नरेंद्र मोदी की राहुल गांधी को खुली बहस की चुनौती- असम में आमना-सामना हो जाना चाहिए

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बारपेटा (असम),

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधामंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को खुली बहस की चुनौती दी। राहुल और मोदी दोनों शनिवार को असम में रैलियां कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री पद के लिए भाजपा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने शनिवार को असम में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू की किताब में किए गए दावों पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर हमले किए और कहा कि दोनों को परदे के पीछे से यूपीए चलाने की कीमत चुकानी होगी।

मोदी ने यहां एक चुनावी रैली में कहा, `राहुल गांधी, आप भी आज (शनिवार) असम में हैं। मैं भी यहां हूं। इसलिए आज आमना-सामना हो जाना चाहिए।` राहुल गांधी नागांव में एक रैली को संबोधित करने असम पहुंचे हैं। मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू की किताब में किए गए दावों पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर हमले किए और कहा कि दोनों को परदे के पीछे से संप्रग चलाने की कीमत चुकानी होगी।

मोदी ने बोंगईगांव के काकोइजान में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘संजय बारू की किताब ‘द ऐक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ ने उसे सामने ला दिया जो हम (भाजपा) लंबे समय से कहते आ रहे थे कि मां और बेटे प्राथमिक नीति निर्माता हैं और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह महज दिखावा हैं।’ उन्होंने कहा, ‘किताब से यह साफ है कि कौन असली प्रधानमंत्री है। मनमोहन सिंह जो कहते हैं, उसका कोई महत्व नहीं है। मां और बेटे दोनों को इसकी कीमत चुकानी होगी।’

मोदी ने कहा, ‘आज, मुझे एक बहुत ही मजेदार सूचना मिली। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने 10 साल के कार्यकाल के दौरान 1100 भाषण दिए। यह बस साबित करने के लिए है कि वह ‘मौन मोहन सिंह’ नहीं हैं।’ यह बयान मनमोहन के संचार सलाहकार पंकज पचौरी ने बारू के दावों की काट करने के लिए कल जारी किया था। मोदी ने कहा कि यह ज्यादा उचित होता अगर प्रधानमंत्री कार्यालय इस पर कोई बयान जारी करता कि मनमोहन ने गरीब और आम आदमी के लिए क्या किया।

उन्होंने कहा, ‘अगर पीएमओ ने कभी घोषणा की होती कि उन्होंने कोच राजबांगशियों या असम के आदिवासियों के लिए क्या किया? नहीं, उन्होंने ऐसा नहीं कहा क्योंकि वे आपको कोई अहमियत नहीं देते या आपको ले कर चिंतित नहीं हैं। वे बस उसी वक्त आपको याद करते हैं जब चुनाव आता है। अब उनको भूलने की आपकी बारी है।’ मोदी ने आरोप लगाया कि देश भर में ‘झूठ फैलाना’’ सोनिया गांधी और राहुल गांधी की आदत बन गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल झूठा प्रचार कर रहे हैं कि गुजरात में लघु उद्योग बंद हो रहे हैं।

मोदी ने राहुल को मुखातिब कर के कहा, ‘आज हम दोनों असम में है, इस लिए एक दूसरे से रूबरू हों। गुजरात को भूल जाएं। आपके तीन बार के कांग्रेस मुख्यमंत्री ने राज्य में बंद पड़ी अशोक पेपर मिल्स खोलने के लिए क्या किया? क्या उन्होंने युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए कोई कदम उठाया।’

यह बयान मनमोहन के संचार सलाहकार पंकज पचौरी ने बारू के दावों की काट करने के लिए कल जारी किया था। मोदी ने कहा कि यह ज्यादा उचित होता अगर प्रधानमंत्री कार्यालय इस पर कोई बयान जारी करता कि मनमोहन ने गरीब और आम आदमी के लिए क्या किया।

उन्होंने कहा, ‘अगर पीएमओ ने कभी घोषणा की होती कि उन्होंने कोच राजबांगशियों या असम के आदिवासियों के लिए क्या किया? नहीं, उन्होंने ऐसा नहीं कहा क्योंकि वे आपको कोई अहमियत नहीं देते या आपको ले कर चिंतित नहीं हैं। वे बस उसी वक्त आपको याद करते हैं जब चुनाव आता है। अब उनको भूलने की आपकी बारी है।’ मोदी ने आरोप लगाया कि देश भर में ‘झूठ फैलाना’ सोनिया गांधी और राहुल गांधी की आदत बन गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल झूठा प्रचार कर रहे हैं कि गुजरात में लघु उद्योग बंद हो रहे हैं।

मोदी ने आरोप लगाया, ‘कांग्रेस आपको छलती रही है। जब उन्हें आपके वोट की जरूरत पड़ी तो मां और बेटा आगे आ गए और सरकार चलाने में पर्दे के पीछे रहे।’ उन्होंने केन्द्र में 10 साल पुरानी संप्रग सरकार और असम में 13 साल पुरानी कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि देश को ‘मां-बेटे की सरकार’ ने बर्बाद किया जबकि असम को ‘बाप-बेटे की सरकार’ ने बर्बाद किया।

मोदी ने बरपेटा से भाजपा के उम्मीदवार चंद्र मोहन पटवारी के समर्थन में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘अगर आप देश को बचाना चाहते हैं तो आपको पहले मां-बेटे से खुद को बचाना होगा और अगर आप असम को बचाना चाहते हैं तो आपको पहले मुख्यमंत्री तरूण गोगोई और उनके पुत्र गौरव की पिता-पुत्र की जोड़ी से बचाना होगा।’ उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेतृत्व ने आदिवासियों के लिए कुछ नहीं किया जबकि उसने देश में तकरीबन 60 साल तक शासन किया।

मोदी ने दावा किया, ‘यह अटल बिहारी वाजपेयी की राजग सरकार थी जिसने अलग बजट के साथ आदिवासी विकास का एक अलग मंत्रालय गठित किया जबकि सिक्किम के साथ पूर्वोत्तर को जिसे हम अष्ठलक्ष्मी मानते हैं, डोनर नामक एक अलग मंत्रालय मिला।’

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