और अब ठगों ने सोशल मीडिया में बनाई अपनी पैठ

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fb1{ निर्मल रानी } कंप्यूटर क्रांति का यह दौर केवल आम लोगों के लिए ही वरदान साबित नहीं हो रहा बल्कि ठगों द्वारा भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसका भरपूर उपयोग किया जा रहा है। मोबाईल $फोन तथा ईमेल के माध्यम से लोगों के साथ ठगी किए जाने की तमाम घटनाएं आए दिन समाचार पत्रों में प्रकाशित होती रहती हैं। ऐसी कई घटनाएं सुनने में आर्इं जिनमें ठगों द्वारा पाकिस्तान,नेपाल,चीन,लंदन,घाना,क्यूबा तथा अन्य कई देशों से मोबाईल पर $फोन कर मोबाईल धारक का मोटा इनाम निकलने की सूचना दी गई। और इस इनाम की प्राप्ति हेतु का$गज़ तैयार करने व कमीशन आदि पेशगी भेजे जाने के नाम पर हज़ारों रुपये ठगों द्वारा बताए गए बैंक अकाऊंट में जमा करवा लिए गए। आश्चर्य की बात है कि ठगों द्वारा कई मामलों में पाकिस्तान के मोबाईल नंबर वाला सिम कार्ड उपयोग किया गया जबकि खाता संख्या हरियाणा के स्टेट बैंक ऑ$फ इंडिया की बताई गई। ऐसी घटनाओं से ज़ाहिर होता है कि ठगों द्वारा बा$कायदा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी तालमेल बिठाकर काम किया जा रहा है।
इसी प्रकार ई-मेल पर तरह-तरह के लालच भरे प्रस्ताव लोगों को भेजे जाते हैं। इनमें लाटरी निकलने,युद्ध में लूटा गया सोना गिरवी रखने, किसी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात उसकी विधवा को मिली अकूत संपत्ति दान करने, जनहित संबंधी कार्यों में दान देने जैसे कई और प्रलोभन देकर अपना निशाना बनाए जाने वाले व्यक्ति से ई-मेल के माध्यम से उसका नाम-पता, संपर्क नंबर तथा बैंक अकाऊंट आदि विस्तारपूर्वक पूछा जाता है। उसके पश्चात ठगों के गिरोह उसके बैंक अकाऊंट का दुरुपयोग करने की कोशिश करते हैं और यदि वे सफल हो गए तो लालच में फंसे लोगों को ठगी का शिकार होना पड़ता है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि अधिकांशत: ठगों द्वारा बड़ी-बड़ी अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों अथवा चिरपरिचित अंतर्राष्ट्रीय हस्तियों के नाम का दुरुपयोग केवल अपना प्रभाव जमाने के लिए किया जाता है। यानी कभी ठगों के इस मेल से आपको कोका कोला द्वारा आपका इनाम निकालने की जानकारी दी जाती है तो कभी पेप्सी के नाम का इस्तेमाल किया जाता है। कभी ओलंपिक, कभी विश्व कप, कभी फीफा तो कभी डब्लूडब्लू ए$फ जैसे बड़े नामों का प्रयोग किया जाता है। नेलसन मंडेला की विधवा,यासिर अरा$फात की विधवा तथा सद्दाम हुसैन के परिवार के लोगों के नाम भी ठगों द्वारा प्रयोग किए जा चुके हैं।
और अब इन ठगों ने मोबाईल व ईमेल जैसे साधनों में अपनी पूरी पैठ बनाने के बाद सोशल मीडिया में भी अपनी दस्तक दे दी है। सोशल मीडिया का सबसे शक्तिशाली समझा जाने वाला माध्यम $फेस बुक इन दिनों ठगों द्वारा प्रयोग में लाया जा रहा है। तरह-तरह के नाम बदलकर और दूसरों की तस्वीरें अपने प्रो$फाईल पर लगाकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जाती है। उसके पश्चात यदि आपने उसकी $फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली तो पहले मीठी-मीठी बातें की जाती हैं। उसके बाद उसे अपने प्रेमजाल में फंसाने का नाटक रचा जाता है। और यदि आपने उसे ढील दे दी तो वह बड़े ही पारिवारिक तरी$के से आपको अपनी घरेलू समस्या बताने लगेगा। किसी को अपने बच्चे की पढ़ाई के लिए पैसे चाहिए तो किसी के मां या बाप कैंसर से पीडि़त हैं, उनके लिए आर्थिक सहायता की दरकार होती है। कई ठग आपके समक्ष व्यापार में साझा्रीदारी करने का प्रस्ताव दखते हैं। कई आपके देश में अपनी पूंजी निवेश करने हेतु आपको अपना कंपनी प्रबंधक बनाने का झांसा देते हैं। तो कई सोशल मीडिया पर कोचिंग व अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के नाम पर शिक्षा व डिग्री देने वाले ठग सक्रिय हैं। इन सभी का एकमात्र लक्ष्य आपसे किसी न किसी बात का बहाना बनाकर पैसे ठगना है।
पिछले दिनों $फेसबुक पर एक $फ्रेंड रिक्वेस्ट इब्राहिम मैमूना के नाम से प्राप्त हुई। उसका प्रो$फाईल देखने पर पता लगा कि हमारे तीन कॉमन मित्र भी हैं। अत: उसकी रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली। अगले ही दिन उसने अपना परिचय दिया कि वह घाना देश से है। वह शादी भी करने की बात करने लगा। $गौरतलब है कि यदि कोई ठग किसी लडक़ी के नाम व $फोटो का प्रयोग कर अपनी रिक्वेस्ट भेजता है  तो वह लडक़ों को स्वयं को लडक़ी बताता है और यदि किसी लडक़ी के नाम रिक्वेस्ट भेजता है तो वही ठग युवक के रूप में अपना परिचय देता है। बहरहाल इब्राहिम मैमूना ने $फौरन ही अपनी मां की बीमारी का रोना शुरू कर दिया। जब उससे पूछा गया कि कितने पैसे चाहिए तो उसने बताया कि तीन हज़ार डॉलर। जब उससे यह पूछा गया कि यह पैसे कैसे देने हैं तो उसने अपना विस्तृत पता इस प्रकार से fbबताया। नाम-तौ$फी$क नाम्बे,शहर उमासी, देश घाना, जि़प कोड +233 बैंक का नाम वेस्टन यूनियन मनी ट्रांस$फर नं० 0266429681 था। उसका यह विवरण मिलने के बाद इतना तो समझ में आया कि इब्राहिम मैमूना के नाम से $फेस बुक पर अपना खाता चलाने वाला व्यक्ति किसी लडक़ी के नाम व प्रो$फाईल चित्र का प्रयोग कर रहा है जबकि पैसा जमा करने हेतु जो नाम बताया गया वह तौ$फी$क नाम्बे का था जोकि एक पुरुष नाम प्रतीत होता है। अर्थात् तौ$फीक नाम का व्यक्ति ही इब्राहिम मैमूना के न$कली नाम से $फेसबुक अकाऊंट चला रहा है।
उपरोक्त घटना के बाद इब्राहिम मैमूना को ब्लॉक कर दिया गया। अभी उसे ब्लॉक किए हुए आठ घंटे ही बीते थे कि एक दूसरी $फ्रेंड रिक्वेस्ट रोज़ लाईन अलीयू के नाम से आ धमकी। इसकी चर्चित प्रो$फाईल देखने पर पता चला कि यह भी घाना से ही है। जिस समय बिना इसकी रिक्वेस्ट स्वीकार किए इसे ब्लोक करने का प्रयास किया तो यह देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि किसी एक नाम एक स्थान और एक ही प्रो$फाईल चित्र लगाने वाले कई $फेसबुक अकाऊंट किसी एक ही ठग द्वारा रोज़ लाईन अलीयू के नाम से संचालित किए जा रहे हैं। इस घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि $फेसबुक पर मित्र मंडली में शरीक होने वाले किन लोगों पर विश्वास किया जाए और किन पर नहीं? सोशल मीडिया $फेसबुक जैसे सशक्त माध्यम ने जहां दुनिया के कई देशों में सत्ता परिवर्तन,विद्रोह तथा क्रांति की बुनियाद डाली है वहीं यह माध्यम ठगों के लिए भी वरदान साबित हो रहा है। ठगों को जहां लालच से भरे अल्पबुद्धि लोगों को निशाना बनाने की दरकार होती है वहीं इनकी नज़रें भावुक तथा नर्म दिल दानी लोगों पर भी रहती हैं। यह ठग किसी को अपनी लालच के जाल में फंसाते हैं तो किसी को अपनी भावनाओं का शिकार बनाते हैं। गोया एक ही व्यक्ति के पास अलग-अलग नामों से अलग-अलग $िकस्म के प्रस्ताव लेकर ठग सोशल मीडिया या इंटरनेट के माध्यम से आपके सामने प्रकट हो जाता है। अब यह आपकी बुद्धि एवं विवेक पर निर्भर करता है कि आप उसकी बातों में फंसें अथवा नहीं।
$फेसबुक के माध्यम से दोस्ती बढ़ाकर किसी युवक का अपहरण करने, युवती के साथ बलात्कार करने,शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने तथा फिरौती वसूलने जैसे कई मामले भी सामने आ चुके हैं। पिछले दिनों तो एक ऐसी हैरतअंगेज़ $खबर $फेसबुक की एक दीवानी के विषय में पढऩे को मिली जिसपर जल्दी से विश्वास ही नहीं किया जा सकता। एक महिला $फेसबुक पर उत्तर टाईप करते-करते अपने घर की छत से नीचे बहती हुई नदी में जा गिरी और डूब कर मर गई। इस समय कहीं भी युवकों व युवतियों को अपने हाथों में मोबाईल अथवा स्मार्ट $फोन पकड़े हुए यातायात से बेपरवाह $फेसबुक की मस्ती में चूर देखा जा सकता है। ऐसा नहीं है कि प्रत्येक $फेसबुक खाता संचालक अपने खाते का व सोशल मीडिया के इस सशक्त माध्यम का रचनात्मक प्रयोग ही कर रहा हो। कोई आशि$की के चक्कर में सोशल मीडिया से चिपका हुआ है तो कोई अपनी मित्र मंडली का नेटवर्क बनाकर अपने $कीमती व$क्त की बरबादी कर रहा है। पढऩे वाले गंभीर बच्चों के लिए जहां यह माध्यम ज्ञान संबंधी वार्तालाप का माध्यम है वहीं फिसड्डी व $गैर जि़म्मेदार लोग इसे व$क्त गुज़ारने और $फुज़ूल की बातों का आदान-प्रदान करने में प्रयोग कर रहे हैं। गोया जिस $कीमती समय को संपत्ति होने की संज्ञा दी गई थी वह $कीमती समय तमाम लोग बेकार की बातों में बिता रहे हैं।
बहरहाल, समाज वैज्ञानिक उपलब्धियों $खासतौर पर कंप्यूटर माध्यमों व सोशल मीडिया नेटवर्किंग आदि साईटस का प्रयोग चाहे जैसे करे यह बहरहाल आम लोगों की बुद्धि, उनकी सोच-समझ व उनकी मानसिकता पर ही निर्भर करता है। पंरतु इन लोगों को अपना सोशल नेटवर्क आगे बढ़ाने से पहले $खासतौर पर किसी अंजान व्यक्ति को अपनी $फ्रेंड लिस्ट में जोडऩे से पहले कई बार यह सोच लेना चाहिए कि उसे अपने नए मित्र के साथ किन-किन सीमाओं के भीतर ही मित्रता की पीेंगे आगे बढ़ानी हैं। किसी प्रकार की लालच में न तो आने की ज़रूरत है न ही भावनाओं में बहने की। हमेें सचेत रहने की ज़रूरत है क्योंकि अब ठगों ने सोशल मीडिया में भी अपनी गहरी पैठ बना ली है।

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Nirmal-Rani**निर्मल रानी

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर निर्मल रानी गत 15 वर्षों से देश के विभिन्न समाचारपत्रों, पत्रिकाओं व न्यूज़ वेबसाइट्स में सक्रिय रूप से स्तंभकार के रूप में लेखन कर रही हैं.

Nirmal Rani (Writer )
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*Disclaimer : The views expressed by the author in this feature are entirely her own and do not necessarily reflect the views of INVC.

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