चीन का अमेरिका से बदला

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दो महाशक्तियों के बीच जारी तनाव को और बढ़ाते हुए चीन ने अमेरिका के तीन पत्रकारों को देश से बाहर निकाल दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन पोस्ट और वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकारों को 10 दिनों के अंदर अपने मीडिया पास वापस करने के आदेश दिए हैं। माना जा रहा है कि चीन ने यह कार्रवाई अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से कोरोना को चीनी वायरस कहने के बाद उठाया गया है। यह पिछले कुछ सालों में विदेशी मीडिया पर चीन की तरफ से की गई सबसे कठोर कार्रवाई है। इससे पहले चीन सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कोरोना संकट के पीछे अमेरिका की साजिश होने का दावा किया था।

ट्रंप ने कोरोना को कहा था चीनी वायरस
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके कोरोना वायरस को चीनी वायरस बताया था। जिसपर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई थी। तीन पत्रकारों को बाहर करने पर चीन का कहना है कि ट्रंप प्रशासन ने फैसला लिया है कि वह चीन के सरकारी मीडिया से जुड़े चुनिंदा पत्रकारों को ही अपने यहां रहने की इजाजत देगा।

अमेरिका ने बदले के लिए किया मजबूर
चीन ने एक बयान में कहा है कि उन्हें हांगकांग और मकाओ सहित चीन के किसी में बतौर पत्रकार काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा चीन ने वॉइस ऑफ अमेरिका, द न्यूयॉर्क टाइम्स, द वॉल स्ट्रीट जर्नल, द वॉशिंगटन पोस्ट और टाइम मैगजीन से कहा है कि वह चीन में मौजूद अपने कर्मचारियों, संपत्तियों, कामकाज और रियस एस्टेट प्रॉपर्टी के बारे में लिखित में जानकारी दे। हाल ही में अमेरिका ने चीन की सरकारी मीडिया के लिए यही नियम लागू किए थे।

चीन ने कार्रवाई को बताया जवाबी
चीनी के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी मीडिया संस्थानों पर की गई कार्रवाई को जवाबी बताया है। उसका कहना है कि अपने मीडिया संस्थानों के खिलाफ अमेरिका की कार्रवाई के बदले में वह इस कदम को उठाने पर मजबूर हुआ है। वहीं अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने चीन को इस कदम पर विचार करने के लिए कहा है। PLC.

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