लखनऊ । प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बेनामी संपत्ति के आरोप का जवाब देते हुये बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि सबसे ज्यादा बेनामी संपत्ति वाले लोग बीजेपी से जुड़े हैं। इनका हिसाब-किताब कालीन के अंदर छिपा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जनहित और देशहित के मामले में बीएसपी अध्यक्ष फिट हैं और इसकी तुलना में मोदी अनफिट हैं। उन्होंने कहा कि बीएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (मायावती) के पास जो कुछ भी है। यह उनके शुभचिंतकों और समाज द्वारा दिया गया है और सरकार से कुछ भी नहीं छुपाया गया है। पीएम मोदी मुझसे ज्यादा समय तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे लेकिन उनकी विरासत बीजेपी और देश की सांप्रदायिकता पर काला धब्बा है। वह गुजरात के सीएम के रूप में भी अनफिट थे और अब पीएम के रूप में भी अनफिट है।
बसपा मुखिया ने बुधवार को एक बयान में कहा कि मैं चार बार उत्तर प्रदेश की सीएम रही हूँ और मेरी विरासत इतनी पाक-साफ तथा जनहित व विकास एवं अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था के मामले में भी इतनी ज्यादा बेहतरीन व शानदार रही है कि लोग उसकी तारीफ आज भी करते हुये थकते नहीं हैं, जबकि पीएम नरेन्द्र मोदी मुझसे ज्यादा समय तक गुजरात के सीएम जरूर रहे हैं लेकिन उनकी विरासत ऐसी है जो ना केवल उन पर बल्कि बीजेपी पर तथा देश के साम्प्रदायिकता के इतिहास पर एक बोझ व काला धब्बा भी है।
विदित हो कि मंगलवार को बलिया में एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि श्श्करीब दो दशक से मैं सीएम और पीएम के रूप में काम कर रहा हूं, मैं इन महामिलावटियों को खुली चुनौती देता हूं। ये लोग दिखा दें कि मैंने कोई बेनामी सम्पत्ति जमा की है। उन्होंने कहा था कि यह बुआ-बबुआ मिलकर जितने साल मुख्यमंत्री नहीं रहे, उससे कहीं ज्यादा समय मैं गुजरात का मुख्यमंत्री रहा हूं। विपक्षी दल बताएं कि क्या मैंने कोई फार्महाउस या कोई शॉपिंग काम्प्लेक्स बनवाया है। विदेश में पैसे जमा कराये या करोड़ों सम्पत्ति खड़ी की है। लाखों की गाड़ियां या करोड़ों के बंगले बनाये हैं। मैंने गरीब के पैसे लूटने का कोई पाप नहीं किया है।
प्रधानमंत्री मोदी के इसी बयान पर पलटवार करते हुये बसपा सुप्रीमो ने आज कहा कि खुद को पाक-साफ व दूसरों को गलत व भ्रष्ट समझना इनकी यह एक बीमारी भी है। हालाँकि पूरे देश को यह मालूम है कि सबसे ज्यादा बेनामी सम्पत्ति वाले भ्रष्ट लोग बीजेपी से ही जुड़े हुये हैं। लेकिन पीएम नरेन्द्र मोदी केवल कागजों पर ही ओ.बी.सी. की तरह केवल दिखाने के लिए ही ईमानदार हैं। साथ ही बीजेपी व पीएम श्री नरेन्द्र मोदी वास्तव में हैं कुछ, लेकिन जनता के समक्ष कुछ और बनने की भरपूर कोशिश करते रहते हैं तथा इनका हर हिसाब-किताब कालीन के अन्दर छिपा रहता है। उन्होंने कहा कि जहाँ तक बी.एस.पी. का सवाल है तो अक्सर चुनाव के समय में यह देखा जाता है कि विरोधी पार्टियाँ खासकर दलितों व अन्य पिछड़ों को गुमराह करने के लिए अपने हर प्रकार के हथकण्डों का इस्तेमाल करने के साथ-साथ ऐसा आभास देने का भी पूरा-पूरा प्रयास करती है कि बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास जो पार्टी व मूवमेन्ट के हित में बनाई गई सम्पत्ति है वह गैर-ईमानदार तरीके से अर्जित की गई है। पीएम मोदी भी आजकल अपने भाषणों में इसे कुछ ऐसा ही चुनावी हथकण्डा इस्तेमाल करते हुए नजर आ रहे हैं। जबकि बी.एस.पी. मूवमेन्ट ने ऐतिहासिक तौर पर काम करते हुए लेने वाले को देने वाला समाज भी बनाया है और हमारे मूवमेन्ट के पास जो भी सम्पत्ति है वह सब इन्हीं की ही देन है।
बसपा नेत्री मायावती ने कहा कि स्वयं को दूध का धुला व दूसरों को गलत व भ्रष्ट मानने का ही परिणाम था कि इन्होंने अपरिपक्व तरीके से नोटबन्दी व जी.एस.टी. को देश पर थोप दिया जबकि इनके अपने चहेते व भ्रष्ट पूँजीपति लोग यहाँ कि जनता का बैंकों में जमा धन गबन करके विदेश भाग गये और यह सब मोदी सरकार की सरकारी मिलीभगत का ही परिणाम था। साथ ही इनकी सरकार विदेश से कालेधन का एक रुपया भी अपने देश में वापस नहीं ला पाई है। लेकिन अपने इन सब काले कारनामों पर से लोगों का ध्यान बांटने के लिए पहले ये समूची विपक्षी पार्टियों व इनके नेताओं को सरकारी मशीनरी का घोर दुरुपयोग करके उन्हें भ्रष्ट व भ्रष्टाचारी साबित करने में लगे रहे और अब चुनाव के समय में भी मोदी जनता को यह कहकर गुमराह करने में लगे हैं कि वे गरीब हैं, फकीर हैं तथा सम्पत्ति-विहीन हैं, जबकि यह पूरे देश को यह मालूम है कि बीजेपी धन्नासेठों द्वारा चलाई जाने वाली देश की सबसे बड़ी धनवान व शाही खर्च वाली पार्टी है फिर भी बीजेपी के गुरु-चेले यहाँ अपनी जनसभाओं में गरीबी का ही रोना रोते रहते हैं जो इनकी यह केवल चुनावी चाल है। PLC