छत्तीसगढ़ में उड़ानों के लिए खुलता आकाश

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1331-ccपिछले चौदह वर्षों में छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक विमान सेवाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यात्रियों के लिए राजधानी रायपुर में पहले इक्का-दुक्का फ्लाइट आती थी, लेकिन जैसे-जैसे रायपुर शहर प्रदेश की राजधानी के रूप में विकसित होने लगा, यहां आर्थिक-प्रशासनिक गतिविधियां भी बढ़ने लगी। बड़ी कम्पनियों का आगमन हुआ। नये-नये उद्योगों की स्थापना, नये बिजली घरों की स्थापना, लोगों का व्यापार-वाणिज्य और प्रशासनिक कार्यों से देश के दूसरे शहरों में आना-जाना बढ़ा। रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल पर फ्लाइट के समय आने जाने वाले यात्रियों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में इस एयर पोर्ट से आठ लाख 39 लाख से अधिक यात्रियों ने यात्रा की।

राज्य शासन ने भी हवाई यातायात को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता महसूस की। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विमानों में प्रयुक्त होने वाले एविएशन फ्यूल पर वेट कर की दर 25 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का निर्णय लिया। भारत सरकार के उड्डयन मंत्रालय ने भी मुख्यमंत्री डॉ. सिंह के इस साहसिक फैसले की प्रशंसा की। राज्य शासन की इस पहल से लाभ उठाने के लिए देश की अनेक विमानन कंपनियां रायपुर आयीं। इससे छत्तीसगढ़ में आने-जानेे वाली उड़ानों की संख्या बढ़कर तेरह हो गई। वर्तमान में एयर इंडिया, इण्डिगो, जेट एयरवेज और जेट कनेक्ट विमानन कम्पनियों की सेवाएं उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की विशेष पहल पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में रायपुर के माना विमानतल का नामकरण स्वामी विवेकानंद के नाम पर करने का संकल्प पारित किया गया और यह प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया। केन्द्रीय केबिनेट ने राज्य सरकार के प्रस्ताव पर 24 जनवरी 2012 को माना विमानतल का नामकरण स्वामी विवेकानंद विमानतल करने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री ने इस निर्णय के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर धन्यवाद दिया। उल्लेखनीय है कि स्वामी विवेकानंद ने अपनी किशोरावस्था के दौरान दो वर्ष रायपुर में व्यतीत किए थे। रायपुर स्थित एयरपोर्ट सहित जगदलपुर, बिलासपुर, अम्बिकापुर, रायगढ़, जैसे शहरों में भी हवाई यातायात प्रारंभ करने के लिए मुख्यमंत्री लगातार प्रयास कर रहे हैं। इस दौरान रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट के नजदीक राज्य शासन के स्टेट हैंगर और प्रशासकीय भवन का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। रायपुर एयरपोर्ट के नये टर्मिनल का राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने सात नवम्बर 2012 को शुभारंभ किया। अब रायपुर के पुराने टर्मिनल को कार्गांे टर्मिनल के रूप में विकसित करने के प्रयास किए जा रहे है। इस टर्मिनल के बनने से यहां के उद्योगों को हवाई मार्ग से माल लाने ले जाने की सुविधा मिलेगी।

राज्य शासन ने समय-समय पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय से बिलासपुर, अम्बिकापुर और जगदलपुर को भारत सरकार की एयरपोर्ट विकसित करने संबंधी योजनाओं में शामिल करने का आग्रह किया। बिलासपुर औद्योगिक संस्थानों के अतिरिक्त शैक्षणिक और वाणिज्यिक गतिविधियों का भी केन्द्र है। यहां एन.टी.पी.सी., एस.ई.सी.एल., रेल्वे जोन, केन्द्रीय विश्वविद्यालय, के अतिरिक्त राज्य के दो विश्वविद्यालय है। अंबिकापुर और जगदलपुर क्षेत्र में पर्यटन तथा औद्योगिक विकास काफी हुआ है। हवाई सेवा प्रारंभ होने से इन क्षेत्रों के विकास में तेजी आएगी। वर्तमान में रायपुर से दिल्ली और मुंबई के लिए चार-चार फ्लाइट, रायपुर से हैदराबाद की दो फ्लाइट, रायपुर से बेंगलुरु की एक और कोलकाता के लिए दो फ्लाइट हैं।

मुख्यमंत्री राज्य में विमान सेवाओं के विकास के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने अपने हाल के नई दिल्ली प्रवास के दौरान 15 जुलाई 2014 को केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री अशोक गजपति राजू से रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने प्रारंभ करने और बिलासपुर, जगदलपुर तथा अंबिकापुर में एयरपोर्ट बनाने का आग्रह किया। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ में बड़े औद्योगिक संयंत्र हैं और यह तेजी से सर्विस सेक्टर क्षेत्र में उन्नति कर रहा है। इन कारणों से पिछले पांच वर्षों में रायपुर में हवाई यातायात तेजी से बढ़ा है। केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री के इन प्रस्तावों पर अपनी सहमति प्रकट की। हाल ही में केन्द्र सरकार की 50 नए छोटे एयरपोर्ट बनाने की योजना में छत्तीसगढ़ के दो शहरों बिलासपुर और रायगढ़ का चयन किया गया है। राज्य सरकार ने एक साल पहले 24 जुलाई 2013 को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ रायगढ़ में एयरपोर्ट बनाने के लिए एम.ओ.यू किया है। बिलासपुर के चकरभाटा में एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी भी कर ली गई है।

रायपुर से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान प्रारंभ करने के लिए भी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा 400 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को रायपुर एयरपोर्ट के विस्तार के लिए उपलब्ध करायी गयी है।

छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा चकरभाटा (बिलासपुर) से नियमित विमान सेवा प्रारंभ करने और स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर को अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट घोषित करने का संकल्प पारित किया गया है। विमानन विभाग द्वारा जगदलपुर हवाई पट्टी पर नाइट लैंडिंग की सुविधा के लिए भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण को एक करोड़ 36 लाख रूपए की राशि उपलब्ध कराई गई है। वर्तमान में प्रदेश के अंबिकापुर (दरिमा), बिलासपुर, भिलाई (नन्दनी), जगदलपुर, जशपुर नगर, रायगढ़ और कोरबा में हवाई पट्टी है। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हाल ही में देश के 24 एयरपोर्टों में डोमेस्टिक कार्गों टर्मिनल शुरू करने की अनुमति प्रदान कर दी है, जिसमें रायपुर एयरपोर्ट भी शामिल है।

प्रदेश में विमानन सुविधाओं के विकास से रोजगार के नये अवसर विकसित होंगे, प्रदेश के आर्थिक विकास को गति मिलेगी और देश की जानमानी कम्पनियों और संस्थानों का रूख छत्तीसगढ़ की ओर होगा। इसका फायदा प्रदेश के युवा वर्ग को रोजगार के अच्छे अवसर के रूप में मिलेगा।

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