तुम अपने सफीने का पतवार हमें दे दो…

0
32

– तनवीर जाफरी –      

भारत व पाकिस्तान एक बार फिर तनावपूर्ण दौर से गुज़र रहे हैं। इस ताज़ातरीन तनाव का कारण भी वही जाना-पहचाना है। अर्थात् पाकिस्तान द्वारा दशकों से भारत में प्रायोजित किया जाने वाला आतंकवाद। कश्मीर के नाम पर पाकिस्तान द्वारा भारत को अस्थिर करने के लिए आतंकवाद फैलाने का मिशन कोई नया नहीं है। अब तक इन पाक प्रायोजित आतंकियों ने भारत में न केवल अर्धसैनिक बलों पर हमले किए हैं बल्कि इनके द्वारा भारतीय सैनिकों के घरों पर भी हमले किए जा चुके हैं। देश के अक्षरधाम,रघुनाथ मंदिर व संकटमोचन जैसे प्रमुख मंदिरों से लेकर मुंबई के  पांच सितारा ताज होटल तक को आतंक का निशाना बनाया गया। और इन्तेहा तो तब हो गई जबकि इसी सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद ने देश के लोकतंत्र का मंदिर समझी जाने वाले भारतीय संसद भवन को भी नहीं बख्शा। और आिखरकार पाकिस्तान की फौज उस समय तो बिल्कुल ही बेनकाब हो गई जबकि वह स्वयं घुसपैठियों के वेश में कारगिल में अपनी बुरी नीयत के साथ प्रवेश कर गई। यह और बात है कि उपरोक्त सभी मोर्चों पर आतंकियों,घुसपैठयों तथा भारत की एकता व अखंडता पर बुरी नज़र रखने वालों को हर बार भारतीय सुरक्षा बलों व सैनिकों के हाथों अपने मुंह की खानी पड़ी।

अब एक बार फिर पुलवामा में एक आत्मघाती आतंकी द्वारा भारतीय सुरक्षा बलों के कािफले को निशाना बनाकर 40 जवानों की हत्या कर भारतीय सेना व सुरक्षाकर्मियों के स्वाभिमान के झकझोरने का दु:स्साहस किया गया है। भारत द्वारा इस दु:स्साहसिक कार्रवाई का माकूल जवाब देते हुए पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी प्रशिक्षण शिविरों पर हमले कर इसका जवाब भी दे दिया गया। दोनों ओर से लड़ाकू विमानों का भी इस्तेमाल हुआ और दोनों ही तरफ के विमान क्षतिग्रस्त भी हुए। एक भारतीय पायलेट विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान हमले के दौरान पाकिस्तानी सेना के कब्ज़े में भी चला गया जिसे पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत वापस भेजने का फैसला किया। विंग कमांडर अभिनंदन भारत वापस आ चुके हैं और जहां देश के लोग इस वीर योद्धा को उसकी बहादुरी के लिए सलाम कर रहे हैं तथा उनकी वापसी का जश्र मना रहे हैं वहीं भारत सहित लगभग समूचा विश्व पाक प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा अभिनंदन को भारत के सुपर्द करने के फैसले का स्वागत भी कर रहा है। कुछ विश£ेषक तो यहां तक लिख रहे हैं कि पुलवामा से लेकर बालाकोट तक के पूरे घटनाक्रम में इमरान खान के फैसले ने उनका न केवल कद ऊंचा किया है बल्कि क्षेत्रीय शांति की दिशा में इसे एक अच्छा कदम भी माना गया है।

परंतु क्या इस पूरे घटनाचक्र के बाद वास्तव में दक्षिण एशिया में शांति स्थापित हो सकेगी? क्या भविष्य में पाकिस्तान भारत में अशांति फैलाने वाले आतंकी संगठनों को संरक्षण देना बंद कर देगा? क्या इमरान हुकूमत पाक व पाक अधिकृत कश्मीर में चल रहे आतंकियों के प्रशिक्षण शिविरों को समाप्त कर सकेगी? क्या पाकिस्तान की सरकार व पाक सेना के लिए पाकिस्तान से आतंकवाद,आतंकवादी विचारधारा तथा कट्टरपंथियों के बढ़ते वर्चस्व पर काबू पाना इतना आसान है? और क्या जि़या-उल-हक की सरपरस्ती में सऊदी अरब के सहयोग से रोपा व सींचा गया आतंकवाद इतनी आसानी से पाकिस्तान से खत्म हो सकेगा? भारत ने जब-जब पाकिस्तान के आतंकवाद को संरक्षण दिए जाने पर सवाल उठाया है तब-तब पाकिस्तान की ओर से यही सफाई दी गई है कि ‘वह तो स्वयं आतंकवाद से पीडि़त है अत:वह आतंकवाद को संरक्षण कैसे दे सकता है’। पाकिस्तान का यही दोहरापन व उसका गलत स्पष्टीकरण उसे अपने ही रचे चक्रव्यूह में स्वयं उलझा रहा है। निश्चित रूप से आज पाकिस्तान में विभिन्न आतंकवादी संगठनों के हौसले इतने बुलंद हैं कि अब उन्होंने छोटे-मोटे नागरिक ठिकानों पर तो हमले करने ही बंद कर दिए है। अब तो पाकिस्तान में कभी बेनज़ीर भुट्टो पर निशाना है तो कभी सैन्य छावनी व सैन्य हवाई अड्डा। कभी स्कूल में सैन्य अधिकारियों के मासूम बच्चे मार दिए जाते हैं तो कभी आतंक के वेश में छुपा सिपाही अपने स्वामी गवर्नर सलमान तासीर की हत्या कर डालता है। इन्तेहा तो यह है कि आप्रेशन लाल मस्जिद में सीधे तौर पर पाक सैनिकों व मौलवी के वेश में छुपे आतंकियों को एक-दूसरे पर गोलीबारी करते देखा जा चुका है। अफगानिस्तान पर तालिबानी वर्चस्व के समय तो पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान द्वारा शरिया कानून लागू करने तक की मांग की जाने लगी थी।

अब चूंकि पाकिस्तान में इमरान खान जैसा खिलाड़ी सोच रखने वाला व्यक्ति प्रधानमंत्री है।  करतारपुर गलियारे को लेकर जिस प्रकार का रवैया इमरान खान ने दिखाया उससे भी इमरान खान की रौशन सोच उजागर हुई है। लिहाज़ा ऐसी उम्मीद की जा सकती है कि इमरान खान पाकिस्तान के पूर्व शासकों से अलग हटकर आतंकियों के विरुद्ध कोई बड़ा व कारगर फैसला लेंगे। आज पाकिस्तान की विश्व स्तर पर हो रही बदनामी का कारण केवल पाकिस्तान में पनपने वाली कट्टर सोच व इससे पैदा होने वाला आतंकवाद है। आज भारत ने पाकिस्तान को एमएफएन (मोस्ट फेवर्ड नेशन) की सूची से बाहर कर दिया है। भारत-पाक के मध्य सडक़ मार्ग से होने वाला व्यापार ठप्प हो गया है। इन सबसे दोनों ही देशों के करोड़ों लोग प्रभावित हो रहे हैं। ज़ाहिर है इन सब हालात की एक ही वजह है पाकिस्तान द्वारा संरक्षण दिए जाने व पोषित किया जाने वाला आतंकवाद।

पाकिस्तान में चूंकि आतंकवाद व इसकी सरपरस्त कट्टरपंथी विचारधारा की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि अब इसने पाकिस्तान में सेना से लेकर न्यायपालिका, प्रशासनिक व्यवस्था व राजनीति में भी अपनी मज़बूत पकड़ बना ली है। सर्वविदित है कि वहां आतंकी प्रशिक्षण शिविर पाकिस्तानी सेना की सरपरस्ती में चल रहे हैं।  खबरों के मुताबिक इन आतंकी प्रशिक्षण शिविरों में पाक सेना के प्रशिक्षकों द्वारा ही प्रशिक्षण दिया जाता है। सवाल यह है कि क्या इमरान खान इस ‘नासूर’ को पूर्व की सरकारों की ही तरह संरक्षण देते रहेंगे या फिर पाकिस्तान से आतंकवाद को नेस्तनाबूद करने का संकल्प लेकर पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बनाने व वास्तव में दुनिया को शांति का संदेश देने का प्रण करेंगे। विंग कमांडर अभिनंदन की तत्काल वतन वापसी सुनिश्चित करने के फैसले ने बेशक दुनिया को यह एहसास कराया है कि इमरान खान पाकिस्तान के पारंपरिक नेताओं से अलग सोच रखने वाले नेता हैं। लिहाज़ा आतंकवाद के विरुद्ध कड़ा व ईमानदाराना रख अिख्तयार करने की उम्मीद भी उनसे की जा सकती है।

और यदि इमरान पाकिस्तान से आतंकवादियों व आतंकी शिविरों के सफाए में स्वयं को असहाय महसूस करें तो पाकिस्तान में अमन की खातिर व भारत सहित दुनिया की नज़रों में पाक को एक आतंक मुक्त देश साबित करने की खातिर उन्हें बेहिचक भारत की सहायता लेनी चाहिए। भारतीय गृहमंत्री की ओर से भी कुछ समय पूर्व ही पाकिस्तान को यह प्रस्ताव दिया गया था कि यदि पाकिस्तान चाहे तो भारत आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में पाक का सहयोग कर सकता है। अर्थात् भारतीय सेना एक दो नहीं बल्कि पाकिस्तान के निमंत्रण पर दर्जनों आप्रेशन बालाकोट कर सकती है। बकौल शायर-तुम अपने सफीने का पतवार हमें दे दो। इन मौजों के पेच-ो-खम हम खूब समझते हैं।

________________

About the Author

Tanveer Jafri

Columnist and Author

Tanveer Jafri, Former Member of Haryana Sahitya Academy (Shasi Parishad),is a writer & columnist based in Haryana, India.He is related with hundreds of most popular daily news papers, magazines & portals in India and abroad. Jafri, Almost writes in the field of communal harmony, world peace, anti communalism, anti terrorism, national integration, national & international politics etc.

He is a devoted social activist for world peace, unity, integrity & global brotherhood. Thousands articles of the author have been published in different newspapers, websites & news-portals throughout the world. He is also recipient of so many awards in the field of Communal Harmony & other social activities.

Contact – :
Email – tjafri1@gmail.com –  Mob.- 098962-19228 & 094668-09228 , Address – Jaf Cottage – 1885/2, Ranjit Nagar,  Ambala City(Haryana)  Pin. 134003

Disclaimer : The views expressed by the author in this feature are entirely his own and do not necessarily reflect the views of INVC NEWS.















 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here