पब्लिक पाईवेट पार्टनरशीप से होगा 20000 कि.मी. सड़कों का उन्नयन – वसुंधरा राजे ने दिखाई हरी झंडी

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बीकानेर हाउस,योजना आयोग के सलाहकार, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे।  सार्वजनिक निर्माण मंत्री युनुस खान ,राजस्थान में पब्लिक पाईवेट पार्टनरशीप,आई एन वी सी ,दिल्ली ,आई एन वी सी ,
दिल्ली ,
राजस्थान में पब्लिक पाईवेट पार्टनरशीप (पी.पी.पी.) के तहत20 हजार कि.मी. लम्बी सड़कों का उन्नयन कर उन्हें राज्य की मुख्य सड़कों में जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए मुख्यमंंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने नई दिल्ली में योजना आयोग और भारत सरकार के विषय विशेषज्ञों तथा राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर योजना की बेहतर क्रियांविती पर जोर दिया है।

 दिल्ली के बीकानेर हाउस में मुख्यमंत्री श्रीमती राजे की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में राज्य की सड़कों के समग्र विकास पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया। बैठक में राज्य के सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री युनूस खान और योजना आयोग एवं भारत सरकार के सलाहकार, विषय विशेषज्ञ एवं अधिकारीगण विशेषकर पी.पी.पी.मॉडल के विशेषज्ञ माने जाने वाले श्री गजेन्द्र हल्दिया, योजना आयोग में वरिष्ठ सलाहकार डॉ. पी.के.आनंद के साथ ही राज्य के अतिरिक्त सचिव (इंफ्रास्ट्रक्चर) श्री सी.एस.राजन,अतिरिक्त मुख्य सचिव (जी.ए.डी) श्री राकेश श्रीवास्तव, सार्वजनिक विभाग के प्रमुख सचिव श्री जे. सी. मोहंती और पर्यटन विभाग की आयुक्त श्रीमती गायत्री राठौड़ तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे।

बैठक में मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश की बीस हजार कि.मी. लम्बी सड़कों के उन्नयन की महत्वाकांक्षी योजना को समयबद्ध ढ़ंग से पूरा करने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशीप मॉडल को आधार बनाकर भारत सरकार और योजना आयोग के दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य योजना बनाई जाए।

उन्होंने सड़को के विकास के लिए अब तक हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए इसे और अधिक गति प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन, धार्मिक और हेरिटेज एवं ऎतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों, ’इको- ट्युरिज्म‘ और पड़ोसी राज्यों से बेहतर सड़क सम्पर्क को प्राथमिकता देने पर भी जोर दिया।
बैठक के बाद राजस्थान के सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री युनूस खान ने बताया कि क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के सबसे बड़े प्रदेश राजस्थान में सड़कों का नेटवर्क बहुत व्यापक है और प्रदेश में विश्व के 177 देशों से भी लम्बी सड़कों का जाल बिछा हुआ है,लेकिन अभी भी दूरदराज की सड़कों को जिलों और संभाग की मुख्य सड़कों से जोड़ने के साथ ही उन्हें स्टेट हाईवे और नेशनल हाईवे से जोड़ने और मौजूदा सड़कों के उन्नयन का काफी काम किया जाना है।

इसी दृष्टि से मुख्यमंत्री ने प्रदेश की 20 हजार कि.मी. सड़कों का आगामी पांच वर्षो में सड़कों के उन्नयन और आवश्यकतानुसार नई संपर्क सड़कों का निर्माण करने की महत्वाकांक्षी योजना को हाथ में लेने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि इस योजना का क्रियान्वयन पी.पी.पी. मॉडल पर किया जाएगा और मौजूदा सड़कों को कम से कम 7 से 10 मीटर चौड़ा किया जायेगा।

पी.पी.पी. मॉडल के विशेषज्ञ श्री गजेन्द्र हल्दिया ने बैठक के बाद बताया कि योजना आयोग आधारभूत संरचना के विकास के लिए राज्यों को समय-समय पर अपनी सलाह देता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे का विकास के प्रति विजन बेजोड़ है और उम्मीद है कि प्रदेश में पी.पी.पी. मॉडल के तहत 20 हजार कि.मी. लम्बी सड़कों का निर्माण एवं उन्नयन के कार्य को सफलता मिलेगी तथा ये सड़के विश्वस्तरीय गुणवत्ता की कसौटी पर भी खरी उतरेगी।

उन्होंने बताया कि इतनी बड़ी परियोजना के लिए राज्य अपने स्तर पर आर्थिक स्त्रोत की पूर्ति नही कर सकता है। इसलिए पी.पी.पी. मॉडल के तहत बनने वाली सड़कों के लिए केन्द्र सरकार से 20 प्रतिशत सहायता प्रदान किए जाने का प्रावधान रखा गया है, जिसका लाभ राजस्थान को भी मिलेगा।

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