खेल मनोरंजन के साधन

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आई एन वी सी न्यूज़
लखनऊ,
   मुख्य अतिथि राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने खेल विभाग उ0प्र0 के तत्वाधान में क्षेत्रीय खेल कार्यालय लखनऊ द्वारा आयोजित (स्थान) पद्मश्री मो0 शाहिद सिन्थेटिक हाॅकी स्टेडियम, लखनऊ में ”पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती“ के अवसर पर ”राज्य स्तरीय सीनियर पुरूष हाॅकी प्रतियोगिता“ में खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाते हुए, कहा कि पूर्व अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी रहे, मो0 शाहिद के नाम से बने लखनऊ स्टेडियम में ”हाॅकी प्रतियोगिता“ को आरम्भ करना, अपने आप में एक सराहनीय कदम है, मैं इस खेल प्रतियोगिता में आकर अपने आपको अत्यन्त गौरान्वित महसूस कर रहा हूॅ। हमें स्पोर्टस में रूचि लेनी चाहिए, जिससे हमारा मन मस्तिष्क और शरीर हमेशा स्फूर्तिदायक होगा, और हम सदैव निरोगी रहेंगे, खिलाड़ी को हमेशा चैंकन्ना, चुस्त, एकाग्र और सावधान रहना चाहिए, जीतने के लिए खिलाड़ी को अन्तिम क्षणों तक संघर्ष करना चाहिए। हमें कभी असफताओं से निराश नहीं होना चाहिए, अगर हम अपने मन में दृढ़संकल्पित होकर प्रयत्न करें, तो हमें अवश्य ही सफलता मिलेगी। वैसे व्यायाम ही हमारी सफलता की कामयाब कंुजी है।
      मुख्य अतिथि श्री हाफिज उस्मान ने उपस्थित खिलाड़ियों व दर्शकों का मनोबल भारत के राष्ट्रीय खेल हाॅकी के प्रति बढ़ाने के लिए उन्हें सम्बोधित करते हुए, कहा कि खेल मनोरंजन के साधन हैं। खेल से व्यायाम स्वतः ही हो जाता है। इससे शरीर सुगठित और मजबूत बनता है। खेल से ही खिलाड़ियों का मन हमेशा प्रफुल्लित रहता है, यदि खिलाड़ी हमेशा प्रसन्नमुद्रा में रहेगा तो निश्चित ही उसका खेल सराहनीय होगा, जिस खिलाड़ी के मन में खेल की भावना होगी उसे चाहिए कि वह अपने देश के पूर्व खिलाड़ियों व अपने फेवरेड (पसंदीदा) खिलाड़ी द्वारा खेले गये, पूर्व के मैचों को देखे और उससे सीख ले कि उनके द्वारा उन मैंचों में कैसा प्रदर्शन किया गया है। अगर हर खिलाड़ी अपने मन में यह ठान ले कि हमें अपने खेल में हमेशा सर्वोच्च प्रदर्शन करना है, तो यह असम्भव नहीं है, बल्कि उसे अपने मन में हमेंशा उत्साह और नवीन जोश के साथ हर मैंच में यह सोंच कर खेेले कि मैं इस बार कुछ अलग कर सर्वाेच्च प्रदर्शन करूॅगा, तो वह निश्चित ही उस मैंच में कर सकता है, यदि किसी कारणवश वह उच्च प्रदर्शन नहीं कर पाता है तो उसे उस दिन के खेल को भूलकर नए होने वाले मैंच की तैयारियों में जुट जाये कि इस बार पहले जैसे वाली गलती नहीं होगी, तो निश्चित ही मेरा मानना है कि एक न एक दिन वह अपनी गलतियों से सीख लेकर एक दिन अपने खेल में सर्वोच्च स्थान हासिल करेगा, जिससे वह अपने माता-पिता, गुरू, व देश-प्रदेश का नाम दुनिया में रोशन करेगा। हमारे देश में अनेक तरह के खेल खेले जाते है। जैसे हाकी, टेबिल टेनिस, शतरंज, बाॅली बाल, कबड्डी, फुटबाॅल एथलेटिक्स व अन्य खेल खेले जाते है। खेल मंे अमीर-गरीब, नेता-अभिनेता, अध्यापक-विद्यार्थी, अफसर-कर्मचारी, नर-नारी सभी रूचि रखते हैं। लोकप्रियता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि लोग प्रतियोगिताओं के स्कोर आदि जानने के इच्छुक रहते हैं, मनोरंजित होते है, और खेलों को देखने के लिए टिकटों के लिए लम्बी-लम्बी कतारों में खड़े हुए, दिखाई देते हैं।
        ”पुरूष हाॅकी प्रतियोगिता“ के आयोजक डाॅ0 आर0पी0 सिंह निदेशक खेल उ0प्र0 व श्री जितेन्द्र यादव क्षेत्रीय क्रीडा अधिकारी द्वारा मुख्य अतिथि श्री हाफिज उस्मान के पद्मश्री मो0 शाहिद सिन्थेटिक हाॅकी स्टेडियम, लखनऊ में आने पर मुबारकबाद दी और पुष्पगुच्छ व स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया। प्रोग्राम में श्रीमती साधाना सिंह उपक्रीड़ा अधिकारी, श्रीमती सविता पाण्डेय, श्रीमती ऋचा सिंह, श्री शादात उस्मान, श्री सय्यैद अली व सैकड़ों की सख्या में खिलाड़ी/दर्शक व अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

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