उर्दू शिक्षार्थियों व रचनाकारों के लिए शुरू होगा जगन्नाथ पहाडि़या नौ-आमोज़ उर्दू साहित्य पुरस्कार

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imagesआई एन वी सी,
हरियाणा,
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने उर्दू शिक्षार्थियों तथा नवोदित रचनाकारों के लिए ‘जगन्नाथ पहाडि़या नौ-आमोज़ उर्दू साहित्य पुरस्कार’ शुरू करने की घोषणा की। यह पुरस्कार ऐसे नवोदित उर्दू शिक्षार्थियों को दिया जायेगा, जो तीन वर्षाें के भीतर उर्दू भाषा में अपनी रचनाओं को मान्यता के स्तर तक ले जाकर  एक अलग पहचान बनायेंगे। यह घोषणा मुख्यमंत्री श्री हुड्डा, जोकि हरियाणा साहित्य अकामियों के चेयरमैन भी है, की ओर से उनके अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ के के खण्डेलवाल द्वारा आज यहां हरियाणा उर्दू अकादमी के साहित्यकार सम्मान समारोह के अवसर पर की गई।  यह पुरस्कार उर्दू भाषा के प्रचार-प्रचार तथा नवोदित साहित्यकार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू किया जा रहा है और पुरस्कार के अंतर्गत 21 हजार रुपये की नकद पुरस्कार राशि प्रदान की जायेगी।  समारोह में हरियाणा के राज्यपाल श्री जगन्नाथ पहाडि़या ने उर्दू भाषा तथा साहित्य के संवर्धन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 19 साहित्यकारों तथा 75 वर्ष से अधिक की आयु पूरी करने वाले आठ रचनाकारों को उर्दू भाषा में उनके उल्लेखनीय कार्याें के लिए सम्मानित किया। अपने संबोधन में राज्यपाल श्री पहाडि़या ने कहा कि जब तक किसी भी जुबान या भाषा के पढ़ने वाले नहीं होंगे, तब तक वह जुबान तरक्की की मंजिलें तय नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि हरियाणा साहित्य उर्दू की ओर से उर्दू सिखाने के लिए शुरू किया गया कार्यक्रम सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल नये उर्दू पढ़ने वाले पैदा होंगे बल्कि उर्दू का पुराना साहित्य भी सुरक्षित रहेगा तथा उसकी महत्ता बनी रहेगी।  उर्दू साहित्य पुरस्कार पाने वाले रचनाकारों को शुभकामनाएं देते हुए राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा के अदीबों, लेखकों और कलाकारों ने समाज को सभ्य तथा सुसंस्कृत बनाने में अपना फर्ज निभाया है, जिनका योगदान सराहनीय है। उर्दू अदब में मौलाना अल्ताफ हुसैन हाली और ख्वाजा अहमद अब्बास ने काफी नाम कमाया है। हाली का जन्म हरियाणा के पानीपत में हुआ था और गुड़गांव के गांव आकेड़ा में जन्में सादुल्ला का नाम मेवाती जुबान में महाभारत की रचना से अमर हो गया है।   उन्होंने साहित्यकारों से आह्वान किया कि वे समाज को कुरीतियों तथा कुप्रथाओं के प्रति जागरूक करने में अधिक कारगर ढंग से अपनी लेखनी का इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि कन्या भू्रण हत्या, महिलाओं एवं बच्चों के प्रति अपराध, हिंसा, जातिवाद, भ्रष्टाचार जैसी ज्वलंत समस्याएं देश व समाज के लिए बड़ी चुनौती हैं, जिनसे निपटने के लिए समाज को साहित्यकारों के मार्गदर्शन की जरूरत है।   उन्होंने कहा कि कवि, लेखक तथा रचनाकारों समाज की तस्वीर प्रस्तुत करने के साथ-साथ जनचेतना जागृत कर समाज के उत्थान व निर्माण में अपनी भूमिका निभाते है। उन्होंने कहा कि साहित्यकारों को अपनी कलम से ऐसी रचनाओं का सृजन करना चाहिए जो साम्प्रदायिक सद्भाव, पारस्परिक सौहार्द व भाईचारे की भावना को बढ़ावा दें ताकि देश की एकता व अखण्डता सुदृढ़ हो।  सूचना, जनसंपर्क तथा सांस्कृतिक कार्य विभाग के राज्य मंत्री श्री शिवचरण लाल शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के मार्गदर्शन में उर्दू अकादमी द्वारा उर्दू के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यक्रम चलाये जा रहे है, जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि हरियाणा उर्दू की मातृभूमि है और जो मान-सम्मान उर्दू तथा संस्कृत भाषाओं में महसूस होता है, वह किसी भाषा में नहीं। उर्दू भाषा दिल से निकलती है तथा दिल तक जाती है। उन्होंने कहा कि आज बच्चों को उर्दू की तालीम देने की जरूरत है ताकि उन पर अच्छा असर पड़े। हरियाणा उर्दू साहित्य अकादमी के निदेशक श्री देशराज सपरा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री हुड्डा हरियाणा को शिक्षा के हब के रूप में विकसित करने के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। उनके प्रयासों से मेवात को काफी संख्या में उर्दू अध्यापक मिले है तथा उनके मार्गदर्शन में उर्दू अकादमी भी तरक्की कर रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में उर्दू भाषा की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उर्दू सीखने के लिए 1180 लोगों ने आवेदन किये है। उन्होंने कहा कि अकादमी प्रयास कर रही है कि प्रदेश में उर्दू भाषा को प्रोत्साहन मिले।  समारोह को हरियाणा उर्दू अकादमी के उपाध्यक्ष श्री के एल जाकिर ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर राज्यपाल श्री हाली पानीपती तथा कै़फी आज़मी पर पुस्तक ‘हाली शहनासी’ तथा ‘कै़फी आज़मी-फन एवं शख्सियत’, अकादमी की त्रिमासिक पत्रिका ‘जमनातट’ के ताजा संस्करण, पुरस्कार विजेताओं के विवरण सहित उर्दू अकादमी के एक ब्राशर, साहित्यकार श्री रूप नारायण चांदना की रचनाओं ‘घरौंदे रेत के’ तथा ‘फूल और कांटे’ तथा डॉ अयुब खान की शायरी पर आधारित पुस्तक ‘मौसम’ का विमोचन भी किया।  राज्यपाल द्वारा जिन्हें उर्दू साहित्य पुरस्कार से नवाजा गया, उनमें पंचकूला के डॉ0 नरेश और चंडीगढ़ के श्री कश्मीरी लाल जाकिर को 1.5-1.5 लाख रुपये का फखर-ए-हरियाणा पुरस्कार, गुड़गांव के डॉ0 शकीलुर्रहमान को 1.21 लाख रुपये का हाली पुरस्कार  तथा फरीदाबाद के श्री अमर साहनी को  उर्दू साहित्य में  योगदान देने के लिए 51 हजार रुपये का विशेष पुरस्कार दिया गया। पानीपत के डॉ0 कुमार पानीपती को कंवर महेन्द्र सिंह बेदी सामाजिक संस्कृति उपलब्धि पुरस्कार और डॉ0 रोनकी जैदी को सबीर दत महिला सामाजिक उत्थान पुरस्कार,कुरूक्षेत्र के डॉ0 के के ऋषि को उर्दू पद्य के लिए सईद मुजफ्फर हुसैन बर्नी पुरस्कार तथा मेवात के डॉ0 कमारूद्दीन ज़ाकिर को उर्दू गद्य के लिए खवाजा अहमद अब्बास पुरस्कार दिया गया, जिसके तहत इन्हें 25-25 हजार रुपये दिए गये।   इसी प्रकार,नूहं के डॉ0 नाजीमा जबीं को उर्दू साहित्य के लिए मुंशी गुमानी लाल पुरस्कार, यमुनानगर के श्री मयकश अम्बालवी को अम्बाला या इसके आसपास के क्षेत्रों में उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के लिए सुरेन्द्र पंडित सोज पुरस्कार,जगाधरी के श्री नारायणदास  खुशदिल और चंडीगढ़ के डॉ0 सुलतान अंजूम को उर्दू पत्रकारिता पुरस्कार, चंडीगढ़ की डॉ0 राजवंती मान को तरजुमा निगारी पुरस्कार, पंचकूला के श्री टी एन राज को जाफ त जटाली पुरस्कार,नई दिल्ली के प्रौ0 चंद्र शेखर को फारसी साहित्य में योगदान देने के लिए पुरस्कार, अंबाला छावनी के श्री विनोद सहगल को गजल सिंगिग पुरस्कार, चंडीगढ़ के श्री प्रवीन सेठी को थियेटर पुरस्कार,नई दिल्ली के प्रौ0 एस आर किदवई को हरियाणा से सम्बन्धित उर्दू में काम करने वाले प्रदेश से बाहर के लेखकों के लिए पुरस्कार तथा गुड़गांव के डॉ0 अनिस-उल-हसन सिद्घिकी को उर्दू साहित्य में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए 21-21 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया। इसी प्रकार, 75 वर्ष से अधिक के आयु के  उर्दू के विद्वानों, लेखकों आलोचकों, शायरों इत्यादि के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए श्री हिम्मत सिंह सिन्हा, श्री ओम प्रकाश पवार, श्री रूप नारायण चांदना, श्री गोपाल दास अम्बालवी, श्री ओम प्रकाश उल्फत, श्री टी आर जोशी, डॉ दीपक टंडन तथा श्री अमर नाथ वढेरा को 2100-2100 रुपये का पुरस्कार दिया गया।  इस अवसर सूचना, जनसंपर्क तथा सांस्कृतिक कार्य विभाग के महानिदेशक श्री सुधीर राजपाल के अलावा हरियाणा की विभिन्न साहित्य अकादमियों के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

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