आई.एन.वी.सी,,
पंचकूला,,
हरियाणा के आबकारी एवं कराधान विभाग के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव रामिन्द्रा जाखू ने हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी व किदार अदबी ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में अकादमी भवन में आयोजित समारोह में किदार नाथ किदार द्वारा लिखित 10वीं पुस्तक दो बोल प्यार दे का विमोचन किया । इस अवसर पर जाखू ने कहा कि प्यार एक ऐसी चीज़ है जो हर व्यक्ति के जीवन का एक अमूल्य अंग होता है। प्यार रिश्तों को जोड़ने में एक कड़ी का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि श्री किदार नाथ द्वारा लिखित इस पुस्तक में जिंदगी कि पहचान तथा सूफियाना सोच है। हर व्यक्ति के अंदर एक कवि होता है जो किसी न किसी वक्त उभर कर सामने आता है।
इस अवसर पर अपने स्वागतीय भाषण में हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी के निदेशक सुखचैन सिंह भंडारी ने रामेन्द्र जाखू के आगमन पर उनका आभार प्रकट किया | उन्होंने कहा कि जाखू के आने से ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे जंगल-बेलियों में से कोई राझा हमारे बीच में आ गया हो। इस अवसर पर किदार नाथ किदार ने कहा कि हर व्यक्ति, हर शायर जो देखत है, जो महसूस करता है और जैसी जिंदगी वो जीता है उस पर किताब लिख देता है। उन्होंने कहा कि प्यार से उपर कोई जीच़ नहीं है इसलिए उन्होंने इस किताब को दो बोल प्यार दे शीर्षक दिया है।
पुस्तक विमोचन के इस मौके पर मनमोहन सिंह दाउं, अमरजीत अमर, गुरतेज पालसा, पूरन सिंह निराला, सुरिंदर कोर, जोगिन्द्र सिंह, मैडम रतबीर, गणेश दत्त, एन0एस0 रतन, हरसिमरन कोर, चौधरी मान सिंह, राम अर्थ तथा शाम सिंह ने अपनी कविताएं एवं शेयरो-शायरी प्रस्तुत कि तथा प्रसिंद पंजाबी गायिका डोली गुलेरिया ने किदार नाथ किदार द्वार लिखित गजलें पेश कि। इस अवसर पर एस०के० मौंगा, भा0प्र0से0 (सेवानिवृत) भी विशेष महमान के रूप में उपस्थित थे।