गांव से बाहर हो कलारी : ग्राम पंचायत – महिला प्रतिनिधियों ने दिखाया दम

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images (2)आई एन वी सी ,
भोपाल,
राज्य मानव अधिकार आयोग ने बालाघाट जिले की वारा ग्राम पंचायत को ेेशराब की दुकान हटाने संबंधी अनुशंसा की थी। इसका पालन करते हुए पंचायत सदस्यों ने इस ठेके को गांव, बस्ती से बाहर करने निर्णय लिया है। यह सब दम दिखाया है पंचायत की सरपंच महिला है और महिला प्रतिनिधियों ने। इस प्रस्ताव को पास कर पंचायत ने प्रस्ताव कलेक्टर के भेज दिया है। वहीं राज्य शासन ने आयोग की अनुशंसाओं का पालन नहीं कर रही है। शासन के विरोध में आयोग अब हाईकोर्ट जा रहा है। वारा ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती शमशुन निशा अली, उप सरपंच दुर्गा गिरी गोस्वामी और सचिव चाणक्य चौबे ने आयोग को शिकायत की थी कि ठेकेदार संजय सिंह कछवाहा गायत्री मंदिर रोड पर किराए की दुकान में 15 साल से कलारी चला रहा है। इस मार्ग से धर्मावलंबी, महलाएं, स्कूली छात्र और छात्राओं का आना जाना रहता है। शराबी लोग छात्राओं के साथ छेड़छाड़ करते हैं। पंचायत ने दुकान को गांव से बाहर भेजने की सिफारिश की। इस शिकायत पर आयोग ने बालाघाट कलेक्टर को नाटिस जारी किया। जिस पर कलेक्टर ने दुकान हटाने पर राजस्व हानि होने की बात कही थी। इसके बाद सरपंच ने विशेष सभा बुलाकर बस्ती मेंंं संचालित शराब की दुकान को सुनशान स्थान पर भेजने का प्रस्ताव पारित किया। साथ ही गांव के बाहर शराब की दुकान के लिए ग्राम पंचायत भवन बनाएगी और हर महीने तीन हजार रुपए का किराया वसूलेगी। ग्राम पंचायत के इस निर्णय की सूचना बालाघाट कलेक्टर ने मानव अधिकार आयोग को भेजी है। पंचायत ने प्रस्ताव में उल्लेख किया है कि मानव अधिकार आयोग ने घनी बस्तियों और महिलाओं के आवागमन वाले रास्तों से शराब की दुकान हटाने की अनुशंसा की है। इसके बाद कलेक्टर ने लिखा है कि नए स्थान पर शराब की दुकान खोलने पर सभी पक्ष सहमत हैं। जबकि इससे पहले कलेक्टर ने दुकान हटाने से राजस्व हानि होने, दुकान की स्थापना नियमानुसार एवं शिकायत नस्तीबद्ध करने की सिफारिश आयोग से की थी। -सरकार नहीं मान रही आयोग ने राज्य शासन से घनी बस्तियों, स्कूल, धार्मिक स्थानों के पास से शराब की दुकानें हटाने की अनुशंसाएं की थी, जिन्हें सरकार ने यह कहकर मानने से इंकार कर दिया कि ऐसा करने से राजस्व हानि होगी। अब आयोग शासन के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है। यह पहला मामला है, जब आयोग को सरकार के खिलाफ कोर्ट जाना पड़ रहा है।

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