आई एन वी सी,,
चेन्नई,,
उपराष्ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी ने कहा कि गांधी जी पर शैक्षणिक कार्य हमेशा ही विशेषज्ञों और सामान्य पाठकों के बीच रुचिकर और उपयुक्त रहा है। उनकी शहादत की वर्षगांठ पर इस कार्य का विमोचन अपने आप में गौरव प्रदान करता है। उन्होंने प्रो. मुशीरूल हसन द्वारा लिखी गई पुस्तक ”फेद एंड फ्रीडम: गांधी इन हिस्ट्री” का विमोचन करने के बाद संबोधन में कहा कि गांधी जी पर लिखे सभी लेख इंसान, शिक्षक, समाज सुधारक, जन-नेता, सांप्रदायिक सद्भाव के उपदेशक, शक्तिशाली साम्राज्य के प्रतिवादी, नए तरह के राजनीतिक सक्रियतावाद के निर्माता अपने देश तथा नागरिकों की महान आत्माओं के कुछ पहलुओं पर आधारित है। प्रो. मुशीरूल हसन की पुस्तक पारंपरिक जीवनी और मानक इतिहास से परे है। यह पुस्तक विषयों के माध्यम से इतिहास के अनुसार चलती है। यह पुस्तक महात्मा गांधी के जीवन के उन पहलुओं तथा उनके द्वारा किए गए कार्य पर प्रकाश डालती है, जो हमें पता है परंतु उनका पर्याप्त विश्लेषण नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि प्रो. मुशीरूल हसन का ध्यान गांधी जी के विचार तथा कार्य के दो विशिष्ट पहलुओं के विश्लेषण पर केंद्रित है। पहला उनकी ”काँग्रेसी मुसलमानों के साथ जटिल तथा अस्थिर संबंध जोकि एक अपेक्षाकृत अज्ञात प्रजाति और जिन कारणों से उन्होंने लीग के दावे यानी पाकिस्तान का चयन किया” और दूसरा ”गांधी जी का दक्षिण एशिया में स्पष्टता और समझदारी से इस्लाम और मुस्लिम समुदाय की समझ की व्याख्या करना’