किसानों को साल में केवल दो बार बिजली का बिल भरना पड़ेगा : चोहान

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chief minister shivraj singh chouhanआई एन वी सी,,
भोपाल,,
मध्यप्रदेश में गेहं की खरीदी पंद्रह सौ रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर की जायेगी। राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी में बोनस की राशि बढ़ाकर 150 रुपये प्रति क्विंटल कर दी है। किसानों की सुविधा के लिये बिजली की दर 1200 रुपये प्रति हार्सपावर प्रति वर्ष घोषित की गयी है। किसानों को साल में केवल दो बार बिल करना पड़ेगा। जिन किसानों के ऊपर बिजली की बकाया संबंधी प्रकरण चल रहे है उन्हें विशेष लोक अदालत लगाकर निराकरण किया जायेगा। सभी किसानों को उनकी भूमि के नक्शे खसरे और ऋण पुस्तिकाएं दिलाने के लिये विशेष अभियान चालाया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां जम्बूरी मैदान में आयोजित किसानों की महापंचायत यह घोषणायें की। इस विशाल किसान महापंचायत के मुख्य अतिथि पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री राजनाथ सिंह थे। किसानों को विदेशों में होने वाली उन्नत खेती से परिचित कराने के लिये मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री किसान विदेश भ्रमण योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि किसानों की खेती संबंधी सुविधाओं का लाभ लेने के लिये अविवादित नामांतरण, बटवारा और सीमांकन प्रकरणों को समय-सीमा में निपटाने के लिये लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत लाया जायेगा और विशेष अभियान चलाकर मई माह तक सभी प्रकरणों का निपटारा कर दिया जायेगा। उन्होंने अच्छी खेती के लिये सिंचाई सुविधाएं बढ़ाने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि हर साल छह लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में सिंचाई सुविधाएं बढायी जायेंगी। खेती की एक-एक इंच जमीन में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। नर्मदा-क्षिप्रा नदी जोड़ों परियोजना का काम जल्दी पूरा हो जायेगा। इससे मालवा क्षेत्र के 3000 गांव और 72 शहरों को पानी मिलने के साथ ही 16 लाख हेक्टेयर जमीन में सिंचाई होगी।  मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के खातों में लाभ की राशि जमा करने और अन्य योजनाओं का लाभ देने के लिये सहकारी बैंकों में कोर बैंकिंग की जा रही है। फसल खरीदी के संबंध में उन्होंने कहा कि इस साल बारदानों की कोई कमी नहीं होगी। किसानों की उपज का एक-एक दाना खरीदा जायेगा। वर्तमान में 108 मंडियों के परिसर में खरीदी की व्यवस्था की गयी है और 102 अतिरिक्त मंडियों में व्यवस्थाएं की जायेंगी। उन्होंने कहा कि कस्टम हायरिंग केंद्र खोले जायेंगे। स्प्रिंकलर पर 80 प्रतिशत अनुदान का लाभ देने के लिये निर्धारित लक्ष्य में पांच गुना वृद्धि की जायेगी। कोदो-कुटकी उत्पादन वाले क्षेत्रों में 100 छोटे उद्योगों की स्थापना की जायेगी। श्री चौहान ने कहा कि किसानों को खेती-किसानी की महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिये एसएमएस सुविधा प्रारंभ की जायेगी। किसानों के समूह बनाकर फलों के उत्पादन के लिये समूह खेती पर अगले पांच सालों में एक हजार करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। इसी प्रकार छिड़का पद्धति से खेती को समाप्त कर आधुनिक खेती के लिये 75 करोड़ रुपये की योजना शुरू की जायेगी। मुख्यमंत्री ने किसानों से खेती-किसानी की नई पद्धतियों को अपनाने काआग्रह करते हुए कहा कि धान खेती के लिये मेडा गास्कर पद्धति, पोली हाउस में सब्जी उत्पादन, सोयाबीन के लिये रिज और फरो पद्धति और पानी के बेहतर उपयोग के लिये ओसलाबन्दी अपनाने का आग्रह किया।  मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार से गेहूं का समर्थन मूल्य 1600 रुपये प्रति क्विंटल करने और कोदो-कुटकी के लिये समर्थन मूल्य घोषित करने का आग्रह किया। मालवा क्षेत्र डोडा चूरा उत्पादन के संबंध में कहा कि यदि केंद्र द्वारा डोडा चूरा उत्पादकों से इसे जलाने के लिए कहा गया है तो इसके बदले उत्पादकों को क्षतिपूर्ति राशि दी जाना चाहिए। उन्होंने डीएपी खाद के बढ़े दामों को किसानों के प्रति अन्याय बताते हुए कहा कि किसानों को केवल बाजार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। उन्होंने केंद्र से खाद के बढ़े दामों को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि डीजल के दाम बार-बार नहीं बढ़ने चाहिए।  श्री चौहान ने कहा कि प्राकृतिक आपदा में 25 से 50 प्रतिशत की फसल हानि को केन्द्र सरकार द्वारा नुकसान नहीं माना जाता। प्रदेश द्वारा इस प्रतिशत पर अपनी ओर से राहत दी जा रही है। हाल ही में पाला से फसल नुकसान की रिपोर्ट के संबंध में उन्होंने अधिकारियो को निर्देश दिये कि तत्काल पूरे प्रदेश में सर्वेक्षण करायें और राहत राशि प्रभावित किसानों को दें। प्राकृतिक आपदाओं से फसल को होने वाली क्षति में दी जाने वाली राहत राशि की अधिकतम सीमा 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार की जायेंगी। श्री चौहान ने कहा कि खाद के संबंध में केन्द्र ने प्रदेश के साथ भेदभाव किया है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे अग्रिम रूप से उर्वरकों का भंडारण करें। अग्रिम भंडारण पर कोई ब्याज देय नहीं होगा। श्री चौहान ने कहा कि किसानों को अब बिजली की कोई कमी नहीं होगी। मई माह तक सभी गांव को 24 घंटे बिजली मिलेगी। इसके लिये फीडर विभाजन का काम तेजी से पूरा हो रहा है। इस पर 11 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। प्रदेश को अंधेरे से पूरी तरह मुक्ति मिल जायेगी। इस साल 24 लाख हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री ने किसानों से कहा कि वे गांव में विद्युत उपलब्धता का लाभ लेते हुए युवाओं को कृषि आधारित लघु उद्योग लगाने के लिये भी प्रेरित करें। अप्रैल माह से मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के क्रियान्वयन की शुरूआत हो रही है। इसके अंतर्गत युवा उद्यमियों को 25 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध कराया जायेगा और पांच साल तक उस पर ब्याज का पांच प्रतिशत सरकार वहन करेगी।

भारत दुनिया की कृषि राजधानी बने : पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश ने कृषि के क्षेत्र में 18.9 प्रतिशत की विकास दर हासिल कर करिश्माई काम किया है। इसका श्रेय किसानों और मध्यप्रदेश सरकार को है। आजादी के बाद कृषि के महत्व को समझकर योजना बनायी जाती तो भारत दुनिया का सबसे ताकतवर देश होता। भारत में संतुलित आर्थिक विकास होना चाहिये। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की प्रगति देखकर कहा जाता है कि यह विश्व की बौद्धिक राजधानी बनेगा पर ज्यादा खुशी तब जब होगी जब भारत दुनिया की कृषि राजधानी बने। श्री सिंह ने कहा कि देश की सबसे बड़ी जनसंख्या कृषि में लगी है। ये सबसे बड़े उत्पादक और उपभोक्ता दोनों है। किसानों के आर्थिक विकास से ही उद्योग व्यापार बढ़ेंगे। देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये यह जरूरी है । महंगाई बढ़ रही है, राजकोषीय घाटा बढ़ रहा है, रुपये की कीमत गिरती जा रही है। दुनिया के दूसरे देशों से धन लाकर अर्थव्यवस्था को मजबूत नहीं बनाया जा सकता। कोई बाहर से आयेगा तो वह मुनाफा कमाने आयेगा। इसलिये खुदरा-व्यापार में एफ.डी.आई का फैसला वापिस लिया जायें। भारत में मानव संसाधन और प्राकृतिक संसाधनों की कमी नहीं है। इनके ठीक से नियोजन से दस वर्षों मे देश सबसे ज्यादा धनवान बन सकता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सिंचाई का क्षेत्र 21 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाकर चमत्कारिक कार्य किया है। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की कि सिंचाई को समवर्ती सूची में डाला जाये। मनरेगा को खेती से जोड़ा जाये ताकि खेती के काम के लिये भी लोग मिलें। हर जिला मुख्यालय पर सीड बैंक बने जिससे किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीज मिले। सभी किसानों के बैंक खाते खुलवाये जाये। खेती की आमदनी तय करने की योजना बनायी जाय किसानों को फसल बीमा का लाभ मिले। कृषि के लिये ट्रेक्टर, थ्रेसर, अन्य उपकरणों पर कर नहीं लगना चाहिये। कृषि को राष्ट्रीय पेशा घोषित किया जाये। सांसद श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि मध्यप्रदेश में राज्य सरकार ने खेती-किसानी को प्राथमिकता पर रखा। इससे मध्यप्रदेश कृषि क्षेत्र मे सर्वश्रेष्ठ बन सका। गेहूँ का रिकार्ड उत्पादन और उपार्जन किया गया। करीब 85 लाख मैट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया तथा 814 करोड़ रुपये का बोनस किसानों को दिया गया। बीते सात वर्ष में बिजली का उत्पादन 2600 मेगावाट से 9000 मेगावाट तक किया गया। किसानों को पर्याप्त मात्रा में बिजली, खाद, बीज, पानी उपलब्ध कराया गया। परिणाम स्वरूप प्रदेश सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादन वाला प्रदेश बना। यह मध्यप्रदेश के किसानों के लिये गौरव की बात है। आरंभ में कृषि मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण, कृषि केबिनेट का गठन जैसे निर्णय लिये गये, सिंचाई का रकबा बढ़ाया गया जिससे कृषि उत्पादन का रिकार्ड बना तथा प्रदेश को कृषि कर्मण अवार्ड मिला। किसान पंचायत में किसानों के प्रतिनिधि के रूप में रायसेन जिले की श्रीमती राधाबाई दुबे ने कहा कि चारे की कमी को दूर करने के लिये चारागाह संरक्षण किया जाये। भोपाल जिले के श्री रमेश वर्मा ने कहा कि गेहूं का बोनस जारी रहे। बैतूल जिले के श्री काशीनाथ ने कहा कि किसानों को बिजली के बिल वर्ष में एक बार दिये जायें। उज्जैन जिले के योगेंद्र जोशी ने कहा कि सहकारी बैंकों को कोर बैंकिंग से जोड़ा जाये और कृषि विभाग का मैदानी अमला बढ़ाया जाये। अलिराजपुर जिले के भरतलाल पाटीदार ने कहा कि कृषि विभाग की योजनाओं का अनुदान बढ़ाया जाये। कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने गोपाल भार्गव ने वर्ष 2008 की किसान पंचायत का चित्र पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सिंह को भेंट किया। दमोह जिले के प्रगतिशील किसान बलवान सिंह ने श्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री श्री चौहान को अपने खेत में जैविक खेती के जरिये रिकार्ड उत्पादन कर उपजाए धान के किट भेंट किये। श्री बलवान सिंह ने एक एकड़ में 35 क्विंटल धान उत्पादन का कीर्तिमान बनाया है। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री द्वय श्री सुंदरलाल पटवा और सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री कैलाश जोशी, सहित वरिष्ठ मंत्रीगण पदाधिकारीगण तथा बड़ी संख्या में प्रदेशभर से आये किसान मौजूद थे। अंत में आभार प्रदर्शन कृषि राज्य मंत्री श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह ने किया।

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