जुनैद के परिवार में दो को नौकरी और उचित मुआवजा : जमीअत उलमा ए हिन्द

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– जमीअत उलमा ए हिन्द के प्रतिनिधिमंडल के सामने डीसी फरीदाबाद की घोषणा, जमीअत का प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री से जल्द मुलाक़ात – 

Maulana-Mahmood-Madaniआई एन वी सी न्यूज़
नई दिल्ली,
जमीअत उलमा ए हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी के निर्देश के अनुसार संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल ने खंदावली गांव मेवात पहुंचकर ट्रेन में बर्बर हमले के पीड़ितों और उनके परिजनों से मुलाकात की। ईद के दिन जब पूरा देश खुशी और मसरतों में डूबा हुआ था, खंदावली गांव में हर तरफ शोक छाया था. जमीअत का प्रतिनिधिमंडल कल सोमवार को ईद की नमाज़ के बाद शहीद जुनैद के माता-पिता को दिलासा देने और उनका शोक बाँटने के लिए वहाँ पहुँचा. बताते चलें कि इस त्रासदी के बाद जमीअत उलमा ए हिन्द के स्थानीय ज़िम्मेदारों पुलिस प्रशासन और सरकार के संपर्क में हैं और जमीअत के एक प्रतिनिधिमंडल ने पहले ही दिन गांव का दौरा भी किया था। संगठन के महासचिव मौलाना महमूद मदनी भीड़ के रूप में हो रहे ऐसी दुर्घटनाओं से इस कदर दुखी हैं कि उन्होंने 30 जून को होने वाली अपनी ईद मिलन समारोह भी रद्द कर दी है।

प्रतिनिधिमंडल, खनदाउली गांव पहुंचने से पहले फरीदाबाद में पुलिस कमिश्नर हनीफ कुरैशी और रेलवे एसपी कमल दीप से मुलाकात करके इस दुखद घटना के संबंध में देश भर के लोगों की भावनाओं से उन्हें अवगत कराया और जल्द कदम उठाने की ओर ध्यान दिलाया। प्रतिनिधिमंडल के अनुरोध पर पुलिस आयुक्त, रेलवे एसपी, डीसीपी फरीदाबाद और एसडीएम, पीड़ितों के घर पहुंचने के लिए तैयार हुए, हालांकि इससे पहले कोई उच्चअधिकारी वहां नहीं पहुंचा था।

खनदावली गांव में स्थानीय ज़िम्मेदारों, पीड़ितों के पिता ज़ैनुलआबेदीन और पुलिस आयुक्त हनीफ कुरैशी, एसडीएम अमरदीप सिंह, डीसी और स्थानीय विधायक मोलचन्दन शर्मा के सामने अपराधियों की गिरफ्तारी और उचित मुआवजे की मांग पर जोर दिया. इस पर डी सी फरीदाबाद ने शहीद जुनैद परिवारों में दो को नौकरी देने की घोषणा की, साथ ही बताया कि वह शहीद के पिता को सरकार की ओर से पांच लाख रुपये का चेक दे चुके हैं एवं पांच लाख और जल्द ही भेंट करेंगे, जहा तक लोगों की गिरफ्तारी की बात है तो पुलिस प्रशासन हर तरह की छानबीन कर रही है और अपराधियों को सजा दिलाने में कोई लापरवाही नहीं बरतेगी ।

जमीअत उलमा ए हिन्द के प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता कर रहे मौलाना हकीमुद्दीन कासमी सचिव जमीअत उलमा ए हिन्द ने कहा कि धर्म के आधार पर सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह के हमले बेहद शर्मनाक हैं, उस पर त्वरित रोक लगनी चाहिए, मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने बताया कि मौलाना महमूद मदनी जी ने रेलवे मंत्री को खत लिख कर दिल्ली के आस पास की ट्रेनों में चरमपंथी तत्वों के माध्यम से अन्य यात्रियों को परेशान करने की घटनाओं पर रोक लगाने से मुताल्लिक़ खत लिखा है.

जमीअत के प्रतिनिधिमंडल को इस त्रासदी में घायल हुए हाफिज इरशाद ने बताया कि दस पंद्रह व्यक्ति थे जो हमें मार रहे थे, हमें पाकिस्तानी, मुल्ला, वतन दुश्मन, मांसाहारी का ताना दे रहे थे, अफसोस की बात यह है कि हम भागना चाह रहे थे तो दूसरे लोग भी हमें धकेल कर उनकी ओर लौटा देते थे। इरशाद ने बताया कि हमारे बीच सेट का कोई मतभेद नहीं था, जिसने भी जगह मांगी, जगह दे दी। वास्तव में उन लोगों ने हमसे मतभेद धर्म के आधार पर क्या, हमारे प्रारूप, कपड़े और हुलिया पर फबतयाँ कसीं, और मुझे और मेरे भाई जुनैद और शाकिर को बड़ी बेरहमी से मारा और जुनैद ने मेरे गोद में दम तोड़ दिया। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण त्रासदी था कि जब कुछ लोग आप को मार देना चाहें और ट्रेन ने बैठे लोग आप को उसी मौत के बाड़े में बार बार धक्का दें। जमीअत उलेमा हरियाणा, पंजाब और हिमाचल के अध्यक्ष मौलाना याहया करीमी ने कहा कि जमीअत उलमा ए हिन्द इस मामले में अपना भी वकील रखे गी ताके मज़बूती से केस लड़ा जाये.

प्रतिनिध मंडल में मौलाना हकीमुद्दीन कासमी सचिव जमीअत उलमा ए हिन्द,मौलाना याहया क़ासमी अध्यक्ष जमीअत उलेमा हरियाणा, पंजाब और हिमाचल, अज़ीमुल्लाह सिद्दी कसी, जावेद कलीमुद्दीन कासमी, मौलाना मोहम्मद अली, करि मोहम्मद असलम, मौलाना अब्दुल मजीद , हाजी अब्दुर्रहमान, मुफ्ती लुकमान, मौलाना नज़ीर करीमी, भाई मोहम्मद खुर्शीद जमाल गढ़ आदि शरीक थे।

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