पीएमओ- वाड्रा-डीएलएफ की सूचना माँगना अवैध, आरटीआई का दुरुपयोग !

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robor badwahआई एन वी सी ,

लखनऊ ,
प्रधानमंत्री कार्यालय रोबर्ट वाड्रा पर डीएलएफ से जुड़े आरोपों के बारे में कोई भी सूचना तो नहीं ही देना चाहता, वह इस सूचना मांगने को गैरकानूनी, क़ानून का दुरुपयोग और आरटीआई एक्ट का बेजा इस्तेमाल भी समझता है.
लखनऊ स्थित आरटीआई कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने डीएलएफ-वाड्रा प्रकरण में अपने द्वारा भेजी शिकायत और इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर पीआईएल के सम्बन्ध में 06 फ़रवरी 2013 को पीएमओ से कुछ सामान्य किस्म की सूचनाएँ मांगी थीं.
पीएमओ द्वारा लगातार मना करने पर उन्होंने केन्द्रीय सूचना आयोग को शिकायत भेजी जिसपर सूचना आयोग ने पीएमओ से लिखित उत्तर माँगा. इस पर पीएमओ के उपसचिव एस ई रिजवी ने03 अप्रैल 2014 को भेजे 15 पन्नों के अपने लम्बे उत्तर के साथ 48 पन्नों में कुल 18 संलग्नक भेजते हुए एक बार फिर सूचना देने से मना कर दिया है.
पीएमओ ने सूचना नहीं देने के लिए अरविन्द केजरीवाल बनाम सीपीआईओ मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के निर्णय का सहारा लेने के अलावा इसे व्यक्तिगत और वैश्वासिक नातेदारी में दी गयी सूचना बताते हुए आरटीआई एक्ट तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम की विभिन्न धाराओं का भी उल्लेख किया है और यह सूचना मांगने के लिए डॉ ठाकुर पर खासी नाराजगी जाहिर की है.

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