गन्नौर की इंडिया इंटरनेशनल हार्टिकल्चर मार्केट अब होगी इंडिया इंटरनेशनल टर्मिनल फॉर फ्रूट, वेजिटेबल, फूल और डेयरी उत्पाद

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1-एक जनवरी से पहले चरण की होगी शुरूआत, भविष्य में फिश मार्केट भी की जाएगी शामिल
-1500 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली मंडी दिल्ली की आजादपुर मार्केट से 15 गुणा ज्यादा बड़ी होगी
-रेलवे से सब्जियों की ढुलाई के लिए 50 एकड़ में कॉनकोर का डिपो बनेगा, सब्जियों के लिए देश के पहले कस्टम क्लीयरेंस सैंटर को भी मंजूरी
आदेश त्यागी,
आई एन वी सी,
हरियाणा-दिल्ली,
सोनीपत,गन्नौर में बन रही इंडिया इंटरनेशनल हार्टिकल्चर मार्केट का नाम बदलकर अब इंडिया इंटरनेशनल टर्मिनल फॉर फ्रूट, वेजिटेबल, फ्लावर एंड डेयरी प्रोडक्ट कर दिया गया है। 1500 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट में एक जनवरी से पहले चरण में इन उत्पादों की खरीद व बिक्री शुरू हो जाएगी। यह बात हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक टीवीएसएन प्रसाद ने शुक्रवार को मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस मार्केट को और ज्यादा लाभकारी व उपभोक्ता हितैषी बनाने के लिए यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि अब तक विश्व की सबसे बड़ी हार्टिकल्चर मार्केट पैरिस में है, लेकिन इस मार्केट के निर्माण के बाद सभी इंटिग्रेटिड सुविधाओं वाली यह मार्केट विश्व में पहले स्थान पर होगी। उन्होंने बताया कि हम हम इस मार्केट का निर्माण चार चरणों में करेंगे और इसके शुरूआती दौर के लिए हमने लगभग 537 एकड़ जमीन का अधीग्रहण कर लिया है। वर्ष 2018 में यह मार्केट पूरी तरह से विकसित हो जाएगी। इसके बाद यहां पर प्रतिवर्ष दो करोड़ टन सब्जी, फल, फूल व डेयरी उत्पादों को हैंडल करने की क्षमता होगी। उन्होंने बताया कि इस मार्केट में प्रतिदिन एक हजार ट्रक अपनी एंट्री कर सकेंगी। जबकि छह हजार छोटे ट्रक व वैन यहां से सब्जी लेकर बाहर निकासी करेंगी। इस मार्केट में करीब 300 थोक विक्रेता व्यापार करेंगे। यहां फल, सब्जी व दूसरे उत्पादों के सही रखरखाव के लिए 40 वातानुकूलित प्रोसेसिंग सेंटर बनाए जाएंगे। इसके अलावा एक्सपोर्टरों व प्रोसेसरों के लिए 100 बड़े प्लाट अलॉट करने की योजना बनाई गई है। इसके अलावा यहां 30 कोल्ड स्टोरेज व सीए चैंबल भी बनाए जाएंगी।
श्री प्रसाद ने बताया कि अब तक दिल्ली की आजादपुर मार्केट ही देश की बड़ी सब्जी मंडियों में से एक थी। लेकिन दिल्ली में भीड़भाड़ होने की वजह से जम्मू कश्मीर व हिमाचल से आनी वाली सेब व अन्य फल, सब्जियों के ट्रक कुंडली बॉर्डर पर ही खड़े रहते हैं। इससे करीब 30 प्रतिशत खाद्य पदार्थ खराब हो जाते हैं और लगभग दो हजार करोड़ रुपए का नुकसान होता है। उन्होंने बताया कि गन्नौर में यह मार्केट बनने के बाद इस समस्या से छुटकारा मिलेगा और दिल्ली आजादपुर मार्केट के कई बड़े व्यापारी भी यहीं से अपना कारोबार करेंगे। उन्होंने बताया कि दिल्ली से मात्र 30 किलोमीटर की दूरी होने की वजह से यहां से व्यापार में और ज्यादा आसानी होगी। उन्होंने बताया कि केएमपी का भी हमें फायदा मिलेगा और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए भी हमें लिंक प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि दक्षिण व पूर्वी भारत से आने वाले सभी उत्पाद पलवल के जरिए आते हैं। ऐसे में हम केएमपी के जरिए उन उत्पादों को गन्नौर मार्केट तक लेकर आएंगे।
पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि सब्जी मंडी से फल, सब्जी व अन्य उत्पादों की रेलवे से ढुलाई के लिए कॉनकोर से भी एग्रीमेंट किया गया है। इसके लिए यहां करीब 50 एकड़ में कानकोर का डिपो बनाया जाएगा। गन्नौर स्टेशन तक माल पहुंचाने के लिए जीटी रोड से रेलवे स्टेशन तक के रोड को मार्केट कमेटी खुद विकसित करेगी। उन्होंने बताया कि गन्नौर में ही देश के पहले वेजिटेबल कस्टम क्लीयरेंस सैंटर को भी मंजूरी मिल गई है। इससे इस मार्केट को सबसे ज्यादा फायदा होगा।
विस्थापितों को बसाना हमारी जिम्मेदारी
हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक ने कहा कि इंडिया इंटरनेशनल टर्मिनल फॉर फ्रूट, वेजिटेबल, फूल और डेयरी उत्पाद जिन तीन गांवों की जमीन पर बनाई जा रही है वहां के विस्थापितों को बसाना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि मार्केट के साथ ही एक सभी सुविधाओं से युक्त कालोनी बनाकर लोगों को दी जाएगी। इसके लिए जीटी रोड से रास्ते का लिंक भी मुहैया करवाया जाएगा। इस दौरान कुछ किसानों द्वारा मुआवजे को लेकर आ रही दिक्कतों पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है और मंगलवार को मंडी में ही सभी किसानों का बकाया भूगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी दिक्कतों को लेकर चंडीगढ़ न जाना पड़े इसके लिए मंडी में ही विभाग का एक स्थाई कार्यालय भी जल्द ही स्थापित किया जाएगा। इस दौरान डीसी डा. चंद्रशेखर ने कहा कि लोगों की श्मशान घाट के निर्माण के अलावा जितनी भी दूसरी समस्याएं एवं मूलभूत जरूरतें हैं उनका स्थानीय स्तर पर ही हल कर दिया जाएगा।
आस-पास के क्षेत्र की आर्थिक स्थिति बदलेगी मार्केट
हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक टीवीएसएन प्रसाद ने कहा कि इंडिया इंटरनेशनल टर्मिनल फॉर फ्रूट, वेजिटेबल, फूल और डेयरी उत्पाद के निर्माण से इस क्षेत्र की जबरदस्त आर्थिक तरक्की होगी। यहां रोजगार के नए साधन उपलब्ध होंगे और लोगों को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस मार्केट में लगातार 24 घंटे कारोबार होगा और लाखों लोगों का यहां आना-जाना होगा। इससे यहां होटल, ढाबे, किराए के मकान व अन्य छोटे-बड़े काम मिलेंगे।

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