जयपुर । निपाह वायरस की चपेट में केरल प्रदेश आ चुका है और अब राजस्थान में इस बीमारी की दस्तक से पहले ही खौफ और अलर्ट का माहौल बन गया है निपास वायरस चमगादड़, सूअर से होने वाली एक ऐसी बीमारी जिसका अब तक कोई निश्चित इलाज नहीं मिला है. इस लाइलाज बीमारी से लडऩे के लिए एन्टी वायरल रीवा वायरिन दवा का इंतजाम जरूर कर रखा है।
हालांकि डॉक्टर्स इस दवा को असरदार नहीं बताते, लेकिन गंभीर हालत में मरीज को आईसीयू में भर्ती कर लक्षण आधारित इलाज किया जा सकता है. निपाह वायरस के मरीजों में मृत्युदर 75 से 100 फीसदी है निपाह वायरस चमगादड़ से फलों में और फलों से इंसानों और जानवरों तक पहुंचता है। निपाह वायरस की जांच के लिए सुविधा अभी केवल पुणे के एनआईवी लैब में है. एसएमएस मेडिकल कॉलेज में केवल पीसीआर मशीन हैं निपाह वायरस से बुखार और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है निपाह वायरस से निपटने के लिए सूबे के चिकित्सा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को पर्याप्त और पुख्ता इंतजाम करने के लिए दिशा-निर्देश भी दिए है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कहा है कि निपाह वायरस एक खतरनाक बीमारी है, जिसे लेकर विभाग को अलर्ट रहने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने केरल से आने वालों लोगों में खांसी, जुकाम और बुखार इत्यादि लक्षण प्रतीत होते ही तत्काल निकटवर्ती चिकित्सा संस्थान से सम्पर्क करने का आग्रह किया है. उन्होंने राजस्थान में रहने वाले केरल निवासियों और कार्यरत केरल के नर्सिंगकर्मियों से इस सम्बंध में विशेष सावधानी बरतने का आग्रह किया है। PLC