पांच वर्ष से सेवानिवृत्त सैनिकों की सेवा में पूर्व सैनिक कल्याण विभाग

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ब्यूरो

नई दिल्ली.  रक्षा मंत्रालय के अधीन पूर्व सैनिक कल्याण विभाग (ईएसडब्ल्यू) अगले सप्ताह अपने अस्तित्व के पांच वर्ष  पूरे कर रहा है । 22 सितम्बर 2004 को गठित यह विभाग विशेष रूप से लगभग 21 लाख पूर्व सैनिकों (ईएसएम) और पूर्व सैनिकों की करीब पांच लाख विधवाओं को पुनर्वास और कल्याणकारी सेवाएं प्रदान करता है । करीब 60,000 सेवानिवृत्त सैनिक हर वर्ष पूर्व सैनिकों की संख्या में जुड़ जाते हैं । इतनी बड़ी संख्या में हर साल सैनिकों की सेवानिवृत्ति का मुख्य कारण यही है कि सैनिकों की लड़ने की शक्ति बनाये रखने के लिए उनका युवा होना जरूरी है । क्योंकि युध्द उनका प्राथमिक कार्य है । 50 से 70 लाख के बीच पूर्व सैनिकों के आश्रितों को मिलाकर ईएसडब्ल्यू विभाग करीब एक करोड़ पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के कल्याण का कार्य देखता है ।

 ईएसडब्ल्यू विभाग अपने सम्बध्द तीन कार्यालयों के जरिये अपने लक्ष्यों को प्राप्त करता है । ये हैं- पुनर्वास महानिदेशालय (डीजीआर) केन्द्रीय सैनिक बोर्ड (केएसबी) और पूर्व सैनिक अंशदात्री स्वास्थ्य सेवा (ईसीएचएस) । इसके साथ-साथ ईएसडब्ल्यू विभाग इलाहाबाद स्थित प्रधान रक्षा लेखा नियंत्रक के साथ सहयोग करता है । ईएसडब्ल्यू विभाग जनवरी, 2008 से एक पूर्णकालिक सचिव स्तर के अधिकारी के अधीन आ गया । इससे पूर्व सैनिकों की बड़ी संख्या के प्रति सरकार की प्रतिबध्दता का पता चलता है । यह विभाग पूर्व सैनिकों को रोजगार के दूसरे अवसर तलाशने मे उनकी सहायता करने के अलावा उनके स्वास्थ्य की देखभाल की सेवाएं भी प्रदान करता है और पूर्व सैनिकों तथा उनके आश्रितों को पेंशन और अन्य लाभों की समय पर अदायगी सुनिश्चित करता है ।

 शहीदों, घायल सैनिकों, और उनके आश्रितों के बलिदान की याद में पुनर्वास महानिदेशालय हर वर्ष 7 दिसम्बर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाता है । उस दिन राष्ट्र अपने पूर्व सैनिकों को याद करता है और देशवासी झंडा दिवस कोष के लिए उदारता से अंशदान करते हैं ।

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