दागी होगा पीला सोना -सुस्त परिवहन से लाखों मीट्रिक टन गेहूं हो जाएगा खराब -कलेक्टर के निर्देश फिर हवा

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invcहेमंत पटेल ,
आई एन वी सी ,

भोपाल,
उपार्जन केंद्रों पर शुक्रवार को भीगा लाखो टन गेहूं दागी (दाने पर काला पडऩा) हो सकता है। वहीं जिले के ४७ में दर्जन भर उपार्जन केंद्रों पर गेहंू अधिक भीगा है, जिसके खराब होने की आशंका जताई जा रही है। दूसरी ओर सुस्त परिवहन कर्मचारियों के साथ अधिकारियों की मुसीबतें बढ़ा रहा है।
इस तेज बारिश से ठीक 15 दिन पहले कलेक्टर निकुुंज कुमार श्रीवास्तव ने जिले में गेहूं परिवहन में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। इसको लेकर जिले में उठावन का कार्य करने वाली दोनों परिवहन कंपनियों के संचालकों नोटिस भी जारी किए थे। बावजूद इसके स्थिति संतोष जनक नहीं हो पाई। आलम यह है कि मौसम के अचानक करवट लेने से अब तक जिले में 30 हजार मीट्रिक टन सीधे तौर बारिश से भीग गया। वहीं बोरियों में रखा गेहूं भी भीगा है। इस हिसाब से यह आंकड़ा लाखों टन हो जाता है। ऐसा बोरियों में रखे गए गेहूं को त्रिपाल से न ढकने के कारण होना बताया जा रहा है।
अब तक जिले में 1 लाख 27 हजार 3 सौ मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन हो चुका है।

-धीमा उठावन
हुजूर और बैरसिया तहसील के सभी ४७ केंद्रों पर करीब 30 हजार मीट्रिक टन गेहूं  खुले आसामान के नीचे रखा है। कलेक्टर ने उठावन में तेजी लाने जो निर्देश दिए थे ेवे भी सिफर ही रहे। मसल अब तक केवल ७२ फीसदी ही गेहूं का परिवहन हो पाया ेहै, जबकि १५ अप्रैल तक ८० प्रतिशत गेहूं का सुरक्षित परिवहन हो जाना चाहिए था। परिवहन एजेंसियों को अब जिला खाद्य विभाग के अफसरों ने भी बोलना शुरू कर दिया है। किन्तु चिंता की लकीरे खत्म नहीं हुई है, जानकारी के अनुसार फिलहाल मौसम के इसी तरह शुष्क बने रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसा होता है तो कभी भी बोछारें पड़ सकती हैं। ऐसे में परिवहन नहीं हुआ तो फिर गेहूं भीगेगा।

-प्रयास रहे विफल
शुक्रवार को अजानक तेज हवा के साथ हुई बारिश से करीब ३० हजार मीट्रिक टन गेहूं भीगा था। हालांकि इस दौरान गेहूं को बचाने के प्रयास भी किए गए, लेकिन यह विफल रहे। कारण तेज हवा के चलते त्रिपाल भी उढ़ गए। यह स्थिति खाद्य तथा नागरिक आपूर्ति निगम के अफसरों द्वारा गेहूं के सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था न किए जाने के कारण बनी। बैरसिया तहसील के धमर्रा में बोरियां में खुले में रखी गेेहूं की बोरियां पूरी तरह भीग गई। वहीं हुजूर के निपानिया, परवलिया, ईटखेड़ी सड़क, मुगालिया छाप, रातीबड़, बैरागढ़ चीचली, अमरावत कला में गेहूं खुले में पड़ा हुआ है। विभागों के विश्वस्त सूत्रों की माने तो भोपाल के उपार्जन केंद्रों में ही सबसे ज्यादा गेहूं खुले में पड़ा है। राजधानी के केंद्र में खरीदी के साथ भंडारण-परिवहन का काम बेहद धीमी है।

-यहां बुरी स्थिति
राजधानी के तीन केन्द्रों में बुरे हालात हैं। इसमें हुजूर के तीन केन्द्र अमरावत कलां, बैरागढ़ चीचली व सेमरी उपार्जन केन्द्र की स्थिति सबसे खराब है। यहां पर नो इंट्री के चलते ट्रक दिन में जा ही नहीं पा रहे हैं, जिसके चलते इन केन्द्रों में करीब 30 हजार क्विंटल गेहूं का उठाव नहीं हो सका है। हालांकि कलेक्टर ने गेहूं के ट्रकों को नो इंट्री में न रोकने के निर्देश दिए हैं। फिर भी यह स्थिति बन रही है।

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