हैं ?

१७. क्या नीतीश सरकार की गलत नीतियों की वजह से सूबे में उर्दू- शिक्षकों के पद खाली नहीं रह गए ?

१८. बिहार में अल्पसंख्यकों को सामाजिक-आर्थिक विकास में हिस्सेदारी चाहिए, लेकिन नीतीश कुमार के राज में अल्पसंख्यकों के साथ लोकप्रिय राजनीति की कवायद के सिवा कुछ हुआ भी है क्या ?

१९. क्या नीतीश जी ने “पसमांदा मुसलामानों” को सियासी नुमाईंदगी देकर अल्पसंख्यकों को बांटने का काम नहीं किया ? क्या नीतीश जी ने अल्पसंख्यकों को बिरादरी के नाम पर बांट कर उनके आपसी भाईचारे को नहीं तोड़ डाला?

२०. सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी से पता चलता है कि पिछले पांच सालों में अल्पसंख्यक -कल्याण की भिन्न योजनाओं के मद में सिर्फ बिहार के लिए केंद्र सरकार ने कुल ३६७ .४६ करोड़ रुपये जारी किये थे लेकिन क्यूँ बिहार सरकार का अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय विभाग मात्र १६७.५० करोड़ रुपये ही खर्च कर पाया ? यह कुल फंड का ४५.५८ प्रतिशत ही है. ज्ञात्वय है कि बिहार के लिए ११वीं पंचवर्षीय योजना में कुल ५२३.२० करोड़ रुपये निर्धारित किए गए थे.

२१. बिहार में अल्पसंख्यक कल्याण की योजनाओं के समुचित और सार्थक क्रियान्वयन के लिए हर जिले में एक समिति गठन करने की अल्पसंख्यकों की जायज और काफी पुरानी मांग पर वादा करने के बावजूद नीतीश जी ने कोई पहल क्यूँ नहीं की ?

२२. बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण -विभाग में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा इसका उल्लेख सी.ए.जी. रिपोर्ट में होने के बावजूद और अनेकों अल्पसंख्यक सगठनों के द्वारा घोटालों की शिकायत के बावजूद नीतीश सरकार ने कभी भी किसी भी तरह की जाँच का आदेश अब तक क्यूँ नहीं दिया ?

२३. भागलपुर दंगा पीड़ितों में से अनेकों को अभी तक मुआवजा क्यूँ नहीं दे पा रही है नीतीश सरकार ?

२४. नीतीश सरकार द्वारा बिहार में अल्पसंख्यकों को ध्यान में रख कर तैयार किए गए १० सूत्री कार्यक्रम का क्या हश्र हुआ ?इसकी झलक तो पूरे प्रदेश में कहीं दिखाई ही नहीं देती.

२५. क्या नीतीश जी के लिए अल्पसंख्यक कल्याण का मतलब सिर्फ पटना में हज-भवन का निर्माण और हज -यात्रियों के लिए अच्छी सुविधाओं का इंतजाम करना ही है ?

मेरा मानना है कि इन प्रश्नों का  निश्चित तौर पर ना तो नीतीश जी के पास और ना ही उनकी सरकार के पास कोई भी संतोषप्रद जवाब है l इन प्रश्नों को पूछने के पीछे मेरा सिर्फ एक ही मकसद है  “अल्पसंख्यकों से जुड़े राजनीतिक मुद्दों के साथ-साथ अल्पसंख्यक -कल्याण व सरोकारों की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराना l

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425203_138122032973955_100003284771566_166692_737511131_nआलोक कुमार ,
(वरिष्ठ पत्रकार व विश्लेषक )
बिहार की राजधानी पटना के मूल निवासी। पटना विश्वविद्यालय से स्नातक (राजनीति-शास्त्र), दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नाकोत्तर (लोक-प्रशासन)l लेखन व पत्रकारिता में बीस वर्षों से अधिक का अनुभव। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सायबर मीडिया का वृहत अनुभव। वर्तमान में विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के परामर्शदात्री व संपादकीय मंडल से सम्बद्ध l

*Disclaimer: The views expressed by the author in this feature are entirely his own and do not necessarily reflect the views of INVC.

 

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