आई एन वी सी,
रायपुर,
राज्य सरकार के छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2012 पर अमल के लिए समयबध्द कार्यक्रम तैयार कर लिया है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय द्वारा इसके लिए सभी जिला कलेक्टरों को परिपत्र भेजकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। परिपत्र के अनुसार 15 मार्च से 30 मार्च तक सभी प्रक्रियाओं को पूर्ण कर राज्य शासन के निर्णय के अनुसार अप्रैल के महीने में स्थानीय स्तर पर सभाओं का आयोजन कर आम जनता के बीच नये राशन कार्डों का वितरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अधिकारियों को नये राशन कार्ड जारी करने से संबंधित सभी कार्य समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने अपने यहां के गरीब और जरूरतमंद परिवारों को पर्याप्त मात्रा में सस्ते राशन का अधिकार देने के लिए लगभग डेढ़ महीने पहले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधेयक लाकर इस कानून का निर्माण किया है। लगभग 50 लाख परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। यह विधेयक 21 दिसम्बर 2012 को पारित किया गया था। खाद्य संचालनालय के अधिकारियों ने आज बताया कि वर्तमान में मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के तहत गरीबों और गरीबी रेखा श्रेणी के लगभग 34 लाख 70 हजार राशन कार्ड धारकों को मात्र एक रूपए और दो रूपए किलो में हर महीने 35 किलो अनाज और दो किलो नि:शुल्क नमक दिया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा कानून बन जाने के बाद इसमें गरीब तबके के लगभग आठ लाख नये परिवार और शामिल होंगे। इसके लिए अभियान चलाकर नये जुड़ने वाले परिवारों के लिए राशन कार्ड जारी किए जाएंगे। सामान्य वर्ग के आठ लाख परिवारों को भी इसके दायरे में शामिल किया गया है। केवल आयकर दाता अथवा आर्थिक रूप से सक्षम लगभग छह लाख परिवारों को इस नये कानून के दायरे से बाहर रखा गया है। इस प्रकार प्रदेश के 56 लाख में से 50 लाख परिवारों को राज्य सरकार के खाद्य सुरक्षा कानून का लाभ मिलेगा। खाद्य संचालनालय ने इस महीने की आठ तारीख को जारी परिपत्र में कलेक्टरों से कहा है कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 15 में उल्लेखित अंत्योदय परिवारों, प्राथमिकता वाले परिवारों और सामान्य परिवारों को पात्रता के अनुसार राशन कार्ड जारी किया जाएगा। राज्य सरकार ने राशन कार्ड बनाने का कार्य ग्राम पंचायतो के स्तर पर करने का निर्णय लिया है। इसके लिए आवेदन पत्र ग्राम पंचायतों में लिए जाएंगे, जिनकी सूची तैयार करने, आवेदकों की पात्रता का परीक्षण करने और हितग्राही को राशन कार्ड जारी करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में सरपंच सहित कम से कम तीन पंचों, पंचायत के सचिव और संबंधित क्षेत्र की स्वास्थ्य मितानिन को शामिल कर दल का गठन 15 मार्च तक पूर्ण किया जाएगा। इस दल में कलेक्टर द्वारा नामांकित एक नोडल अधिकारी भी होगा, जिसे खाद्य, राजस्व अथवा कृषि विभाग से नामांकित किया जा सकेगा। इसी अवधि में शहरी क्षेत्रों में नगरीय निकायों के अधिकारियों और कर्मचारियों को शामिल कर दलों का गठन तक पूर्ण करने के निर्देश परिपत्र में दिए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि राशन कार्ड बनाने के समयबध्द कार्यक्रम के अनुसार ग्राम पंचायतों के स्तर पर राशन कार्ड संबंधी कार्यों के लिए 15 मार्च तक समय-सीमा तय की गयी है। खाद्य संचालनालय द्वारा राशन कार्डो के लिए आवेदन सह घोषणा पत्र तथा राशन कार्ड का प्रारूप भी 15 मार्च तक प्रदान किया जाएगा। संचालनालय में ऑफ लाईन डाटाएन्ट्री के लिए और ग्राम पंचायतों तथा नगरीय निकायों में दलों के गठन के लिए भी 15 मार्च तक समय-सीमा तय कर दी गयी है। इसके बाद संभागीय मुख्यालयों में 19 मार्च और 20 मार्च को मास्टर ट्रेनरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। स्थानीय स्तर पर डाटाएन्ट्री तथा राशन कार्ड तैयार करने के लिए कम्प्यूटर, प्रिन्टर और ऑपरेटर की व्यवस्था 20 मार्च तक करने के निर्देश दिए गए हैं। सम्पूर्ण प्रक्रिया की समीक्षा और आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए सभी जिला मुख्यालयों में जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक 25 मार्च को आयोजित की जाएगी। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जिला स्तरीय प्रशिक्षण 30 मार्च को दिया जाएगा और उसी दिन राशन कार्ड के आवेदन फार्म सह घोषणा पत्र तथा राशन कार्डों का मुद्रण भी कराया जाएगा। नये राशन कार्ड जारी करने के लिए मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण कार्यक्रम संभागीय मुख्यालयों में होगा। इसके अन्तर्गत रायपुर में 19 मार्च, बिलासपुर और जगदलपुर (बस्तर) में 20 मार्च तथा अम्बिकापुर (सरगुजा में) 21 मार्च को प्रशिक्षण दिया जाएगा। ग्राम पंचायतों और शहरी क्षेत्रों में गठित दलों के सदस्यों को विभागीय प्रावधानों, राशन कार्डों के आवेदन सह घोषणा पत्रों को भरने की प्रक्रिया तथा साफ्टवेयर में डाटाएन्ट्री के लिए कम्प्यूटर ऑपरेटरों को समुचित प्रशिक्षण 30 मार्च तक दिया जाएगा। अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार हितग्राहियों के लिए केवल तीन श्रेणी के राशन कार्ड जारी किए जाएंगे, जिनका प्रारूप खाद्य संचालनालय द्वारा सभी जिलों को 15 मार्च तक उपलब्ध करा दिया जाएगा। इस प्रारूप के अनुसार जिला कलेक्टरों द्वारा राशन कार्डों का मुद्रण तीस मार्च तक पूर्ण करवाया जाएगा। यह भी उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने खाद्य सुरक्षा कानून में प्रत्येक गरीब और जरूरतमंद परिवार को भोजन का अधिकार दिया है। इसके अन्तर्गत अंत्योदय परिवारों को मात्र एक रूपए प्रति किलोग्राम की दर से 35 किलो अनाज, अनसूचित क्षेत्रों में पांच रूपए प्रतिकिलो की दर से दो किलो चना तथा गैर अनुसूचित क्षेत्रों में दस प्रति किलो की दर से दो किलो दाल दिया जाएगा। प्राथमिकता वाले परिवारों को दो रूपए प्रति किलो की दर से 35 किलो अनाज, अनुसूचित क्षेत्रों में पांच रूपए प्रति किलो की दर से दो किलो चना और गैर अनुसूचित क्षेत्रों में दस रूपए किलो की दर से दो किलो दाल का वितरण किया जाएगा। अंत्योदय और प्राथमिकता वाले इन गरीब परिवारों को दो किलो आयोडिन नमक नि:शुल्क मिलेगा। सामान्य परिवारों को साढ़े नौ रूपए प्रतिकिलो की दर से हर महीने 15 किलो अनाज दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2012 प्रदेश सरकार के राजपत्र (असाधरण) में 18 जनवरी 2013 को प्रकाशित किया जा चुका है।
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