‘धर्म’ को कलंकित करते ये अय्याश धर्माधिकारी

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Rapist kashmiri molvi{तनवीर जाफ़री**,,}
 शताब्दियों से हमारा देश धर्म परायण लोगों का देश रहा है। भारतवर्ष में एक से बढक़र एक अवतारी महापुरुषों ने जन्म लिया। तमाम चमत्कारी संत-महात्मा व महापुरुष इस धरती पर पैदा हुए। अनेक संत,फकीर जो दूसरे देशों से चलकर भारत भूमि पर पधारे उन्हें भी भारतवर्ष के लोगों ने पूरा मान-सम्मान दिया तथा आज तक देते आ रहे हैं। यदि यह कहा जाए कि भारत वर्ष के लोगों में धार्मिक आस्था व विश्वास की दीवानगी सर चढक़र बोलती है तो यह कहना भी $गलत नहीं होगा। और संभवत: इन्हीं प्राचीन धर्म व विश्वास संबंधी विशेषताओं के कारण ही भारत को विश्वगुरु भी कहा जाता रहा होगा।
बहरहाल, धार्मिक आस्था और विश्वास का यह सिलसिला अब भी न केवल बदस्तूर जारी है बल्कि इसमें बहुत तेज़ी से इज़ा$फा भी होता जा रहा है। रोज़ नए-नए धर्मगुरु टेलीविज़न अथवा समाचार पत्रों में विज्ञापन के माध्यम से ‘अवतरित’ होते दिखाई दे रहे हैं। जिसे देखो वही जनता को लंबा-चौड़ा प्रवचन ‘पिलाने’ को तैयार बैठा है। कोई जीने की कला अपने अनुयाईयों को सिखा रहा है तो कोई अपने प्रवचनों के माध्यम से अपने भक्तों को नशा छोडऩे की हिदायत करता नज़र आ रहा है। कोई कट्टरपंथी विचारधारा का पाठ पढ़ा रहा है तो कोई सर्वधर्म संभाव की अलख जगा रहा है। कोई स्वयं को ईश्वर का अवतार बता रहा है तो कोई स्वयं ही भगवान होने का दावा ठोंक रहा है। कुल मिलाकर धार्मिक आस्थाओं व विश्वास का जो नज़ारा शताब्दियों पहले भारत में दिखाई देता रहा होगा, मीडिया के माध्यम से उससे भी ज़बरदस्त धार्मिक ज्ञान वर्षा इन दिनों होती देखी जा सकती है।

धर्माधिकारियों व धर्मोपदेशकों की ऐसी बाढ़ तथा उनके द्वारा 24 घंटे किसी न किसी चैनल पर अथवा किसी न किसी शहर में लगे भव्य पंडालों में किए जा रहे धार्मिक प्रवचनों के बाद वास्तव में होना तो यह चाहिए था कि कम से कम हमारे देश से बुराईयों का तो अब तक पूरी तरह खात्मा हो जाता। प्रत्येक व्यक्ति सच्चा,ईमानदार,चरित्रवान, सदाचारी तथा ईश्वर का भय रखने वाला परोपकारी व्यक्ति बन जाता। परंतु इन तथाकथित धर्मोपदेशकों व धर्माधिकारियों की बाढ़ आने के बाद तथा इनके प्रवचनों संबंधी होने वाले आयोजनों में होने वाली बेतहाशा बढ़ोत्तरी के बाद देखा तो यह जा रहा है कि समाज में बुराईयां पहले से कई गुणा ज़्यादा बढ़ चुकी हैं। लोगों का चरित्र गिरता जा रहा है। झूठ, बेईमानी,लूट-खसोट, व्याभिचार, अय्याशी तथा अमानत में ख्यानत जैसे अधार्मिक कृत्यों का बाज़ार गर्म है। बाप-बेटी, भाई-बहन जैसे पवित्र रिश्ते कलंकित होने जैसी अविश्वसनीय लगने वाली खबरें सुनने को मिल रही हैं। गुरु-शिष्या का रिश्ता दागदार होता सुनाई दे रहा है। और तो और हमारे देश में वे साधू-संत, फकीर जोकि दूसरों को ईश्वर के निकट पहुंचने का मार्ग बताते हैं इन्हीं समुदाय के लोग दुराचार व व्याभिचार के आरोपों में फंसते दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाजि़मी है कि जब गुरु, धर्मोपदेशक, संत-फकीर तथा दूसरों को सद्मार्ग का पाठ पढ़ाने वाले तथाकथित धर्माधिकारी स्वयं चरित्रहीन व अय्याश प्रवृति के होंगे तो ऐसे लोगों द्वारा दी जाने वाली धार्मिक शिक्षा आखर कितनी कारगर होगी? ईश्वर भी ऐसे लोगों के प्रवचनों तथा इनके माध्यम से इनके अनुयाईयों द्वारा मांगी गई दुआओं को आख़िर कैसे और क्योंकर पूरी करेगा?

धर्म को कलंकित करने वाले इस प्रकार के चरित्रहीन, कलंकी धर्माधिकारी किसी एक धर्म अथवा विश्वास के नहीं बल्कि इत्तेफाक से सभी धर्मों में देखे जा सकते हैं। अभी पिछले दिनों दिल्ली में महरौली के समीप तीन पाखंडी मौलवियों को एक साथ गिरफ़तार किया गया। अधेड़ उम्र के यह तीनों मौलवी लड़कियों को इस्लामी तालीम देने के नाम पर अपने पास बुलाते थे। फिर उन लड़कियों को बहला-फुसला कर उनके साथ दुराचार किया करते थे। आज ‘अल्लाह’ के यह बंदे जेल की सलाखों के पीछे हैं। इसी प्रकार पिछले दिनों कश्मीर घाटी से दिल दहला देने वाला ऐसा ही एक समाचार प्राप्त हुआ। कश्मीर के बडग़ाम जि़ले में दरवेश गुलज़ार अहमद बट्ट नाम का एक व्यक्ति जोकि शक्ल-सूरत व वेशभूषा से तो पक्का मौलवी नज़र आता था परंतु उसके चेहरे के पीछे एक दुराचारी राक्षस छुपा हुआ था। वह बडग़ाम में इस्लामी शिक्षा केंद्र के नाम पर एक संस्थान तथा होस्टल संचालित करता था। अपने इस्लामी अध्ययन केंद्र के संबंध में वह स्थानीय अखबारों में विज्ञापन भी देता था। इतना ही नहीं बल्कि स्थानीय केबल नेटवर्क पर निर्धारित समय पर उसके धार्मिक प्रवचन भी प्रसारित होते थे। वह अपने अनुयाईयों को यह बताने की भरपूर कोशिश करता था कि वह एक सिद्ध फकीर है तथा उसे ईश्वरीय ज्ञान भी प्राप्त है। वह यह भी बताता था कि वर्तमान दौर के समस्त मौलवियों व धर्मगुरुओं ने जब अल्लाह से किसी वास्तविक सिद्ध फकीर के धरती पर अवतरित होने की दुआ मांगी उसके बाद ही वह अल्लाह की ओर से इस धरती पर अवतरित हुआ है। अब ज़रा इस तथाकथित पाखंडी एवं व्याभिचारी ‘अवतारी पुरुष’ की काली करतूतों पर गौर फ़रमाईए।

Nityanandयह शैतान दुराचारी मौलवी अपने हॉस्टल की मासूम बच्चियों का यह कहकर यौन शोषण करता था कि वह उन्हें ‘पवित्र’ कर रहा है। यह मनहूस मौलवी अपने इस पाखंड को सही बताने के लिए अबोध बच्चियों को अरबी की कहावतें भी सुनाया करता था। यह शैतान उन बच्चियों से कहता कि उसके साथ सेक्स करने से लड़कियां केवल पवित्र ही नहीं होंगी बल्कि ऐसा करने पर उन्हें दोज़ख(जहन्नुम) की आग भी नहीं जला पाएगी। वह कहता कि वह इतना बड़ा अवतारी पुरुष है कि उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने पर सबको गुनाहों से छुटकारा मिल जाएगा। इस प्रकार अपने धार्मिक अध्ययन केंद्र व अपनी हबशी दाढ़ी व टोपी की आड़ में इस राक्षसी प्रवृति के व्यक्ति ने घाटी में अब तक 200 से अधिक लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बनाया। आज वह ‘अवतारी पुरुष’ भी जेल की सलाखों के पीछे हैं। मज़े की बात तो यह है कि दरवेश गुलज़ार अहमद बट्ट नामक इस व्याभिचारी मौलवी के काले कारनामों का पर्दाफाश करने वाला व्यक्ति भी मोहम्मद अमीन नाम का एक मौलवी ही है। मौलवी अमीन का कहना है कि दरवेश गुलज़ार कुरानी आयतों को तोड़-मरोड़ कर पेश करता था तथा केवल लोगों पर अपना प्रभाव जमाने के लिए यह कहा करता था कि उसे ईश्वरीय ज्ञान प्राप्त है। बहरहाल, उस पाखंडी मौलवी की हवस का शिकार हो चुकी कई कन्याओं की डॉक्टरी जांच की जा चुकी है जिसमें मौलवी द्वारा उन बच्चियों के साथ दुराचार किए जाने की पुष्टि हो चुकी है। परंतु आश्चर्य की बात तो यह है कि उसके काले कारनामों से पर्दा हटने के बावजूद अब भी उस शैतान मौलवी के कुछ समर्थक पीडि़त लड़कियों के घरों पर धमकी भरे फ़ोन कर रहे हैं तथा मौलवी का विरोध न करने की चेतावनी भी दे रहे हैं।

इसी प्रकार के कई कस्से हिंदू धर्म से संबंधित कई संतों-महात्माओं तथा आश्रम संचालकों व धर्मोपदेशकों के बारे में अकसर सुनाई देते हैं। इनमें से कई पाखंडी धर्माधिकारी तो जनता के विरोध करने व पुलिस की सक्रियता के चलते क़ानून के शिकंजे में आ जाते हैं तो कई ऐसे भी हैं जो अपने समर्थकों के संख्या बल के दम पर व अपने प्रभाव के चलते अथवा अपने अकूत पैसों के बल पर स्वयं को कानून के शिकंजे में फंसने से बचा ले जाते हैं। गत् वर्षों में ऐसी कई घटनाएं सामने आई जिसमें कई भगवाधारी, पाखंडी संत-महात्मा, व्याभिचार,सेक्स, अय्याशी तथा यौन उत्पीडऩ जैसे मामलों में फंसते दिखाई दिए। दिल्ली में तो गत् वर्ष एक इतना विशाल सेक्स रैकेट पकड़ा गया जो कि धर्म की आड़ में लड़कियों की सप्लाई का काम करता था। साईं बाबा जैसे महान समर्पित संत के नाम पर द्विवेदी नाम का एक युवा पाखंडी संत लड़कियों के आयात-निर्यात का बड़ा रैकेट संचालित करता था। व्याभिचारी संत के बेनकाब होने संबंधी ताज़ातरीन घटना अहमदाबाद के समीप कलोल नामक तहसील के सईज नामक गांव की है। यहां स्वामी नारायण संप्रदाय के तथाकथित ‘स्वामी नीलकंठ जी महाराज’ एक कॉलगर्ल के साथ निर्वस्त्र होकर रंगरेलियां मनाते पकड़े गए। निश्चित रूप से स्वामी नारायण संप्रदाय देश का एक अत्यंत सम्मानित व प्रतिष्ठित धार्मिक संप्रदाय माना जाता है।

परंतु इसी संप्रदाय में तमाम संत रूपी ऐसे काले भेडिय़ों ने प्रवेश पा लिया है जो समय-समय पर इस संप्रदाय को अपनी काली करतूतों से कलंकित करते रहते हैं। खबरों के अनुसार स्वामी नीलकंठ नाम का यह पाखंडी प्रत्येक सप्ताह दलालों के माध्यम से एक नई कॉलगर्ल अपने दुराचार हेतु मंगवाया करता था। इसके बदले में वह दलालों को दस लाख रुपये भी दिया करता था। इस पाखंडी संत द्वारा यह सिलसिला गत् कई वर्षों से चलाया जा रहा था। इसका भंडाफोड़ उस समय हुआ जबकि उन्हीं दलाल युवकों में से एक ने कॉलगर्ल के साथ मिलीभगत कर पाखंडी नीलकंठ स्वामी की अश्लील  वीडियो तैयार कर ली। इस समुदाय के कई संतों पर पहले भी इस प्रकार के दुराचार करने के आरोप लग चुके हैं। कई पाखंडी संत पकड़े भी जा चुके हैं। अहमदाबाद में तो इसी संप्रदाय के एक दुराचारी संत को तब गिरफ्तार किया गया था जबकि उसने आश्रम में चाय देने वाली एक लडक़ी को अपनी हवस का शिकार बनाया था।
भारत जैसे विशाल देश में ऐसी खबरें प्राय:आए दिन आती रहती हैं। और इन खबरों को सुनने के बाद जहां इस बात का विश्वास हो जाता है कि अय्याश प्रवृति के ऐसे धर्माधिकारी जहां धर्म को कलंकित कर रहे हैं वहीं इनके चलते आम लोगों में भी धर्म के प्रति तथा वास्तविक धर्मगुरुओं व धर्मोंपदेशकों के प्रति विश्वास में कमी आती जा रही है।
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Tanveer Jafri**Tanveer Jafri ( columnist),(About the Author) Author Tanveer Jafri, Former Member of Haryana Sahitya Academy (Shasi Parishad),is a writer & columnist based in Haryana, India.He is related with hundreds of most popular daily news papers, magazines & portals in India and abroad. Jafri, Almost writes in the field of communal harmony, world peace, anti communalism, anti terrorism, national integration, national & international politics etc. He is a devoted social activist for world peace, unity, integrity & global brotherhood. Thousands articles of the author have been published in different newspapers, websites & news-portals throughout the world. He is also a recipient of so many awards in the field of Communal Harmony & other social activities.Contact Email : tanveerjafriamb@gmail.com
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*Disclaimer: The views expressed by the author in this feature are entirely his own and do not necessarily reflect the views of INVC.

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