मेरे पांव हैं जमी पर ,मेरे सर पर आसमां है,
मुझे और कुछ न चहिए, मेरी जुस्तजू जवां है।
तेरी इक नजर की खातिर ये चांद सितारे हैं,
तुझे जाने क्या हुआ है, तू मुझ पे मेहरबां है।
तेरे साथ-साथ तेरा साया भी चल रहा है,
तुझे यह खबर नहीं है, तेरे साथ कारवां है।
तेरे साथ-साथ मेरा साया भी चल रहा है,
तुझे यह खबर नहीं है, तेरे साथ कारवां है।
मैं हूं किस मिजाज का ये मेरी शायरी से पूछो,
ये फिजूल के हैं शोले, ये फिजूल का धुआं है।
तुझे क्या पसंद है अब ये तुझी पे छोड़ता हूं,
तेरे पास तेरे पर हैं, तेरे पास आशियां है।
मैं तुझे गजल बनाकर फिर गुनगुना रहा हूं,
जो रगों में दौड़ता है वो लहू अभी रवां है।
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कवी प्रमोद तिवारी
निवास कानपूर