गुलाबी शहर जयपुर को लगे मेट्रो रेल के पंख जयपुर मेट्रो परियोजना का सपना हुआ साकार

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JaipurMetrotrailनीति भट्ट **) प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह 21 सितम्बर, 2013 शनिवार को राजस्थान की विकास यात्रा में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ने जा रहे है। प्रधानमंत्री शनिवार को राजस्थान की राजधानी गुलाबी नगर जयपुर की महत्वाकांक्षी मेट्रो परियोजना के प्रथम चरण के द्वितीय भाग चांदपोल से बड़ी चौपड तक भूमिगत मेट्रो रेल लाईन की आधारशिला रखेंगे। बाद में वे पुष्कर एवं अजमेर दरगाह शरीफ के लिए विश्व प्रसिद्ध अजमेर शहर के निकट किशनगढ़ में बनने वाले हवाई अड्डे का शिलान्यास भी करेंगे !

      विश्व पर्यटन के मानचित्र पर गुलाबी शहर (पिंक सिटी) के रूप में विख्यात ऎतिहासिक नगर जयपुर में मेट्रो रेल गाड़ी चलाने के राज्य सरकार द्वारा देखे गए सपने को योजना आयोग, केन्द्र सरकार के नगरीय विकास मंत्रालय एवं डी.एम.आर.सी. (दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन) के सहयोग से जयपुर मेट्रो कार्पोरेशन द्वारा लगभग 2 वर्ष 9 माह के रिकार्ड समय में पूरा किया जा चुका है। बुधवार, 19 सितम्बर को राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने जयपुर मेट्रो के पहले चरण के ‘ए’ भाग के अन्तर्गत निर्माणधीन जयपुर के मानसरोवर से चांदपोल के मध्य पूर्ण हो चुके 3.30कि.मी. तक ट्रेक पर मेट्रो के ट्रायल रन का शुभारंभ किया। गुलाबी रंग में राजस्थानी स्थापत्य कला की डिजाईन से सजीधजी मेट्रो ट्रेन को देखने गुलाबी नगरी के लोग उमड़ रहे है।

      गुलाबी नगरी को ‘वल्र्ड क्लास सिटी’ बनाने की कोशिशों के तहत जयपुर की ‘लाईफ-लाईन’ बनने जा रही यह मेट्रो रेलगाड़ी फिलहाल कुछ महीनों तक एशिया की सबसे बड़ी हाउसिंग कॉलोनी माने जाने वाली जयपुर के उपनगर मानसरोवर से आतिश मार्केट, विवेक विहार और श्याम नगर तक ‘ट्रायल-रन’ के रूप में चलेगी। बाद में यह जयपुर के रामनगर, सिविल लाईन्स, रेल्वे स्टेशन एवं सिंधी केम्प पर विकसित हो रहे राजस्थान रोडवेज के अन्तर्राष्ट्रीय बस अड्डा होते हुए शहर के प्रसिद्ध गेट ‘चांदपोल’ तक जाएगी।

      मेट्रो रेल परियोजना के प्रथम चरण के भाग ‘बी’ के अंतर्गत कालांतर में यह मेट्रो रेल चांदपोल से छोटी चौपड़ होते हुए बड़ी चौपड़ तक का सफर तय करेगी जिसका शिलान्यास प्रधानमंत्री डॉं. मनमोहन सिंह के हाथों करवाया जा रहा है।

      इस प्रकार राजस्थान देश की यह पहली मेट्रो रेल परियोजना राजस्थान में ‘पब्लिक ट्रांसपोर्ट’ के नए युग की शुरूआत करेगी। यह सिलसिला आने वाले समय में राज्य के अन्य शहरों में भी वक्त की मांग के साथ विश्व स्तरीय‘पब्लिक ट्रांसपोर्ट’ सेवाओं के लिए सम्भावनाओं के द्वार खोलेगी। इसी क्रम में केन्द्रीय नगरीय विकास मंत्रालय ने प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े शहर जोधपुर में मेट्रो रेल परियोजना के लिए अपनी सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की है। वहीं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत नई दिल्ली से अलवर को हाई स्पीड टे्रन से जोड़ने की योजना भी बन रही है। दरअसल जयपुर मेट्रो रेल परियोजना राजस्थान में विश्व स्तरीय नगरीय यातायात सुविधाओं के आगाज की दृष्टि से एक गौरवशाली उपलब्धि है।

      करीब 9732 करोड़ रूपये की लागत वाली जयपुर की महत्वाकांक्षी परियोजना प्रदेश के विकास में मील का नया पत्थर साबित होगी। राजस्थान जैसे रेगिस्तान प्रदेश में किसी जमाने में एक जगह से दूसरे स्थान तक जाने के लिए बैलगाड़ी और ऊंटगाड़ों के इस्तेमाल किया जाता था। कालांतर में प्रदेश के लोगों के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए आवागमन, परिवहन और यातायात के साधनों के निरंतर विकास और विस्तार के बीच मेट्रो रेल का यह स्वर्णिम अध्याय बेहद खास होने के साथ ही प्रदेश के लोगों को मौजूदा राज्य सरकार की एक विशेष सौगात है। मेट्रो रेल प्रदेश में विश्व स्तरीय ‘पब्लिक ट्रांसपोर्ट’ सेवाओं के आगाज की दृष्टि से मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की दूरगामी सोच का अभूतपूर्व और निर्णायक कदम है, जो आने वाले कल में प्रदेश की ‘जन-परिवहन’ सेवाओं के विकास का एक नया मार्ग प्रशस्त करेगा।

      इस परियोजना के तहत पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर के तहत मानसरोवर से चांदपोल तक 9.718 किलोमीटर के फेज प्रथम-ए का कार्य पूर्णता की ओर अग्रसर है। जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा दिल्ली मेट्रो के सहयोग से जिस गति और कुशलता के साथ मेट्रो परियोजना के फेज प्रथम-ए की परिणति की जा रही है, वह देश के मेट्रो रेल प्रोजेक्ट्स में अपने आप में एक मिसाल है। जयपुर मेट्रो परियोजना के फेज प्रथम-बी  के तहत चांदपोल से बड़ी चौपड़ तक 2.349किलोमीटर तक भूमिगत मेट्रो रेलमार्ग बनाया जाएगा। प्रथम फेज में 8 एलिवेटेड स्टेशन (मानसरोवर, न्यू आतिश मार्केट, विवेक विहार, श्याम नगर, राम नगर, सिविल लाईन्स, रेलवे स्टेशन, सिंधी कैम्प) और तीन भूमिगत स्टेशन (चांदपोल, छोटी चौपड़ और बड़ चौपड़) शामिल होंगे।

      जयपुर मेट्रो के दूसरे फेज के उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर नाम दिया गया है। जयपुर के सीतापुरा से अम्बाबाड़ी तक कुल 23.099 किलोमीटर की दूरी के इस दूसरे चरण पर 6583 करोड़ रूपये की लागत का अनुमान है।

      जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लि. में इस परियोजना के तहत 3140 करोड़ रूपये के फेज प्रथम के लिए 10 ट्रेन के कुल 40 डिब्बों के निर्माण का काम भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) बैंगलोर को सौंपा हुआ है, जिस पर कुल 500 करोड़ रूपये खर्च किए जा रहे है। एक ट्रेन मे चार कोच शामिल है, प्रत्येक डिब्बे की लागत 12.5 करोड़ रूपये है। इस प्रकार एक ट्रेन के लिए 50 करोड़ रूपये हिसाब से 10 ट्रेनों पर 500 करोड़ की लागत आएागी। जयपुर मेट्रो के  लिए विशेष रूप से डिजाईन और निर्मित इन ट्रेन के बारे में खास बात यह है कि ये पूर्णतः भारत में निर्मित एवं डिजाईन की गई है। इससे पहले भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड कम्पनी द्वारा देश की अन्य में मेट्रो ट्रेन विदेशी कम्पनियों के संयुक्त कोलोब्रेशन में ही बनाई गई थी। इसमें से चार डिब्बों वाली प्रथम टे्रन जयपुर पहुंची और दूसरी ट्रेन 5 जुलाई को गुलाबी नगर पहुंची।

      जयपुर मेट्रो रेल के डिब्बों में यात्रियों की सुविधाओं और अरामदायक स्थितियों में विश्व स्तरीय ‘पब्लिक ट्रांसपोर्ट’ में सफर का एहसास देने के लिए विशेष फीचर्स शामिल किए गए है। भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड द्वारा जयपुर मेट्रो के लिए स्टैंडर्ड गेज लाईन की ट्रेन विकसित और डिजाईन की गई है। प्रत्येक ट्रेन कुल चार डिब्बे है,जिसमें दो ड्राईवर ट्रेलर कार तथा दो मोटर कार सम्मिलित है। एक ड्राईवर ट्रेलर कार की यात्री क्षमता जहां 315 है,वहीं मोटर कार में 342 यात्री एक साथ सफर कर सकते है। इस प्रकार जयपुर मेट्रो की एक ट्रेन में एक समय में1314 यात्री एक साथ सफर कर सकेंगे। ट्रेन को इस प्रकार डिजाईन किया गया है कि ये अधिकतम 85 किलोमीटर प्रति घंटा की रफतार से चलने में सक्षम है। जबकि स्टेशन पर 30 सेकण्ड के स्टोंपेज टाईम शमिल करते हुए राउंड ट्रिप स्पीड 34 किलोमीटर प्रति घंटा सम्मलित है।

      यात्रियों की सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए इसमें विशेष योग्यजनों, वरिष्ठ नागरिकों एवं महिलाओं के लिए विशेष सीटों का प्रावधान है। पूर्णतः वातानूकुलित ट्रेन के डिब्बों में सुरक्षा एवं सतर्कता की दृष्टि से चारक्लोज सर्कित टीवी कैमरा स्थापित है। यात्रियों को आगामी स्टेशनों के साथ ही ट्रेन के संचालन के सम्बंध में अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों देने के लिए टे्रन के अंदर यात्री सूचना तंत्र (पैसेंजर इंफॉरमेशन सिस्टम) के तहत डिजीटल पैसेंजर इंफॉरमेशन बोर्ड लगे रहेंगे, जो ट्रेन के संचालन के दौरान दृश्य और श्रव्य माध्यम से आवश्यक सूचनाएं यात्रियों तक पहुॅचाएंगे। मेट्रो के संचालन के रूट को दर्शाने के लिए प्रत्येक कोच में विशेष रूप से डिजाईन किए गए नक्शे लगाए जाएंगे। जिनमें अलग-अलग रंगों का प्रयोग करते हुए स्टेशन की ताजा स्थिति की जानकारी दी जाएगी।

      मेट्रो के डिब्बों में ‘डिस्क ब्रेक’ तकनीक कर इस्तेमाल किया गया है, जिससे टे्रन को रोकते समय यात्रियों को झटके महसूस नहीं होंगे। इसके साथ ही प्रत्येक डिब्बे में 46 किलोवाट के दोे हीटिंग वेंटिलेशन एवं एयर कंडीशनिंग सिस्टम लगाए गए है। ये भीषण गर्मी में प्रभावी कूलिंग तथा तीव्र सर्दी के मौसम में हीटिंग करते हुए यात्रियों को राहत प्रदान करेंगे। सुरक्षा और सतर्कता के लिहाज से भी जयपुर मेट्रो के डिब्बों में अत्याधुनिक और उन्नत तकनीक का प्रयोग किया है। मेट्रो में सफर कर रहे यात्री किसी भी आपात स्थिति में प्रत्येक डिब्बे में स्थापित ‘पैसेंजर इमरतेंसी अलार्म हेंडिल’ का प्रयोग कर सीधे ट्रेन में बनाए गए है। किसी भी आपात स्थिति में यात्रियों की सहायता के लिए प्रभावी ‘लाईटिंग सिस्टम’का भी प्रावधान है।

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