…और 1500 जोड़ बंध गए जनम जनम के बंधन में

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हेमंत पटेल ,
आई एन वी सी ,
भोपाल।
मंगल ध्वनि, ठेठ मांगलिक गीत और बेटा-बेटियों की बलाएं लेती घर की बुजुर्ग काकी-दादी। उत्साह के माहौल में परिजनों की थोड़ी आंखे नम भी हुईं। ये दृश्य थे, शहर में अक्षय तृतीया पर विभिन्न जगह आयोजित विवाह सामारोह के। अलग-अलग जगह हुए पाणिगृहण संस्कार में १५०० जोड़े एक दूझे के हुए। Hemant Patel,invc,3
साढ़े तीन अबूझ मुहूर्त में से अक्षय तृतीया का महामुहूर्त और इस पर विशेष संयोग बना था। हाथ थाम शरमाती दुल्हन और इठलाते दूल्हे ने जब फेरों की रस्म पूरी की तो माहौल नव दंपत्ति को संकल्प दिलाने के साथ उपस्थित परिजनों ने आशिर्वाद दिया। शहर के हर इलाके में ऐस दृश्य आम थे। ऐसा लग रहा था, शहर पूरा बाराती की भूमिका में है।
-ऐसे हुए आयोजन
शहर में विभिन्न समाजों के 12 सामूहिक विवाह के आयोजन हुए। इसमें 300 से अधिक जोड़े विवाह बंधन में बंधे। वहीं मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 1120 जोड़ों ने सात फेरे लिए। इसके साथ ही सैकड़ों जोड़े निजी आयोजनों में जरिए परिणय सूत्र में बंधे। सुबह से बारातों के निकलने का दौर शुरू हो गया था। दूल्हा-दुल्हनों की तो कई जगह लंबी कतारें भी लग गई थीं।

ऊंट पर दूल्हा, रथ में थी दुल्हन
सोमवार को कई जगह रोचक दृश्य देखने को मिले। बैंड बाजों के साथ सड़कों बारातें ही बारातें थीं। पाल समाज के दूल्हे ऊंट और दुल्हनें रथों पर सवार होकर आयोजन स्थल तक पहुंची। आयोजन समिति के अध्यक्ष शैतान सिंह पाल ने बताया, 101 जोड़ें विवाह बंधन में बंधे। कार्यक्रम स्थल पर दुल्हनें सजकर अपने नवजीवन साथी का इंतजार कर रही थी तो वहीं दूल्हें भी नाते रिश्तेदारों के साथ मुहं में पान चबाए चेहरे पर मुस्कान लेकर घूम रहे थे।

-501 ने लिए सात फेरे Hemant Patel,INVC,2
करोंद स्थित रतन कॉलोनी मैदान में त्रिदेवी मां वैष्णों जन कल्याण दरबार समिति के सहयोग से यहां सबसे ज्यादा विवाह हुए। यहां 501 जोड़ों ने सात फेरे लिए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक विश्वास सारंग उपस्थित थे।

-गर्मी ने मार डाला
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत विवाह रचाने वाले जोड़े तेज, धूप, पंपों की कमी और पसीने से तरतबर नजर आए। करोंद रतन कॉलोनी में पंडाल छोटा पड़ गया था यहां सभी जोड़े एक साथ विवाह रचा नहीं सके। इसी प्रकर हाल भेल में देखने को मिले।

-बेटी बचाने लिया आठवां फेरा
कुछ स्थानों पर आठवां फेरा लिया गया। यह फेरा बेटी को बचाने के लिए दिलाया गया। रतन कॉलोनी में यह फेरा दिलाया गया।

कहां क्या हुआ
– रतन कालोनी : 501 : वैष्णोजन कल्याण ननि
– छोला दशहरा मैदान : 200 : नगर निगम

– हेनीमन कॉलेज ग्रांउड : 288 : ननि
– बावडि़या कलां : 100 : ननि

– जंबूरी मैदान आंनद नगर : 58 : ननि
– राम मंदिर कोटरा : 37 : ननि

– एमपी नगर गायत्री शक्तिपीठ : 13 : गायत्री शक्तिपीठ

-1120 जोड़े बंधे बंधन में
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के नगर निगम ने सामूहिक विवाह-निकाह कार्यक्रम आयोजित किया था। इन सम्मेलनों के माध्यम से 1120 जोड़ों विवाह बंधन में बंधें। सम्मेलनों में महापौर द्वारा बधुओं को हाथ घड़ी वितरित की गई। नवदंपत्तियों को आर्शीवाद देने नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर भी पहुंचे।

-लगा सड़कों पर जाम
शहर की सड़कों पर लंबा जाम लगा रहा। कई स्थानों पर जाम में लोग फंसे रहे। आम लोगों को भी काफी परेशानी हुई। अधिकांश बाराती कार, वैन, जीप और ऑटों से विवाह स्थल तक पहुंचे थे। पैदल चलने वालों की संख्या भी इतनी थी कि सड़क पर जाम लग रहा था। नए शहर में रात में जाम लगा। छोला दशहरा मैदान पर हुए सामूहिक विवाह समारोह से छोला कैंची के दोनों फाटकों पर लंबा जाम लगा रहा। कई जोड़े तो समय पर विवाह स्थल तक नहीं पहुंच सकें। रतन पुर करोंद में सामूहिक विवाह सम्मेलन के चलते बायपास रोड व निशातपुरा फाटक पर कई बार जाम की स्थिति निर्मित हुई।

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Hemant Patel,INVC,1शपथ पत्र दिया, तब बैठे जोड़े मंडप में –
परियोजना अधिकारी शाहीन खान ने बताया कि सूचना मिली थी कि त्रिवेणी मां वैष्णों दरबार समिति द्वारा रतन कालोनी में संपन्न कराए जा रहे 501 जोड़ों के विवाह स ोलन में नाबालिग जोड़ों के विवाह हो रहे हैं। जब जांच पड़ताल की गई तो वहां पर चार से पांच जोड़े ऐसे दिखे जो नाबालिग हों। उनके रिकार्ड को देखने के बाद एक भी नाबालिग नहीं निकला। इसके बाद पूरे 501 जोड़ों के दस्तावेज चैक किए गए तो आष्टा निवासी अशोक की दोनों बेटियों ज्योति व कुसुम के दस्तावेज नहीं मिले, जिनका विवाह स ोलन में चल रहा था। शाहीन खान ने तत्काल दोनों के विवाह रुकवाए और उन्हें अलग बिठलवाया। दोनों लड़कि यों का विवाह आष्टा निवासी शिवलाल के बेटे श्याम व मुकुन्द से हो रहा था। जब अशोक रिकार्ड उपलब्ध नहीं करवा पाए तो विवाह पर रोक लगाने के निर्देश जारी कर दिए गए । तभी अशोक ने शपथ पत्र प्रस्तुत कर दोनों बालिकाओं के बालिग होने का प्रमाण दिया। इसमें उन्होंने ज्योति की जन्म तिथि 3 जनवरी 1993 तथा कुसुम की उम्र 2 मार्च 1994 होना बताया तथा शपथ पत्र में 7 दिन के भीतर दोनों के दस्तावेज उपलब्ध न कराने की स्थिति में विवाह निरस्त किए जाने की बात कही। इसके बाद अपर आयुक्त प्रमोद शुक्ला की सहमति पर दोनों बालिकाओं के विवाह संपन्न हुए।

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