प्रभु परमात्मा को जानकर इन्सान की आत्मा मुक्ति

0
24

Sant Nirankari Missionआई एन वी सी ,
चण्डीगढ़,
मानुष जन्म में इस प्रभु परमात्मा की जानकारी प्राप्त कर लेने से यह शरीर छोडऩे के बाद इन्सान की आत्मा प्रभु परमात्मा में विलीन हो जाती है ,मुक्ति हो जाती है अन्यथा वह 84 लाख योनियों के चक्र में चली जाती है, ये उद्गार स्थानिय संयोजक श्री मोहिन्द्रर सिंह जी ने आज यहां सन्त निरंकारी सत्संग भवन सैक्टर 30-ऐ में श्री राजेश घई जी, जो की संत निरंकारी सेवादल के सैक्टर 45 ऐरीया की युनिट न. 395 के सहायक शिक्षक के पद पर थे। उनके नाशवान शरीर को छोड़ जाने पर उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए उनकी आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में उपस्थित हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहे ।
श्री सिंह ने आगे कहा कि जिस प्रकार पानी पानी में मिल जाए तो उसे फिर अलग नहीं किया जा सकता उसी प्रकार इन्सान की आत्मा जब परमात्मा में विलीन हो जाए तो उसे भी अलग नहीं किया जा सकता लेकिन ऐसा तभी सम्भव है यदि साकार सत्गुरू से इस परमपिता परमात्मा की जानकारी जीते जी प्राप्त कर ली जाए । उन्होने आगे कहा कि श्री राजेश घई जी ने इस संसार में आकर अपने गृहस्थ व समाज के प्रति कर्तव्यों की पालना के साथ साथ सबसे बड़ी कार्य यह किया कि सत्गुरू से प्रभु परमात्मा की जानकारी प्राप्त की ओर फिर मानवता की सेवा में जीवन गुजारा। यहां के ज़ोनल इन्चार्ज डा0 बी एस चीमा जी ने कहा कि उनको सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी यदि हम भी उनके गुणों की चर्चा तक सीमित न रह कर उनके गुणों को अपने जीवन में अपनाऐं। इस अवसर पर ट्राईंसिटी के सभी मुखी व सेवादल के अधिकारी, पतवन्तें सज्जन, दोस्त-मित्र, रिश्तेदार व यहां की सर्वत्र साधसंगत उपस्थित थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here