खलनायकी में नाम अमर करना चाहता हूँ -डॉ राजेश बक्षी

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rajesh-bakshiआई एन वी सी,
मुंबई,
असल जिन्दगी में लोगों के शरीर से दर्द निकाल कर उन्हें राहत की साँस देने की कोशिश करतेहैं, डॉ राजेश बक्षी जबकि फ़िल्मी परदे पर लोगों को तकलीफ देकर उन्हें मज़ा आता है, यानिपरदे पर वो खलनायक बन कर डराते हैं । राजेश ने अब तक अनेकों क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों में तो काम किया है इसके साथ ही पिछलेदिनों रिलीज़ हुई हिंदी फिल्म “जिला गाज़ियाबाद” में उन्होंने बहुत ही शानदार किरदार अभिनीत किया था । “संजय दत्त के साथ अभिनय करना बहुत ही लाजवाब रहा.” यह कहना हैखुद राजेश का । इस फिल्म से पहले उन्होंने आक्रोश, बिट्टू बॉस, अतिथि तुम कब जाओगे आदि फिल्मों में कामकिया है। इसके अलावा पंजाबी फिल्म तौर मित्रा दीं, बहुरानी, प्यारे भरतार, बहु बड़ी या सास,गाँव की गोरिया आदि अनेकों फिल्मों में खलनायक की ही भूमिका अभिनीत की है । उनसे पूछनेपर की कोई खास वजह कि उन्होंने अभी तक सभी फिल्मों में वो चाहे हिंदी हो पंजाबी या कोईऔर भाषा की सभी में खलनायकी करने ही क्यों की? उन्होंने जवाब दिया अभिनय तो अभिनयहै चाहे वो नकारात्मक हो या सकारात्मक, और वैसे भी मुझे खलनायकी ज्यादा प्रभावित करती है। मैं इसी तरह का किरदार करना चाहता हूँ और यह भी चाहता हूँ की दर्शक मुझे एकखतरनाक विलेन के रूप में पहचाने।” बड़े पर अपने अभिनय के जौहर दिखने वाले डॉ राजेश एक्यूप्रेशर से बहुत सारी बीमारियों काइलाज़ करते हैं, जिनमें बेक पैन, आर्थराइटिस, ओबेसिटी, माग्रैन, थायरायड, हार्ट की समस्याआदि हैं इनके सारे मरीज़ फ़िल्मी दुनिया के ही हैं, और शायद यही वजह है की अपने पेशेंटका इलाज़ करते-करते यह खुद उनकी बीमारी से ग्रसित हो गये यानी फिल्मों के ग्लेमर सेआकर्षित होकर खुद भी अभिनय करने लगे। राजेश ने अब तक अजय देवगन, इरफ़ान खान,जिमी शेरगिल, सोहेल खान, मुकेश खन्ना, राज बब्बर, अनुपम खेर आदि अभिनेताओका एक्यूप्रेशर से ईलाज किया है।

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