आई एन वी सी,
देहरादून,
‘‘दुनिया में जो कवि हुए है, वे कभी भी किसी सीमा में नही बंधे रहे है। कविता दुनिया का सबसे सशक्त हथियार है, जिसमें भाषा कोई मायने नही रखती है। कवि हृदय का भाव सबसे सशक्त है।’’ यह विचार मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को नगर निगम प्रेक्षागृह में आयोजित हिमवंत काव्य उन्नायक शम्भु प्रसाद बहुगुणा जन्मशदी एवं चन्द्रकुंवर बत्र्वाल कावय समारोह के अवसर पर व्यक्त किये।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि चन्द्रकुंवर बत्र्वाल व शंभु प्रसाद बहुगुणा अमर नायक थे, जो एक दूसरे के पूरक रहे है। उन्हांेने कहा कि चंद्रकुंवर बत्र्वाल ने अल्प समय में ही अपनी साहित्य साधना से हमें काफी कुछ दिया है। जिस पर निरंतर शोध किया जा सकता है। यह एक ऐतिहासिक सत्यता है कि यदि चंद्रकुंवर बत्र्वाल को शंभू प्रसाद बहुगुणा का सानिध्य नही मिला होता तो, लोगो तक उनके गीत व साहित्य नही मिल पाता। उन्होंने कहा कि कविताएं दुनिया का सबसे बड़ा हथियार है, और इनमें दर्द सबसे सार्थक माध्यम है, लोगो तक पहुंचने का। ऐसी कविताएं मानवता को प्रेरित करने का काम करती है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने शोध संस्था द्वारा प्रकाशित हिमवंत काव्य उन्नायक शम्भु प्रसाद बहुगुणा जन्मशदी स्मृति ग्रन्थ तथा मथुरादत्त मठपाल द्वारा लिखित पुस्तक था, मेरा घर भी यहीं कहीं का विमोचन किया।
चन्द्रकंुवर बत्र्वाल शोध संस्थान के सचिव योगम्बर सिंह बत्र्वाल ने चंद्रकुंवर बत्र्वाल व शंभू प्रसाद बहुगुणा के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम चंद्रकुंवर बत्र्वाल के 95वें जन्मदिन पर आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर कार्यक्रम को पूर्व सांसद परिपूर्णानंद पैन्यूली, साहित्यकार वीणापाणी जोशी, ले.कर्नल (से.नि.) विजेन्द्र रावत, विनय बहुगुणा आदि ने सम्बोधित किया।