एक नयी कवियत्री शहर में

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आई.एन.वी.सी,,

मुंबई,,

हर व्यक्ति  के अन्दर कुछ न कुछ छिपी हुई प्रतिभा तो होती ही है और यह प्रतिभा उसके व्यक्तित्त्व का एक अहम हिस्सा होती है. उसकी यह प्रतिभा पेंटिंग, गायन या लेखन किसी भी क्षेत्र में हो सकती है. ऐसी ही कुछ लिखने की प्रतिभा है अभिनेत्री भूमिका चावला में, जो की अभिनय तो शानदार करती ही हैं इसके साथ–साथ वो लिखती भी हैं यानि जो कुछ उनके आस-पास घटता ही उसी से प्रेरणा लेकर वो  कविता लिखती हैं.

इस  शहर में हर मोड पे हमारी चाहतों के चेहरे बदलते क्यों हैं ?

हम एक ही चेहरे  को रोज़ देखने से डरते क्यों हैं ?”

 

ये कुछ पंक्तियाँ हैं जो भूमिका ने लिखी हैं, इनके अलावा उन्होंने वास्तविक जीवन से प्रेरित और भी बहुत सारी कवितायें लिखी हैं. जितना जूनून उन्हें अपने अभिनय को लेकर है उतना ही उन्हें अपनी कविताओ से भी है. जल्दी ही वो इन सभी को एक किताब का रूप देकर प्रकाशित करना चाहती हैं. उनका कहना है, “मुझे हमेशा से कवितायें लिखने का शौक रहा है और यह सभी कविताये मैं पिछले कुछ वर्षों में लिखी हैं. हालाँकि यह सभी कविताएं किसी विशेष विषय पर नही हैं.”

भूमिका कहती हैं, “मेरी यह सारी कविताएं  मेरे जीवन का एक हिस्सा हैं जो कुछ भी मैंने अपने आस पास के लोगों व घटनाओ को देख के उनसे सीखा है वही सब लिखा है मैंने. मेरी यह कविताएं हिन्दी में हैं, लेकिन अंग्रेजी में भी अनुवाद होगा किताब का.” अभिनय और लेखन के अलावा भूमिका को पढ़ने व चित्रकारी करने का भी शौक है .

अभी  भूमिका एक तेलुगू फिल्म में काम कर रही हैं साथ में और कुछ तमिल स्क्रिप्ट भी पर भी बात चल रही है. उनकी यह किताब अगले साल तक उनके चाहने वालों के सामने आने की सम्भावना है.

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