केंद्रीय हिंदी संस्‍थान की मदद से यूक्रेनियन गीत-संगीत को भारतीय धरातल में रोपना चाहता हूँ : यूरी बोत्‍बिन्किन

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केंद्रीय हिंदी संस्‍थान, आगराआई.एन.वी.सी,,
लखनऊ,,
केंद्रीय हिंदी संस्‍थान, आगरा के अंतर्राष्‍ट्रीय हिंदी शिक्षण विभाग की ओर से आज आयोजित एक कार्यक्रम में उक्रेन के छात्र-छात्राओं के एक दल ने उक्रेन का सांस्‍कृतिक प्रतिनिधित्‍व करते हुए उक्रेन की सांस्‍कृतिक छटा बिखेरी।  संस्‍थान के नजीर सभागार में संपन्‍न हुए इस बहुवर्णी कार्यक्रम का नेतृत्‍व उक्रेन के हिंदी-प्रेमी श्री यूरी बोत्‍बिन्किन ने किया। उनके साथ उक्रेन से चौदह हिंदी-प्रेमी विद्यार्थी पधारे थे। श्री यूरी ने बताया कि उक्रेन में उनके साथ हिंदी और भारत-प्रेमी नवयुवक-युवतियों का एक बड़ा समूह हिंदी के लिए काम करता है। उन्‍होंने कहा कि उनके भारत आने का एक मकसद केंद्रीय हिंदी संस्‍थान की मदद से यूक्रेनियन गीत-संगीत को भारतीय धरातल में रोपना है। श्री यूरी ने बताया कि उक्रेन में हिंदी का शिक्षण-प्रशिक्षण काफी पहले से चल रहा है। अनेक विद्यार्थियों ने हिंदी और हिंदी संस्‍कृति का गंभीर अध्‍ययन किया है। वहाँ के कुछ विद्यार्थियों ने केंद्रीय हिंदी संस्‍थान से भी हिंदी पढ़ी है और बेहतर प्रदर्शन किया है। श्री यूरी ने भारतीय संस्‍कृति की आध्‍यात्मिक ऊंचाईयों की सराहना करते हुए कहा कि भारतीयों की हर गतिविधि में आध्‍यात्मिक रंगत होती है। भारत केवल इस दृष्टि से ही नहीं, कला, भाषा और संस्‍कृति की दृष्टि से भी एक समृद्ध परंपरा और महत्‍व वाला देश है। श्री यूरी ने इच्‍छा व्‍यक्‍त की कि उनका देश भी भारत की विशिष्‍टताओं के साथ सामंजस्‍य बिठाकर आगे बढ़ना चाहता हैा भारत उक्रेन को आध्‍यात्मिकता का श्रेष्‍ठ उपहार प्रदान कर सकता है। श्री यूरी ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि हम अपने संगीत को भारतीय और उक्रेनियन परंपरा का मिश्रण करके प्रस्‍तुत करना चाहेंगे। तत्‍पश्‍चात् उक्रेनियन दल ने भारतीय पद्धति से मंत्रोच्‍चार कर संगीत कार्यक्रम की शुरुआत की। उन सबने उक्रेनी में लोकगीत गाए और पूरे कार्यक्रम को भारतीय रंग में ढालने की सार्थक कोशिश की।संस्‍थान के कुलसचिव डॉ. चंद्रक्रांत त्रिपाठी ने विद्यार्थियों के प्रति शुभेच्‍छा व्‍यक्‍त करते हुए दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को विकसित करने पर जोर दिया। कार्यक्रम में प्रो. देवेन्‍द्र शुक्‍ल, डॉ. के.जी. कपूर, प्रो. रामलाल वर्मा, श्री प्रमोद पाठक आदि शैक्षिक सदस्‍यों सहित भारी संख्‍या में देशी-विदेशी विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. प्रमोद शर्मा ने किया।

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