आई एन वी सी,
लखनऊ,
रासायनिक (औद्योगिक) आपदाओ से बचाव व इनके न्यूनीकरण के ऐसे उपाय जिससे जन धन की हानि कम की जा सके, पर विचार करने तथा जोखिम पूर्ण औद्योगिक एवं रासायनिक सामग्रियों के परिवहन, सुरक्षा इत्यादि में वैश्विक स्तर पर उपलब्ध नवीनतम ज्ञान, एवं प्रोैद्योगिकी के अनुप्रयोग से रासायनिक (औद्योगिक) उपक्रमों को परिचित कराने हेतु प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कराया जा रहा है। कार्यशाला में रासायनिक (औद्योगिक) आपदाओं के प्रबन्धन हेतु रणनीति एवं कार्यवाही की योजना बनाई जाएगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिए कि इस कार्यशाला में प्रतिभागियों की सूची प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा श्रम विभाग से समन्वय स्थापित कर प्राप्त कर ली जाय। उन्होंने कहा कि जिन जनपदों में अधिक रासायनिक औद्योगिक प्रतिष्ठान स्थित हैं उन जनपदों के संबंधित अधिकारियों को प्रतिभाग हेतु आमंत्रित किया जाय ताकि कार्यशाला में विचार-विमर्श के दौरान दिये गये परामर्शों से अधिकाधिक लोग लाभान्वित होे सकें। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जून के अन्तिम सप्ताह अथवा जुलाई के प्रथम सप्ताह में कराने हेतु तिथि निश्चित करने पर विचार किया जाय।
बैठक में बताया गया कि कार्यशाला में रासायनिक आपदा प्रबन्धन हेतु नवीनतम जानकारियों एवं उपायों से प्रतिभागियों को सुपरिचित कराने तथा सभी हितभागियों (स्टेकहोल्डर्स) को जागरूक व प्रोत्साहित कराया जाएगा। आपदा राहत, बचाव एवं समन्वय हेतु राष्ट्रीय आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण द्वारा निर्धारित इन्सीडेन्ट रेस्पांस सिस्टम को अंगीकृत किया जाएगा। उक्त कार्यशाला में प्रदेश में स्थित रासायनिक, पेट्रोलियम, ऑयल एवं गैस आधारित औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधि, सरकारी-गैर सरकारी संगठन, अग्निशमन, चिकित्सा, पुलिस, सुरक्षा संगठनों के प्रतिनिधि, सुरक्षा उपकरणों के निर्माता इकाईयों के प्रतिनिधि, नीति निर्माताओं व अन्य संबंधित स्टेकहोल्डर्स को आमन्त्रित किया जायेगा। बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व श्री के0एस0 अटोरिया सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।