टेक्नॉलोजी में लोगों का जीवन स्तर सुधारने और सोच बदलने की क्षमता : अशोक गहलोत

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आई एन वी सी,,
जयपुर,,
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा है कि टेक्नॉलोजी में लोगों का जीवन स्तर सुधारने और उनकी सोच बदलने की क्षमता है। उन्होंने केन्द्र सरकार की डायरेक्ट बेनिफिट योजना को ओपन गवर्नेंस (खुला शासन) की दिशा में एक बड़ा ऐतिहासिक कदम बताया। मुख्यमंत्री आज यहां बिड़ला सभागार में ई-गवर्नेंस पर आयोजित दो दिवसीय 16वें राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। इसका आयोजन राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं जन अभियोग मंत्रालय तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांफ्रेंस में ‘टूवर्डस् एन ओपन गवर्नमेंट’ का जो विषय रखा गया है, वह राज्य सरकार के पारदर्शी, जवाबदेह एवं संवेदनशील सुशासन देने के अनुरूप है। श्री गहलोत ने बताया कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री राजीव गांधी का देश को 21वीं सदी में ले जाने का सपना था ताकि देश विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में आ सके। उन्होंने नई तकनीक के समुचित उपयोग में सलाह के लिए विकसित देशों के प्रोफेशनल्स को भारत बुलाया और भारत में आईटी क्रांति की नींव रखी। उस वक्त लोग उनकी भावना को समझ नहीं पा रहे थे। आज देश में जो आईटी क्रांति आई है उसका अहसास देशवासियों को हो रहा है। उन्होंने बताया कि 21वीं सदी में ई-गवर्नेंस को आगे बढ़ाने का कार्य यूपीए सरकार ने हाथ में लिया और ओपन गवर्नेंस (खुला शासन) के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सूचना का अधिकार दिया। यह अधिकार मूलत: पारदर्शी, जवाबदेही और खुला शासन के उद्देश्य से लाया गया था। राजस्थान पहला राज्य है जिसने देश में सबसे पहले इस अधिकार को लागू किया। उन्होंने बताया कि ‘राजस्थान लोक सेवाओं को प्रदान करने के गारंटी अधिनियम’ को लागू करने वाला राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। इसके साथ ही देश में पहली बार सुनवाई का अधिकार भी राजस्थान ने ही दिया है। उन्होंने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी के लाभ गांव तक पहुंचाने के लिए प्रदेश में 1100 करोड़ रुपये की लागत से 248 पंचायत समितियों एवं 9177 ग्राम पंचायतों में भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं। इस क्षेत्र में राजस्थान पूरे देश में अव्वल है। इन स्थानों पर किसान सेवा केन्द्र एवं विलेज नॉलेज सेंटर भी बनवाये जायेंगे, ताकि गांव वालों को सारी सुविधाएं ग्रामीण क्षेत्रों में मिले और उनका पलायन शहरों की ओर रूक सके। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने सभी विभागों के आयोजना मद की 3 प्रतिशत राशि आईटी तथा ई-गवर्नेंस पर खर्च करना अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में हम ई-मित्र कॉमन सर्विस सेन्टर को मजबूत करेंगे। उन्होंने बताया कि आने वाले 2-3 माह में राज्य स्तर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्रारम्भ कर दी जायेगी। श्री गहलोत ने कहा कि हमने आईटी के क्षेत्र में कई नवाचार किये हैं परन्तु अभी तक लोगों का माइन्ड सेट नहीं बदला है जिसे बदलना आवश्यक है। हम 57 हजार छात्रों को लैपटॉप देने जा रहे हैं जिससे नई तकनीक के प्रति उनकी रूचि बढ़े और आने वाले समय में उनका माइन्ड सेट बदल सके। श्री गहलोत ने बताया कि राज्य के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल की सभी गतिविधियों का कम्प्यूटराईजेशन कर दिया गया है इससे वहां दिन-प्रतिदिन मरीजों और उनकी देखभाल करने वालों की कतारें छोटी नजर आने लगी है। राजस्थान रोडवेज की ऑनलाइन सर्विस बहुत लोकप्रिय हुई है। राजस्थान लोक सेवा आयोग से जारी सभी रिक्तियों के लिए आवेदन पत्र की सेवा ऑनलाइन कर दी गई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र को कानूनी वैधता देते हुए इसे ऑनलाईन जारी करना प्रारम्भ कर दिया है। यह सुविधा इतनी लोकप्रिय है कि हर माह करीब 1.50 लाख डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र जारी किये जा रहे हैं। श्री गहलोत ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी के सामाजिक क्षेत्र में योगदान को ध्यान में रखते हुए इस सम्मेलन में सामाजिक समावेश पर जोर देने के लिए ई-गवर्नेंस का आधारभूत ढांचा, स्थिति एवं चुनौतियां तथा सामाजिक क्षेत्र कार्यक्रमों पर विशेष रूप से चर्चा होगी, जिसके निष्कर्ष राज्य के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। सम्मेलन में केन्द्रीय कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री श्री वी. नारायण सामी ने कहा कि शासन-प्रशासन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही के लिए ई-गवर्नेंस की महत्ती जरूरत है। सूचना क्रांति के इस दौर में जहां गांवों से लेकर शहर तक त्वरित गति से सूचनाओं का आदान-प्रदान हो रहा है ऐसे में आमजन की लोक सेवाओं की अदायगी, पारदर्शिता जवाबदेही एवं समयबद्घता के साथ करने की अपेक्षाएं बढ़ी हैं। साथ ही लोगों की आंकाक्षाएं एवं मांग भी बढ़ रही है। आज अधिकारियों को आमजन की इस मांग को पूरा करने के लिए बदली हुई मानसिकता के साथ काम करना होगा। श्री सामी ने कहा कि ई-गवर्नेन्स की त्वरित क्रियान्विति की आवश्यकता को देखते हुए केन्द्र सरकार ने अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाएं हैं, जिससे प्रशासनिक सुधार को बल मिला है। लोक सेवाओं की अदायगी समय पर करने के लिए काम किया जा रहा है तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए भी प्रभावी कदम उठाएं हैं। सरकार ने कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए प्रभावी निर्णय लिये हैं जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर काबू पाने तथा व्यवस्था में पारदर्शिता के लिए लोकपाल एवं लोकायुक्त बिल 2011, विसल ब्लोअर प्रोटेक्शन बिल 2011, पब्लिक प्रोक्योरमेंट बिल 2012 प्रक्रियाधीन हैं। उन्होंने राज्य सरकार को बधाई दी की राजस्थान में लोकसेवा गारंटी, सुनवाई का अधिकार तथा सूचना के अधिकार के माध्यम से सरकार पारदर्शिता तथा जवाबदेही के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा राज्य के बजट में 3 प्रतिशत राशि ई-गवर्नेंस को प्रोत्साहित करने के लिए उपलब्ध करवाने की भी प्रशंसा की। केन्द्रीय कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार राज्य मंत्री ने कहा कि ई-गवर्नेंस का उद्देश्य सभी के लिए शासन को सरल बनाना है। सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग से हम सुशासन दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि आमजन को केन्द्र में रखते हुए समान वृद्घि के लिए ई-गवर्नेंस का प्रयोग जरूरी है। कॉन्फ्रेन्स की शुरूआत में अतिथियों का स्वागत करते हुए राजस्थान के मुख्य सचिव श्री सी.के. मैथ्यू ने राज्य सरकार द्वारा पारदर्शी संवेदनशील, जवाबदेही शासन-प्रशासन सुलभ करवाने के लिए ई-गवर्नेन्स के प्रयोग तथा उससे आ रहे बदलावों की जानकारी दी। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने ‘इंडिया-इन्क्लूसिव ई-गवर्नेन्स‘ विषय पर पुस्तक का लोकार्पण किया। उन्होंने राज्य में खण्ड स्तर तक वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के लिए राज स्वान नेटवर्क (एस.डब्ल्यू.ए.एन.) का शुभारम्भ किया तथा एन.ई.जी.पी. पोर्टल का लोकार्पण किया। कार्यक्रम के शुरूआत में लेजर शो के माध्यम से राज्य में ई-गवर्नेन्स योजना की जानकारी दी गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय राज्य मंत्री ने प्रदर्शनी का अवलोकन, सी.एस.सी. वैन का लोकार्पण तथा ई-गवर्नेन्स पर श्री दिलीप भट्ट की अगुवाई में प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक को भी देखा। सभी अतिथियों का आभार केन्द्रीय प्रशासनिक सुधार मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव   (ए.आर.पी.जी.) श्री अरुण झा ने व्यक्त किया। इस अवसर पर खेल राज्य मंत्री श्री मांगीलाल गरासिया, केन्द्रीय प्रशासनिक सुधार के सचिव श्री संजय कोठारी, राज्य के पुलिस महानिदेशक श्री हरीश चन्द्र मीणा, राज्य के प्रमुख सचिव (आई.टी.) श्री श्रीमत पाण्डेय, जयपुर पुलिस आयुक्त श्री बी.एल. सोनी, सचिव आई.टी. श्री संजय मल्होत्रा सहित राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी तथा देश के विभिन्न हिस्सों से आये प्रतिनिधि शामिल थे |

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