प्राईवेट कम्पनियां भी हायर करेंगी विकलांग व्यक्ति

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imagesआई एन वी सी,
जयपुर,
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री डॉ. अरूण चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार के साथ-साथ प्राईवेट कम्पनियों को भी विकलांग प्रतिभाओं को योग्यता के अनुसार रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना चाहिए, इससे कम्पनी के विकास में अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।
 
     डॉ. चतुर्वेदी शुक्रवार को यहां जवाहर कला केन्द्र के रंगायन सभागार में राज्य स्तरीय विशेष योग्यजन सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में विशेष योग्यजन के क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न व्यक्तियों एवं संस्थाओं को सम्मानित कर समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विशेष योग्यजनों की सही सूची तैयार करने के लिए राज्य में तीन माह का विशेष अभियान चलाकर सर्वे कराया जायेगा। 
 
     राज्यमंत्री ने कहा कि विशेष योग्यजनों को सम्बल देने के लिए राज्य सरकार से ज्यादा समाज की जिम्मेदारी बनती है। समाज को चाहिये कि नि:शक्तजनों के प्रति सहानुभूति की बजाय उनमें विश्वास पैदा करें जिससे वे अपनी क्षमताओं को बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि समस्त सरकारी विभागों में विकलांगों को नौकरी का अधिकार दिलाने के लिये विभाग पूरी तरह से प्रयासरत हंै।
 
     डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि नि:शक्तजनों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं को नीचे तक पहुंचाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा जिससे जरूरतमंद को पूरा लाभ समय पर मिल सके। उन्होंने मानसिक विमंदित बच्चों के लिए धौलपुर, करौली एवं सवाईमाधोपुर जिले में स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुये कहा कि इस तरह के प्रयास हर जिले में करने की जरूरत है।
 
     डॉ. चतुर्वेदी ने भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के संस्थापक श्री डी.आर. मेहता द्वारा विकलांगों के लिए किये गये कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि जयपुर को आज पूरे विश्व में जयपुर फुट के नाम से जाना जाता है। उन्होंने विकलांगों के लिए मोटर साइकिल की संख्या बढ़ाने, यातायात भत्ता पुन: सुचारू रखने का विश्वास दिलाते हुए कहा कि प्रत्येक जिले में स्वयंसेवी संस्थाओं में सहयोग से मानसिक विमंदित पुनर्वास केन्द्र व वृद्घाश्रम केन्द्र शुरू करने के साथ विमंदित बच्चों में समझ पैदा करने के लिए प्रशिक्षित टीचर तैयार किये जायेंगे।
     उन्होंने विकलांगों को सक्षम बनाने के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं व व्यक्तियों को बधाई देते हुए कहा कि समाज के हर सक्षम व्यक्ति को अपनी आय में से कुछ राशि समाज सेवा पर व्यय करना चाहिये। सम्मान समारोह में विशेष योग्यजन क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्तियों व संस्थाओं को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
 
     इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि श्री डी.आर. मेहता ने कहा कि राज्य सरकार की नीतियां अच्छी व संवेदनशील है। राज्य सरकार द्वारा विकलांगों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही है जिनका लाभ भी उन्हें मिल रहा है। उन्होंने विकलांगों का पुन: सर्वे कराने, पेंशन राशि बढ़ाने, समाज स्तर पर मानसिक विमंदित पुनर्वास केन्द्र खोलने, सभी स्कूलों में विकलांग छात्रावास खोलने के सुझाव भी दिये।
 
     सम्मान समारोह में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री मंजीत सिंह ने बताया कि राज्य में विकलांगों के कल्याण के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं व व्यक्तियों को सम्मान दिया जा रहा है। जिससे अन्य लोगों को भी विकलांगों की सेवा की प्रेरणा मिल सके। उन्होंने बताया कि राज्य में 4 लाख विकलांगों में से साढ़े तीन लाख को पेंशन दी जा रही है। इसी तरह 1 लाख विकलांगों को सहायक उपकरण दिये गये वहीं हुनर योजना में नि:शक्तों को 50 हजार रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। स्कूलों में रैम्प बनाने के लिए 3 करोड़ रुपये विभाग द्वारा दिये गये है। उन्होंने कहा कि नि:शक्तों के लिए आगे भी बहुत कुछ करने की अभी जरूरत है।
 
     अतिथियों का स्वागत करते हुए विशेष योग्यजन निदेशक श्री रघुवीर सिंह मीना ने विकलांगों के लिए श्रेष्ठ कार्य करने वाले व्यक्तियों एवं संस्थाओं की सराहना की। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के आयुक्त श्री नवीन महाजन, विभिन्न संस्थानों के बड़ी संख्या में विकलांग, मानसिक विमंदित बच्चे उपस्थित थे।

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