नफरत फैलाना ही है इनकी प्राथमिकता ?

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sania mirza{ तनवीर जाफ़री } दुनिया का सबसे बड़ा धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र भारतवर्ष इस समय कठिन परीक्षा का सामना कर रहा है। स्वतंत्रता से लेकर अब तक धर्मनिरपेक्ष राजनैतिक दलों द्वारा शासित यह देश पिछले दिनों दक्षिणपंथी हिंदूवादी भारतीय जनता पार्टी के हाथों में चला गया। नि:संदेह यह देश की जनता का एक अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय था। जिसे पूरा देश सहर्ष स्वीकर कर रहा है। हालांकि यह एक बड़ी बहस का विषय है कि दरअसल दक्षिणपंथी ता$कतों के हाथों में देश की सत्ता की बागडोर जाने का वास्तविक कारण क्या है? कांग्रेस तथा उसके सहयोगी तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों द्वारा संयुक्त प्रगतिशीन गठबंधन सरकार के  दौरान फैला भ्रष्टाचार,मंहगाई व उनकी नाकामियां तथा अक्षमताएं अथवा देश में हिंदुत्ववादी विचारधारा का मज़बूत होना। बहरहाल कारण जो भी हों देश ने शानदार बहुमत के साथ भारतीय जनता पार्टी व उसकी समान विचारधारा वाले दलों को विजयी बनाकर पूरे विश्व को यह संदेश दे दिया है कि भारतवर्ष अब वैसा धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र नहीं रहा जो गांधी,कांग्रेस तथा अन्य धर्मनिरपेक्ष विचारधारा रखने वाले संगठनों के शासनकाल में था। केंद्रीय मंत्रिमंडल से लेकर भाजपा संगठन,राज्यपालों की नियुक्ति, स्कूल व कॉलेज में पढ़ाए जाने वाले पाठयक्रम, देश के अनेक अहम पदों पर नियुक्तियां जैसे विषयों पर भारतीय जनता पार्टी अपने गुप्त एजेंडे को धीरे-धीरे लागू करती जा रही है। इसके अतिरिक्त भाजपा के सत्ता में आने के बाद से लेकर अब तक देश में कई ऐसी घटनाएं घटी हैं जिन्हें देखकर सा$फ ज़ाहिर हो रहा है कि किस प्रकार सांप्रदायिक दुर्भावना को भडक़ाने का प्रयास लगातार जारी है। किस तरह चिंगारी को शोला बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

उदाहरण के तौर पर जिस प्रकार नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने मंत्रिमंडल में नरोदा पाटिया सामूहिक हत्याकांड की मुख्य अभियुक्त माया कोडनानी को अपने मंत्रिमंडल में स्थान देकर उसे पुरस्कृत करने का काम किया था ठीक उसी तर्ज पर मुज़फ्फर नगर दंगों में नामज़द आरोपी संजय बलियान को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। इन्हीं संजय बलियाना को मुरादाबाद के कांठ कस्बें में मंदिर में लाऊडस्पीकर बजने के मामूली से विवाद पर भडक़े सांप्रदायिक तनाव के मामले में पार्टी की ओर से भेजा गया और इन्होंने कांठ पहुंचते ही मुज़$फ्$फरनगर जैसे रंग दिखाने शुरु कर दिए। शांति व्यवस्था $कायम करने में लगे पुलिस बल पर पथराव किया गया। एक प्रशासनिक अधिकारी को अपनी एक आंख गंवानी पड़ी। जेल भरो आंदोलन छेड़ा गया। गोया मुरादाबाद में दुवर््यवस्था फैलाने की अपनी तर$फ से पूरी कोशिश की गई। देश के और भी कई इला$कों से इस प्रकार की $खबरें आनी शुरु हो चुकी हैं। जिनसे सा$फ पता चलता है कि सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी तथा उसके सहयोगी देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि अपनी सत्ता के नशे में चूर होने के कारण उन्हें भारत के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप तथा यहां के सांप्रदायिक सद्भाव व गंगा-जमुनी तहज़ीब की कोई $िफक्र ही नहीं ।
ताज़ातरीन प्रकरण टेनिस स्टार सानिया मिजऱ्ा से जुड़ा है। पिछले दिनों देश के नवगठित राज्य तेलांगाना की सत्तारुढ़ तेलांगाना राष्ट्र समिति ने हैदराबाद में जन्मी तथा पूरे विश्व में टेनिस के क्षेत्र में भारत का नाम रौशन करने वाली 27 वर्षीय सानिया मिजऱ्ा को राज्य का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया । टीआरएस का यह निर्णय भारतीय जनता पार्टी के एक सांसद के लक्ष्मण को बिल्कुल नहीं भाया। उन्होंने राज्य के इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि सानिया मिजऱ्ा पाकिस्तान की बहू है इसलिए उनको तेलांगाना राज्य का ब्रांड एबेंसडर नहीं बनाना चाहिए। भाजपा सांसद के इस विरोध व आलोचना के बाद देश में अच्छी-$खासी बहस छिड़ गई। हालांकि सानिया मिजऱ्ा ने इस विषय पर अपने सभी आलोचकों को करारा जवाब देते हुए अपने दादा व परदादा की पृष्ठभूमि का परिचय देते हुए तथाकथित राष्ट्रवादियों को आईना दिखाने की पूरी कोशिश की। सानिया ने अपने विरुद्ध उठने वाले स्वर का जवाब देते हुए कहा कि वह एक भारतीय है और मरते दम तक भारतीय ही रहेंगी। उन्होंने कहा कि उनका परिवार एक शताब्दी से भी अधिक समय से हैदराबाद में ही रह रहा है। उनके दादा मोहम्मद ज़$फर मिजऱ्ा 1948 में निज़ाम हैदराबाद की रेलवे में इंजीनियर थे। उनके परदादा मोहम्मद अहमद मिजऱ्ा हैदराबाद में पैदा हुए। वे वाटर वक्र्स हैदराबाद में ची$फ इंजीनियर थे तथा प्रसिद्ध गांधी पेट नामक बांध के निर्माण में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इतना ही नहीं बल्कि सानिया के पिता के परदादा अज़ीज़ मिजऱ्ंा हैदराबाद में निज़ाम के गृह सचिव थे और 1908 में मूसा नदी में आई भीषण बाढ़ से लोगों की जान बचाने में उनकी अहम भूमिका थी। बड़े ही आश्चर्य की बात है कि ऐसी पारिवारिक पृष्ठभूमि रखने वाली सानिया मिजऱ्ा जिसने स्वयं अपने खेल के द्वारा पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन किया, उसका केवल इसलिए विरेोध किया जा रहा है क्योंकि उसने एक पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक के साथ विवाह किया? भाजपा सांसद व  उनके पैरोकार उसे इसलिए अस्वीकार कर रहे हैं क्योंकि वह अब पाकिस्तान की बहू बन चुकी है? और समय पडऩे पर यही भाजपा व उनके यही सांसद सोनिया गांधी का भी इसी बात पर विरोध करते रहे हैं कि वह इटली की बेटी है। गोया इन्हें अपने विरोध में कोई तर्क नहीं दिखाई देता बल्कि अपनी सुविधा अनुसार या सांप्रदायिक दुर्भावना फैलाने वाले संदेश देने के चलते यह जब चाहते हैं तब और जिसे चाहते हैं उसे स्वीकार अथवा अस्वीकार किए जाने जैसे ‘$फतवे’ जारी करते रहते हैं।
सानिया मिजऱ्ा ने अपने ऊपर उठने वाली उंगलियों के जवाब में बिल्कुल ठीक कहा है कि ‘देश के प्रमुख नेताओं व मीडिया ने अपना का$फी बहुमूल्य समय उसे तेलांगाना राष्ट्र के ब्रांड एबेंसडर बनाए जाने जैसे व्यर्थ के मुद्दे पर बरबाद कर दिया। यह बहुमूलय समय देश व राज्य के ज़्यादा महत्वपूर्ण मुद्दों को सुलझाने में $खर्च किया जाना चाहिए। साथ-साथ सानिया ने यह भी कहा कि मैं ऐसे किसी भी व्यक्ति के प्रयासों की कठोर निंदा करती हूं जिसके ज़रिए मुझे बाहरी कहा जा रहा हो। 27 वर्षीय सानिया ने कहा कि वे भारतीय हैं तथा अंतिम सांस तक भारतीय ही रहेंगी।’ और सच भी यही है कि देश के नेताओं $खासतौर पर निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का समय व मीडिया, $खासतौर पर इलेक्ट्रानिक मीडिया का समय कितना $कीमती होता है। परंतु आमतौर पर यही देखा जाता है कि नेताओं द्वारा इसी प्रकार के $गैर ज़रूरी तथा राष्ट्रहित से दूर-दूर तक अपना कोई सरोकार न रखने वाले मुद्दों को हवा दी जाती है। और हमारे देश का इलेक्ट्रॉनिक मीडिया इन विवादित मुद्दों को प्रमुख बहस का विषय बनाकर देश में सनसनी फैलाने की कोशिश करता है। परिणामस्वरूप देश में तनाव पैदा होता है और आम लोगों में तरह-तरह के नकारात्मक संदेश जाने शुरु हो जाते हैं। मुमकिन है कि इस प्रकार के विषय को उछालने वाले या इन्हें हवा देने वाले नेताओं के लिए मतों के सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के दृष्टिगत ऐसे मुद्दे उछालना ही उनकी प्राथमिकता हो। और यह भी मुमकिन है कि मीडिया द्वारा ऐसे विषयों को ज्वलंत विषयों के रूप में उछालकर विभिन्न राजनैतिक दलों के विशेषज्ञों की चोंचे लड़वाना भी उनकी व्यवसायिक मजबूरी हो। परंतु दरअसल ऐसे सभी प्रयासों का राष्ट्रहित से कोई नाता नहीं बल्कि देश की एकता व सांप्रदायिक सौहाद्र्र को ऐसी कोशिशें नु$कसान ही पहुंचाती हैं।
इसी प्रकार पिछले दिनों शिवसेना के एक सांसद राजन विचारे द्वारा दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में एक मुस्लिम कैटरिंग कर्मचारी के मुंह में ज़बरदस्ती रोटी ठूंस दी गई। जबकि उस व्यक्ति ने रोज़ा रखा हुआ था। इस पूरे प्रकरण में सबसे चांैकाने वाली बात यह है कि जिस समय शिवसेना का यह सांसद इस प्रकार की घिनौनी हरकत कर रहा था उस समय उसके साथ 11 दूसरे शिवसेना सांसद भी मौजूद थे किसी एक सांसद ने भी राजन विचारे की इस काली करतूत को रोकने की कोशिश तक नहीं की। इस विषय पर भी पूरे देश के नेता व मीडिया का$फी व्यस्त नज़र आए। कुछ राजनैतिक विश£ेषकों का तो यह भी कहना है कि सांप्रदायिक दुर्भावना फैलाने वाले संदेश देने में भारतीय जनता पार्टी तथा शिवसेना के बीच प्रतिस्पर्धा छिड़ चुकी है। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों में संभवत: भाजपा व शिवसेना साथ-साथ चुनाव मैदान में न जा सकें। भाजपा द्वारा शिवसेना को इस बात का संकेत केंद्रीय मंत्रिमंडलन के गठन के द्वारा दिया भी जा चुका है। शिवसेना के 18 सांसद विजयी ह़ए हैं परंतु नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में केवल एक ही मंत्रीपद शिवसेना को दिया है। उद्धव ठाकरे नरेंद्र मोदी के इस $कदम से $खुश नहीं है। लिहाज़ा महाराष्ट्र में अपने-आपको अधिक सांप्रदायिकतावादी व हिंदुत्ववादी साबित करने के लिए शिवसेना किसी रोज़दार के मुंह में जबरन रोटी ठंूसकर उसका रोज़ा तुड़वाने जैसा काम कर रही है। संभव है भविष्य में इसी प्रकार की कुछ बानगियां और भी देखने को मिलें।

बहरहाल देशवासियों के समक्ष इस समय देश की एकता,अखंडता तथा संाप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की गंभीर चुनौती दरपेश है। हमें इन नेताओं के सभी ऐसे प्रयासों को बड़ी बारी$की से देखना व समझना चाहिए। हमें इनके म$कसद व मंशा को भी समझना चाहिए। और हमारी कोशिश होनी चाहिए कि सत्ता के नशें में चूर तथा सत्ता को जीवन का ल्क्ष्य मानकर चलने वाले ऐसे नेताओं के ऐसे नापाक इरादों से बा$खबर रहें।

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Tanveer Jafri**Tanveer Jafri –  columnist and Author

Author Tanveer Jafri, Former Member of Haryana Sahitya Academy (Shasi Parishad),is a writer & columnist based in Haryana, India.He is related with hundreds of most popular daily news papers, magazines & portals in India and abroad. Jafri, Almost writes in the field of communal harmony, world peace, anti communalism, anti terrorism, national integration, national & international politics etc. He is a devoted social activist for world peace, unity, integrity & global brotherhood. Thousands articles of the author have been published in different newspapers, websites & news-portals throughout the world. He is also a recipient of so many awards in the field of Communal Harmony & other social activities.Contact Email :tanveerjafriamb@gmail.com
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City. 134002 Haryana
phones 098962-19228 0171-2535628

*Disclaimer: The views expressed by the author in this feature are entirely his own and do not necessarily reflect the views of INVC.

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