दिल्ली,
लोकसभा मेँ आज यूपीए सरकार के इस आखिर अंतरिम बजट को पेश करते हुए वित्त मंत्री पी चिदंबरम को सुनकर ऐसा लगा कि जैसे वो सिर्फ अपनी सरकार के पिछले द्स साल के कार्य कलापोँ को ही गिना रहे होँ और फिर भले ही वो कोई बड़े ऐलान न कर पाएं हों, लेकिन उन्होंने ऑटो सेक्टर को बड़ी राहत दी है। सरकार ने एक्साइज़ ड्यूटी को 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी की है। छोटी कारों और मोटरसाइकिल पर एक्साइज़ ड्यूटी 12 फीसदी से घटाकर 8 फीसदी की गई है।
एसयूवी पर एक्साइज़ ड्यूटी 30 फीसदी से घटकर 24 फीसदी हो गई है। बड़ी और मिड सेगमेंट गाड़ियों पर 20 फीसदी एक्साइज़ ड्यूटी लगेगी। इसके अलावा वित्त मंत्री ने मोबाइल हैंडसेट पर एक्साइज़ ड्यूटी में बदलाव करने की सिफारिश की है। आयशर मोटर्स के एस शांडिल्य का कहना है कि ऑटो सेक्टर के लिए राहत की कोई उम्मीद नहीं थी लेकिन उसके मुकाबले बहुत अच्छी खबर है। ऑटो सेक्टर के रिवावाइवल के लिए एक बड़े कदम की ज़रूरत थी जो अंततः उठा लिए गए हैं।
वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने लोकसभा में अंतरिम बजट पेश करते हुए उत्पाद शुल्क को घटाकर 12 से 10 फीसदी करने का ऐलान किया, जबकि बड़ी गाड़ियों पर इसे 30 से घटाकर 24 फीसदी कर दिया गया। मोटरसाइकिलों पर उत्पाद शुल्क को 10 से घटाकर आठ फीसदी किया गया, वहीं छोटी गाड़ियों पर इसे 12 से आठ फीसदी किया गया। निर्माण क्षेत्र में एक्साइज़ पर दो फीसदी की कटौती का ऐलान किया गया। फ्रिज, टीवी और देश में बने मोबाइल सस्ते होंगे। उन्होंने आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं किया और कहा कि डाइरेक्ट टैक्स कोड पर जनता के सुझाव लिए जाने की जरूरत है।
चिदंबरम ने कहा कि पूरे वित्तवर्ष के लिए विकास दर 4.9 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि तीसरी और चौथी तिमाही में विकास दर 5.2 फीसदी रहेगी। उन्होंने कहा कि वित्तीय घाटा 4.6 प्रतिशत के भीतर ही रहेगा। वर्ष 2013-14 के लिए चालू बजट घाटा 45 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। चिदंबरम ने कहा कि दुनिया के मुकाबले हमारे आर्थिक हालात बेहतर है और हमने मुश्किल हालात में भी विकास दर बनाए रखी है।
उन्होंने कहा कि निर्यात बढ़कर 326 अरब डॉलर हुआ, 10 साल में निर्माण क्षेत्र में 10 लाख नौकरियां पैदा हुईं। 3343 किमी रेलवे ट्रैक जोड़े गए। सात नए हवाई अड्डों का निर्माण शुरू किया गया और 10 साल में बिजली का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ।
कृषि क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि 263 मिलियन टन अनाज के उत्पादन का अनुमान है। उन्होंने कहा कि कृषि निर्यात 45 अरब अमेरिकी डॉलर का स्तर पार कर लेगा। वित्तमंत्री ने कहा कि पिछले बजट के मुकाबले महंगाई दर में कमी आई है, लेकिन खाद्य महंगाई अब भी चिंता का विषय है।
चिदंबरम ने कहा कि वह पॉलिसी पैरालिसिस के आरोप को नहीं मानते और दो साल पहले की तुलना में अर्थव्यवस्था स्थिर हाल में है। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं से मंदी कम हुई और हमने हर क्षेत्र में तरक्की की है। वित्तमंत्री ने कहा कि भूमि अधिग्रहण में पारदर्शिता आई है।
चिदंबरम ने कहा कि योजनाएं लागू करने में हमने कई अवरोध झेले, लेकिन हम अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की कोशिश में हैं और निवेश में कोई बड़ी गिरावट नहीं आई है। उन्होंने कहा कि निर्यात बढ़ने की खुशी है और आयात भी कम हुआ है।
वित्तमंत्री ने कम्युनिटी रेडियो के लिए 100 करोड़ रुपये की घोषणा की और महिला सुरक्षा के लिए बनाए गए निर्भया फंड के लिए 1000 करोड़ रुपये का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राज्यों को दी जाने वाली केंद्रीय सहायता में वृद्धि होगी। वित्तवर्ष 2014-15 में राज्यों को 3.8 लाख करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी और पूर्वोत्तर के राज्यों को 1200 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में बिजली उत्पादन क्षमता बढ़कर 2,34,600 मेगावाट हो गई। यही नहीं, 10 साल पहले शिक्षा पर खर्च 10,145 करोड़ था, जबकि इस वर्ष यह 79,251 करोड़ किया गया। 2014-15 में योजनागत खर्च में कोई बदलाव नहीं, 5.55 लाख करोड़ ही रहेंगे।
उन्होंने कहा कि एक रैंक एक पेंशन का प्रस्ताव मंजूर किया गया और इसके लिए 500 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। रक्षा बजट में 10 फीसदी की बढ़ोतरी कर इसे 2.24 लाख करोड़ रुपये किया गया। रेलवे को बजटीय सहायता बढ़ाकर 29,000 करोड़ की गई। चिदंबरम ने कहा कि ‘आधार’ परियोजना के प्रति सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है, क्योंकि योजना के आलोचकों को भी मानना ही पड़ेगा कि यह सशक्तिकरण का माध्यम बना। तेल सब्सिडी 65 करोड़ ही रहेगी।
गैर-योजनागत खर्चे 12.7 लाख करोड़ रुपये रहेंगे। 2014-15 के दौरान खाद्य, उर्वरक तथा ईंधन सब्सिडी 2.46 लाख करोड़ रहेगी। 2.1 करोड़ रसोई गैस उपभोक्ताओं को 3370 करोड़ रुपये डाइरेक्ट कैश सब्सिडी के तौर पर दिए गए। कलपक्कम में 500 मेगावाट का फास्ट ब्रीडर न्यूक्लियर रिएक्टर जल्द तैयार होगा, सात अन्य परमाणु ऊर्जा रिएक्टर निर्माणाधीन हैं। सरकारी बैंकों के लिए 11,200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। सरकारी बैंकों की 5207 नई शाखाएं खोली गईं और कुल 8000 शाखाएं करने का लक्ष्य है। एजुकेशन लोन पर छूट से नौ लाख छात्रों को फायदा हुआ।