बाल दिवस पर सामुदायिक रेडियो पर चली बचपन एक्सप्रेस

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आई एन वी सी न्यूज़  

नई  दिल्ली ,

आज बाल दिवस के मौके पर सामुदायिक रेडियो अल्फाज –ए- मेवात पर बचपन एक्सप्रेस रेडियो श्रृंखला की शुरुआत की गई.  (बाल विवाह रोकथाम के लिए यूनिसेफ़ और कम्युनिटी रेडियो एसोसिएशन का अभिनव प्रयास) यह  रेडियो श्रृंखला सामाजिक बुराईयों को जड़ से समाप्त करने के उद्देश्य से शुरू की गई है. बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई के प्रति सुमदाय को जागरूक करने के उदेश्य से यूनिसेफ़ और कम्युनिटी रेडियो एसोसिएशन ने बड़े पैमाने पर जन जागरण कैंपेन शुरू किया है जिसके तहत देशभर के लगभग 60 सामुदायिक रेडियो स्टेशनों पर “बचपन एक्सप्रेस” रेडियो श्रृंखला के दूसरे चरण का प्रसारण शुरू किया गया है. सीरीज़ में बाल विवाह रोकथाम एवं बच्चों की पढ़ाई निरंतर जारी रखने पर बल दिया जा रहा है. इसके प्रथम चरण के तहत भी सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के संयुक्त प्रयास से रेडियो कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया था. इस रेडियो सीरीज का प्रसारण हर गुरूवार सुबह 11:05 पर  और पुन: प्रसारण शाम 7:35 पर होता है. इसी के साथ हर शुक्रवार सुबह 11:05 पर बाल विवाह से जुड़े प्रभावों से सम्बंधित एक्सपर्ट्स के साथ लाइव कार्यक्रम कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. श्रोता भी अल्फाज़–ए-मेवात के स्टूडियो नंबर 9813164542 पर फ़ोन करके विषय सम्बंधित एक्सपर्ट से बात कर सकते है l

अल्फाज –ए- मेवात की संचार निर्देशक पूजा मुरादा ने बताया कि “अल्फाज –ए- मेवात पर “बचपन एक्सप्रेस” एक ऐसी काल्पनिक ट्रेन है जो बचपन से जवानी तक का सफ़र अलग –अलग स्टेशनों से होकर तय करती है. हर स्टेशन के पड़ाव पर एक एपिसोड सुनाया जाता है. कहानी बालविवाहपुर, ससुरालपुर, स्कूल बस्ती जैसे स्टेशनों से होकर बढ़ती है.“बचपन एक्सप्रेस” की पहली श्रृंखला को श्रोताओं ने बहुत पसंद किया. अब यूनिसेफ़ और कम्युनिटी रेडियो एसोसिएशन की मदद से हम इस श्रृंखला को जारी रखते हुए बचपन एक्सप्रेस के नए एपिसोड लेकर आए है और आशा करते है कि हर एपिसोड रोमांचक तरीके से लोगों को सन्देश पहुचाएंगा उससे श्रोता मनोरंजन के साथ अपने और अपने समुदाय में बेहतर बदलाव भी ला सकेंगे”.

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र बाल निधि (UNICEF) ने एक रिपोर्ट, ‘फैक्टशीट चाइल्ड मैरिजेज़ 2019’ जारी की है जिसके अंतर्गत कहा गया है कि भारत के कई क्षेत्रों में अब भी बाल विवाह हो रहा है. रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ दशकों के दौरान भारत में बाल विवाह की दर में कमी आई है लेकिन बिहार, बंगाल और राजस्थान में यह प्रथा अब भी जारी है.यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार गरीबी, लड़कियों की शिक्षा का निम्न स्तर, लड़कियों को आर्थिक बोझ समझना, सामाजिक प्रथाएँ एवं परंपराएँ बाल विवाह के प्रमुख कारण हैं.

यूनिसेफ़ और कम्युनिटी रेडियो एसोसिएशन का “बचपन एक्सप्रेस”  एक अभिनव प्रयास है जिसे सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के जरिए समाज के उस वर्ग तक संदेश पहुंचाने की कोशिश की जा रही है जहां यह कुरीति व्याप्त है और इसे रोका जा सके.

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